‘कब करनी है परिवार से अंतिम मुलाकात’- जेल प्रशासन ने पूछा निर्भया के दोषियों से

3 मार्च को सुबह 6 बजे होनी है चारों दोषियों को फांसी हालांकि फांसी टलने के पूरे आसार, एक दोषी के पास फांसी से बचने के दो रास्ते शेष तो एक ने मानसिक बिमारी का लगाया बहाना, चुनाव आयोग में भी लगा रखी है अर्जी

Nirbhaya Case
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पॉलिटॉक्स न्यूज़: निर्भया के दोषियों की फांसी का दिन जैसे जैसे करीब आ रहा है, तिहाड़ जेल में हलचल भी शुरु हो गई है. वहीं चारों दोषियों की बौखलाहट भी बढ़ती जा रही है. इसी बीच तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों से अपने परिवार से अंतिम मुलाकात करने के बारे में पूछा है. जेल प्रशासन ने लिखित तौर पर चारों दोषियों को सूचना दी है कि अंतिम मुलाकात जब करनी हो, वे अपने परिवार और जेल प्रशासन को बता दें. नए आदेश में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि दोषी मुकेश और पवन अपने अपने परिवार से अंतिम मुलाकात कर चुके हैं. अक्षय और विनय से भी इस बारे में कहा जा चुका है. पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 फरवरी को चारों दोषियों के लिए तीसरी बार डेथ वारंट जारी कर दिया है. चारों दोषियों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी है. हालांकि निर्धारित तिथि पर फांसी दिए जाने पर अभी भी संशय है.

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दरअसल निर्भया के चारों दोषियों की फांसी लगातार किसी न किसी कानूनी-दांवपेच की वजह से टलती जा रही है. इससे पहले 22 जनवरी और उसके बाद 1 फरवरी को फांसी का दिन तय हुआ था लेकिन दया याचिकाओं के लंबित होने के चलते फांसी टल गई. तीसरी बार फांसी टलने की भी संभावनाएं दिख रही हैं. वजह है कि दोषी पवन के पास अभी बचने के दो रास्ते शेष हैं. उसकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में न तो क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की गई है और न ही राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी गई है. फांसी को लटकाने के लिए केवल समय निकाला जा रहा है.

जहां तक आंकलन किया जा रहा है, दोषी की ओर से 29 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन दाखिल की जाएगी. रविवार को छुट्टी होने की वजह से सुनवाई सोमवार 2 मार्च को होगी. ऐसे में फांसी टलना निश्चित है. पवन के पास एक विकल्प ये भी है कि वो राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाये और जब तक राष्ट्रपति की ओर से इस संबंध में कोई फैसला आये तो उस कारण भी देरी हो सकती है.

पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 फरवरी को जो तीसरा डेथ वारंट जारी किया, उसका आधार भी यही बना. कोर्ट के सामने दलील दी गई कि किसी भी दोषी की कोई भी याचिका कहीं भी पेंडिंग नहीं है, लिहाजा डेथ वारंट जारी किया जाए. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में पिटिशन पेडिंग होने के चलते फांसी टलना करीब करीब पक्का है. अगर ऐसा न हो सकता तो राष्ट्रपति के सामने दया याचिका का हवाला दिया जाएगा. पॉलिटॉक्स पहले भी अपनी खबरों में इस बार को बता चुका है कि ये फांसी क्यों टल सकती है.

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इसके अलावा, विनय शर्मा की ओर भी पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें मानसिक बीमार होने का हवाला दिया गया है. इस याचिका में विनय की मानसिक स्थिति को खराब बताते हुए उसका इलाज कराने की मांग की गई है. साथ ही चुनाव आयोग में एक याचिका लगाते हुए कहा गया है कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश भेजी थी, तब दिल्ली में आचार संहिता लागू थी. ऐसे में सत्येंद्र जैन न तो मंत्री थे और न ही विधायक. इसी को आधार बनाते हुए अर्जी में कहा गया है कि ऐसे में दया याचिका खारिज करना गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ है. इसी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से इस पर कानूनी संज्ञान लेने की मांग की गई है.

याद दिला दें, दोषियों की ओर से दलील पेश करते हुए वकीलों ने सैंकड़ों तरह के अजीबो गरीब तर्क देकर फांसी टालने की पूरजोर कोशिशें की. एक दलील में ये तक कहा गया कि दिल्ली का पानी और आबोहवा इस कदर जहरीली हो चुकी है कि आदमी वैसे ही 55 या 60 साल से ज्यादा जिंदा नहीं रहा सकता. इसलिए इन्हें फांसी न दी जाए. वहीं एक अन्य दलील में राम राज्य और संविधान का जिक्र करते हुए कहा गया कि फांसी का यहां कोई जिक्र नहीं है. फांसी टालने के लिए रामायण और अन्य धार्मिक ग्रंथों और दोषियों के परिवार तक का हवाला दिया गया. फांसी की जगह उम्रकैद की बात भी कही गई लेकिन अदालत अपने फैसले पर कायम रही. अब केवल फांसी के वक्त को जितना हो सके, खींचने की कोशिश की जा रही है.

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गौरतलब है कि दिल्ली के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया था. मामले में 6 दोषी साबित हुए थे. निर्भया के एक दोषी राम सिंह ने केस की सुनवाई के दौरान ही खुदकुशी कर ली थी. जबकि एक नाबालिग होने के चलते बाल सुधार गृह में डेढ़ महीने की सजा काट 2015 में रिहा हो चुका है. अन्य चार दोषी मुकेश कुमार सिंह, विनय कुमार शर्मा, अक्षय और पवन गुप्ता को फांसी तय हुई है. पवन के अलावा अन्य तीनों के बचने के सभी रास्ते खत्म हो चुके हैं.

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