Politalks.News/PunjabElection. पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) का घमासान तेज हो चला है. कांग्रेस (Congress) अपने उम्मीदवारों का फाइनल करने की तैयारी में जुटी है. आम आदमी पार्टी भी एक-एक कर अपने प्रत्याशी फाइनल कर रही है तो अकाली-BSP गठबंधन इनमें सबसे आगे हैं. इन सभी दलों के बीच भाजपा तो कैप्टन के भरोसे बैठी है वहीं अमरिंदर खुद कांग्रेस के भरोसे बैठे हैं. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amrinder Singh) -बीजेपी (BJP) के साथ हाथ मिला आगे बढ़ रहे हैं. भाजपा को कैप्टन तो कैप्टन को खुद कांग्रेस से आस है. कैप्टन अमरिंदर सिंह को आस है कि टिकट कटने और टिकट नहीं मिलने वाले नाराज उम्मीदवार उनकी पार्टी का रुख करेंगे. वहीं कैप्टन कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार तो कर ही रहे हैं साथ ही भाजपा के साथ भी लगातार सीटों को लेकर बारगेनिंग कर रहे हैं.
पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा की अनेक सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं. अजय माकन की अध्यक्षता में छंटनी समिति बनने से पहले ही कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय थे और साथ ही यह भी तय था कि किन किन सीटों पर उम्मीदवार बदले जाएंगे. कांग्रेस पार्टी कुछ विधायकों की टिकट काटेगी और एक-दो मौजूदा मंत्रियों को भी टिकट नहीं दिए जाने की चर्चा है. छंटनी समिति का अध्यक्ष बनने के बाद अजय माकन ने पिछले दिनों एक बैठक की, जिसमें संभावित उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया गया. माना जा रहा है कि 20 दिसंबर तक सभी नामों को दिल्ली भेज दिया जाएगा.
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आपको याद दिला दें कि, ‘राज्य विधानसभा में कांग्रेस के अभी 80 विधायक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के पार्टी छोड़ कर जाने के बाद उनके साथ अभी तक एक भी विधायक नहीं गया है. हालांकि कैप्टन की पुरानी पार्टी जिन विधायकों की टिकट काटेगी उसका अंदाजा उन्हें है. सियासी जानकारों का कहना है कि, कैप्टन और विधायक इस इंतजार में हैं कि कांग्रेस उनकी टिकट काटने का फैसला करे. कैप्टन अमरिंदर सिंह को इंतजार है कि कांग्रेस टिकटों का फैसला करे तो वे उसी हिसाब से अपने उम्मीदवार तय करें.
सियासी जानकारों का कहना है कि कैप्टन को आस है कि कांग्रेस जिन विधायकों के टिकट काटेगी वो नाराज उम्मीदवार उनके कैंप में आ जाएंगे. क्योंकि अकाली-BSP और आप द्वारा लगभग प्रत्याशी फाइनल कर लिए गए हैं. तो ऐसे उम्मीदवारों की पहली प्राथमिकता कैप्टन की पार्टी ही होगी. यह भी तय है कैप्टन को अपनी नई पार्टी के लिए अच्छे उम्मीदवार अपनी पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस से ही मिलेंगे.
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पंजाब में राजनीति हालातों को देखते हुए माना जा रहा है कि तमाम दूसरी पार्टियों के बावजूद अभी सबसे ज्यादा मांग कांग्रेस की टिकट की है. इसलिए हर सीट पर उसके पास ज्यादा दावेदार हैं. टिकट कटने और टिकट नहीं मिलने से निराश उम्मीदवार कैप्टन के साथ जाएंगे. इधर सियासी जानकारों के दावे पर कांग्रेस का कहना है कि वह जिनकी टिकट काटेगी वे अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ जाते हैं तो इससे कांग्रेस को नुकसान नहीं होगा क्योंकि कैप्टन के साढ़े चार साल के कार्यकाल की एंटी इन्कंबैंसी का ठीकरा उनके सर ही फूटेगा.