पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के चलते देश के विभिन्न राज्यों से राजस्थान में प्रवासी श्रमिकों का आवागमन जारी है. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूसरे राज्यों से राजस्थान लौटे श्रमिकों की श्रम शक्ति का उपयोग करने और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है. सीएम गहलात ने अधिकारियों से कहा कि विभिन्न प्रदेशों से आए प्रवासी श्रमिक जो वापस नहीं लौटना चाहते हैं, उन्हें प्रदेश में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों तक यह संदेश पहुंचना चाहिए कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में स्थानीय श्रमिकों के साथ-साथ उनके लिए भी चिंतित है.
दूसरे राज्यों से राजस्थान लौटे श्रमिकों की श्रम शक्ति का उपयोग करने और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है।
निवास पर उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा की।#COVID19Pandemic #राजस्थान_सतर्क_है
1/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 28, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर कोर ग्रुप के अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेते हुए कहा कि पिछले दो माह से भी अधिक समय से चल रहे लॉकडाउन के कारण प्रवासी श्रमिक पहले ही पीड़ा झेल रहे है. आजीविका छूटने से इन श्रमिकों पर दोहरी मार पड़ी है. ऐसे में जल्द से जल्द रोजगार से जोड़कर उन्हें सम्बल देना हमारी जिम्मेदारी है. इससे उद्योगों मेें श्रमिकों की मांग भी पूरी हो सकेगी.
करीब दो माह से भी अधिक लम्बे समय से चल रहे लॉकडाउन के कारण ये श्रमिक पहले ही पीड़ा झेल रहे है।आजीविका छूटने से उन पर दोहरी मार पड़ी है। ऐसे में जल्द से जल्द रोजगार से जोड़कर उन्हें सम्बल देना हमारी जिम्मेदारी है। इससे उद्योगों में श्रमिकों की मांग भी पूरी हो सकेगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 28, 2020
बुजुर्गों को नया हेल्थ प्रोटोकॉल अपनाने केे लिए जागरूक करें
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना का विपरीत असर हमारे सामाजिक जीवन पर पड़ा है. विशेषकर बुजुर्ग सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने और हेल्थ प्रोटोकॉल की वजह से घर से बाहर नहीं निकलने के कारण अकेलापन महसूस कर रहे हैं. सीएम गहलोत ने इन लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने, इन्हें मास्क लगाने, डिस्टेसिंग अपनाने सहित नए हेल्थ प्रोटोकॉल के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए.
बुजुर्गों को नया हेल्थ प्रोटोकॉल अपनाने के लिए जागरूक करें
कोरोना का विपरीत असर हमारे सामाजिक जीवन पर पड़ा है। विशेषकर बुजुर्ग सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने और हेल्थ प्रोटोकॉल की वजह से घर से बाहर नहीं निकलने के कारण एकाकीपन महसूस कर रहे हैं।
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कोरोना एक्टिव केसेज की संख्या लगभग स्थिर
सीएम गहलोत ने समीक्षा बैठक के दौरान इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि बीते पांच दिनों से राजस्थान में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या लगभग स्थिर है. गुरूवार तक प्रदेश में 8067 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं, जिनमें से 4815 लोग ठीक हो चुके हैं. वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोरोना केसेज की संख्या 3072 है और संक्रमण के दोगुने होने की दर 18 दिन से भी अधिक है.
यह संतोष की बात है कि बीते पांच दिनों से राजस्थान में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या लगभग स्थिर है। गुरूवार तक प्रदेश में 7947 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं, जिनमें से 4566 लोग ठीक हो चुके हैं।#COVID19Pandemic #राजस्थान_सतर्क_है
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जिला स्तर पर अधिकारी करें संक्रमण की स्थिति की समीक्षा
मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिलों में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण की स्थिति की नियमित समीक्षा करने के साथ ही स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कंटेमेन्ट जोन का निर्धारण करने के सम्बन्ध में निर्णय लें. सीएम गहलोत ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में क्वारंटाइन केन्द्रों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर वहां सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें.
निर्देश दिए कि सभी जिलों में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण की स्थिति की नियमित समीक्षा करने के साथ ही स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कंटेमेन्ट जोन का निर्धारण करने के सम्बन्ध में निर्णय लें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 28, 2020