Wednesday, January 22, 2025
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बाहरी नेताओं के लिए उपजाऊ साबित हुई है यूपी की चुनावी जमीन

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देश में उत्तर प्रदेश राजनीति का सबसे बड़ा गलियारा है. यह एक ऐसा गलियारा है जिसकी मिट्टी न केवल स्थानीय बल्कि बाहरी नेताओं को भी जमकर रास आयी. यहां की जनता ने न केवल बाहर से आए नेताओं को सम्मान दिया बल्कि उनका कद बढ़ा उन्हें सातवें शिखर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा दी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी, हेमा मालिनी, मो अजहरुद्दीन, उमा भारती और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनमें प्रमुख नाम हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही बाहरी नेताओं के बारे में जिनकी सियासत की चमक को यूपी ने तराशा.

अटल बिहारी बाजपेयी :
ग्वालियर, मध्य प्रदेश में जन्में अटल बिहारी बाजपेयी 1984 में अपने गृह क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हार गए थे. इसके बाद उन्होंने यूपी का रूख किया और यहीं से प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय किया. 1984 के बाद से प्रधानमंत्री बनने तक अटल लगातार लखनऊ के सांसद रहे. लखनऊ को कर्मभूमि बनाते हुए उन्होंने यहां लम्बे समय तक अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया.

उमा भारती :
उमा भारती ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत मध्य प्रदेश से की और वहां की मुख्यमंत्री भी रहीं. 2012 के यूपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने उमा भारती को महोबा की चरखारी सीट से चुनाव लड़ाया जहां उन्होंने ​जीत दर्ज की. 2014 में उन्होंने झांसी लोकसभा सीट से चुनाव जीता.

मोहम्मद अजहरऊद्दीन :
हैदराबाद में जन्में पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपनी सियासी पारी की शुरूआत उत्तर प्रदेश की सरजीं से की. उन्होंने अपना पहला चुनाव 2009 में यूपी के मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और सांसद बने।

नरेंद्र मोदी :
वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए नरेंद्र मोदी 1985 में बीजेपी से जुड़े और 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने. 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बाद नरेंद्र मोदी यूपी की वाराणसी लोकसभा सीट से चुनावी जीत दर्ज कर संसद संसद पहुंचे और देश के प्रधानमंत्री बनें. 2019 में फिर वह वाराणसी सीट से ही लोकसभा के प्रत्याशी हैं.

हेमा मालिनी :
यूं तो ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी का जन्म अमंकुदी, तमिलनाडु में हुआ लेकिन उनकी कर्म स्थली मुम्बई रही. 4 दशक का लंबा सफर फिल्मी ​दुनिया में बिताने के बाद वह राजनीति में आईं और भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्य सभा की सदस्य बनीं. 2014 में बीजेपी ने उन्हें यूपी की मथुरा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा जहां उन्होंने रालोद नेता जयंत चौधरी को धूल चटाते हुए जीत दर्ज की. 2019 में उन्हें फिर से मथुरा से बीजेपी चेहरा बनाया गया है.

जया प्रदा :
एक और फिल्मी अदाकारा जया प्रदा भी यूपी की रामपुर लोकसभा सीट से लगातार दो बार सांसद रहीं. हालांकि उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत एन.टी. रामराव के नेतृत्व में की. बाद में वह चंद्रबाबू नायडु वाले गुट में शामिल हो गईं और 1996 में वह आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए राज्य सभा में मनोनीत हुईं. नायडू से मतभेदों के चलते जया प्रदा आंध्र की राजनीति छोड़ यूपी की राजनीति में सक्रिय हुईं.  समाजवादी पार्टी की नेता रहीं जया प्रदा ने हाल ही में भाजपा का दामन थामा है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें रामपुर लोकसभा सीट से भाजपा चेहरा बनाया जा सकता है.

सुचेता कृपलानी :
पंजाब के अम्बाला में पली-बढ़ी सुचेता कृपलानी यूपी आने से पहले दिल्ली से लोकसभा सदस्य थी. उन्होंने यहां आने के बाद बस्ती जिले की मेंहदावल सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. बाद में गोंडा से बतौर सांसद चुनी गई. सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.

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