विधानसभा से गायब हुए चारों बीजेपी विधायकों ने वरिष्ठ नेताओं को दी सफाई, अब होगी कार्रवाई

पार्टी नेताओं ने माना लापरवाही हुई है, अब बाकी नेताओं से चर्चा कर सामुहिक निर्णय लिया जाएगा, चारों विधायकों के तर्क अजीब और असंतोषप्रद, लेकिन चारों ने दिलाया विश्वास वो पार्टी के समर्पित विधायक, उनको किसी ने कोई प्रलोभन नहीं दिया

Satish 2
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Politalks.News/Rajasthan. गत14 अगस्त को विधानसभा सत्र के दौरान सदन से गायब हुए प्रदेश भाजपा के चारों विधायकों ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं के सामने अपना पक्ष रखा. चारों विधायकों ने पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सामने अपनी सफाई दी और उसके बाद प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने चारों विधायकों को अलग-अलग बुलाकर उनकी बात को सुना. जानकारों की मानें तो चारों विधायकों के ही जवाब संतोषप्रद नहीं हैं. इस दौरान गुलाबचंद कटारिया और सतीश पूनियां ने भी माना कि व्हिप जारी होने के बाद बिना किसी सूचना के विधायकों का सदन से गायब होना बड़ी लापरवाही है. चारों विधायकों के जवाब पर पार्टी में चर्चा करके एक सामूहिक निर्णय किया जाएगा.

बता दें, राजस्थान विधानसभा सत्र के पहले दिन 14 अगस्त को भाजपा के जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा और धरियावाद विधायक गौतम मीणा बिना जानकारी दिए ही सदन से गायब हो गए थे. इसके बाद हरकत में आई पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने चारों विधायकों को 20 अगस्त को जयपुर में तलब किया था.

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चारों विधायक गुरुवार को पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के आवास पहुंचे उसके बाद सतीश पूनियां से मुलाकात की. इस दौरान चारों विधायकों ने अनुपस्थित रहने के अलग अलग तर्क दिए. विधायक गोपींचद मीणा ने कहा कि मेरी तबियत बिगड़ गई थी, जिसकी वजह से वो सदन में नहीं ठहर सका और अभी भी मेरी तबीयत ठीक नहीं है. वहीं विधायक हरेंद्र निनामा ने कहा कि उनको व्हीप का पता नहीं था, सुबह जब सत्र एक बजे तक के लिए स्थगित हुआ तो उसके बाद वो 15 अगस्त के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए रवाना हो गया था. विधायक कैलाश मीणा ने कहा कि मेरी गाड़ी खराब हो गई थी, उसे रिपेयरिंग के लिए दे रखी थी, जिसे लेने गया था, इसके बाद तेज बारिश में अटक गया. वहीं विधायक गौतम मीणा ने बताया कि कांग्रेस में एकजुटता हो गई थी और बीजेपी का कोई रोल नहीं था, इसलिए मैं अपने क्षेत्र के लिए रवाना हो गए था. लेकिन सभी विधायकों ने इस बात का विश्वास दिलाया कि वो पार्टी के समर्पित विधायक हैं और उनको किसी ने कोई प्रलोभन नहीं दिया.

चारों विधायकों को सुनने के बाद गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 14 अगस्त को सवेरे विधायक दल की बैठक में सिद्धी कुमारी के अलावा सभी उपस्थित थे. इसके बाद सदन में व्हिप बनाकर लॉबी में भेज दिया, जिस पर सभी विधायकों ने दस्तखत किए और जो दस्तखत नहीं कर पाए, उन्हें फोन से सूचना दे दी गई थी, फिर भी ये अनुपस्थित रहे. कटारिया ने कहा कि मैं झूठ नहीं बोलता और ना ही फालतू बात करता हूं. कोई भी निर्णय करने से पहले सामने वाले का पक्ष सुन लेना न्यायोचित होता है. व्यक्ति को व्यक्तिगत नहीं सुने तो निर्णय में चूक हो सकती है. इसलिए व्यक्तिगत सुनने के लिए एक-एक कर चारों विधायकों से बात की है. अब पार्टी फोरम पर प्रमुख लोग बैठकर आगे का निर्णय करेंगे. कटारिया ने बताया कि कार्रवाई हमें ही करनी है और अगर केंद्रीय नेतृत्व रिपोर्ट मांगता है तो वो भी भेजेंगे.

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वहीं प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि बिना किसी जिम्मेदार व्यक्ति को जानकारी दिए सदन से ये चारों विधायक बाहर गए हैं. साफ तौर पर लापरवाही बरती गई है. इस संबंध में चारों विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष और मेरे समक्ष अपना पक्ष रखा है. उस पर अब सामुहिक रूप से चर्चा करके निर्णय करेंगे. उनके जाने का मकसद क्या था, उस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. हम लोग मामले को लेकर गंभीर हैं और उचित निर्णय किया जाएगा.

गौरतलब है कि 14 अगस्त को विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना को निरस्त कर दिया था. इसके बाद ये चारों विधायक बिना सूचना दिए विधानसभा से चले गए. ऐसे में अगर भाजपा विश्वास प्रस्ताव पर डिविजन मांगती तो 75 की जगह केवल 71 ही वोट पड़ते. ऐसे में कांग्रेस पर आरोप मंढ़ने वाली भाजपा की किरकिरी होना पक्का था. इस मामले को लेकर पार्टी आलाकमान ने भी रिपोर्ट तलब की थी, जिसके बाद प्रदेश भाजपा ने मामले को गंभीर मानते हुए विधायकों को जवाब देने के लिए गुरुवार को जयपुर तलब किया था.

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