निर्भया: फांसी से बचने के लिए विनय ने चला नया पैंतरा, खुद को बताया सिजोफ्रेनिया का मरीज, चुनाव आयोग में भी दी याचिका

पिछले हफ्ते जिस वकील को बदलने की बात कही उसी ने लगाई पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका, अबकी बार गंभीर बिमारी होने और संविधानिक प्रक्रिया को बनाया बहाना, तीन मार्च को फांसी का जारी हो चुका है डेथ वारंट

पॉलिटॉक्स न्यूज़. निर्भया केस में दोषियों के लिए तीसरा डेथ वारंट जारी हो चुका है. चारों दोषियों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है. इसी बीच दोषियों ने सजा से बचने के लिए फिर से नया पैंतरा चला है. दोषी विनय शर्मा की ओर से उसके वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें विनय ने कहा कि उसे गंभीर मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया हो सकती है. इस याचिका में विनय की मानसिक स्थिति को खराब बताते हुए उसका इलाज कराने की मांग की गई है. इसी मामले में एक नया हडकंडा ओर अपनाते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा भी खटखटाया गया है. काबिलेगौर ये भी है कि पिछले हफ्ते विनय ने अपने वकील एपी सिंह को बदलने की बात कही थी और आज खुद एपी सिंह ने ही पटियाला हाउस कोर्ट में उसकी अर्जी लगाई है.

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गुरुवार को विनय शर्मा की ओर से वकील एपी सिंह ने याचिका दाखिल करते हुए उसकी मानसिक स्थिति को बेहद खराब बताया और उसका इलाज कराने की मांग की. अर्जी में कहा गया कि विनय शर्मा चोट लगने के बाद अपनी मां तक को नहीं पहचान पा रहा. ऐसे में उसे गंभीर मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया हो सकती है. इस याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल को विनय का ट्रीटमेंट और मेडिकल कराने को कहा है. शनिवार को मामले की दोबारा सुनवाई होगी. बता दें, 16 फरवरी को विनय ने तिहाड़ जेल में अपना सिर दीवार पर मार दिया था. इस कारण वह चोटिल हो गया था. हालांकि उसको मामूली चोट आई लेकिन अब वकील इसी बात को कोर्ट में अपना नया हथियार बना रहे हैं.

विनय के वकील ने एक और हथकंडा अपनाते हुए विनय की तरफ से गुरुवार को ही एक याचिका चुनाव आयोग में भी डाली है. याचिका में कहा गया है कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश भेजी थी, तब दिल्ली में आचार संहिता लागू थी. ऐसे में सत्येंद्र जैन न तो मंत्री थे और न ही विधायक. एपी सिंह ने बताया कि आप नेता ने 29 जनवरी को ये याचिका भेजी थी और अपना हस्ताक्षर व्हाट्सएप के जरिए 30 जनवरी को भेजा था. तब दिल्ली में आचार संहिता लागू थी.

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इसी को आधार बनाते हुए अर्जी में कहा गया है कि ऐसे में दया याचिका खारिज करना गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ है. इसी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से इस पर कानूनी संज्ञान लेने की मांग की गई है.

वहीं जेल सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों के स्वभाव में आक्रामकता पहले से बढ़ गई है. विनय के ड्रामे करने के बाद अब दोषियों की सेल के सामने अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को तैनात कर उनकी चौकसी बढ़ा दी गई है. उनकी लगातार काउंसलिंग भी की जा रही है. जेल अधिकारियों का कहना है कि विनय को ज्यादा चोट नहीं लगी है. फिर भी जेल प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी की तैनाती के साथ ऐसी स्थिति से निपटने के लिए दोषियों की सेल में अलार्म लगाया है. चारों दोषियों पर सीसीटीवी की निगरानी भी बढ़ा दी गई है.

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