पॉलिटॉक्स न्यूज़/मध्यप्रदेश. मध्य प्रदेश में कोरोना संकट काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. लॉकडाउन के 19 दिन पूरे हो चुके हैं और भोपाल एवं इंदौर सहित प्रदेश के 16 से अधिक शहरों में कर्फ्यू लगा हुआ है, इसके बावजूद एमपी में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 565 के पार जा पहुंची है. प्रदेश में इतने कोरोना मामले सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इंदौर में रासुका लगाने और कुछ अपराधियों को सतना भेजने पर सवाल उठाया.
मप्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बीते कुछ दिनों में तेजी से बढ़ रही है. वर्तमान में कोरोना के 565 संक्रमित मरीज अब तक सामने आ चुके हैं. 43 की मौत भी हो गई है. इनमें से 311 तो अकेले इंदौर में हैं. भोपाल में 134 कोरोना मरीज हैं. पिछले 24 घंटों पर गौर करें तो 33 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई हैं जिनमें से 30 इंदौर और शेष तीन भोपाल में मिले हैं. वहीं कोरोना की जंग हारने से तीन लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. हालांकि अच्छी बात ये है कि 41 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं लेकिन फिलहाल 478 एक्टिव मरीज और इनकी तेजी से बढ़ती संख्या अभी भी सरकार की परेशानियों का सबब बनी हुई है.
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बीते कुछ दिनों के आंकड़ों पर नजर डाले तो शनिवार को मध्य प्रदेश में नए 30 कोरोना पॉजिटिव सामने आने से मरीजों की संख्या बढ़कर 470 हो गई. वहीं शुक्रवार को ये संख्या 440 थी. एक ही दिन में सात मौत भी हुई. शुक्रवार को 49 नए केस सामने आए थे.
मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की आंकड़ों पर चिंता जताते हुए प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने बीजेपी की शिवराज सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि जब प्रदेश में लॉकडाउन है, कई जिलों में कर्फ्यू है, कई जिलों की सीमा सील है, कोरोना के संक्रमण को देखते हुए आमजन को भी एक जिले से दूसरे जिले में जाने की इजाजत नहीं है. ऐसे में इंदौर में रासुका के अपराधियों को सतना भेज दिया गया और वो कोरोना संक्रमित निकले. इससे तो कोरोना का संक्रमण अन्य जिलों में भी फैलेगा.
गौरतलब है कि इंदौर की एक कॉलोनी में जांच करने पहुंची मेडिकल टीम पर कुछ लोगों ने पथराव किया. इसके बाद पुलिस टीम पर भी हमला करने के कुछ मामले सामने आए हैं. इसके बाद शिवराज सरकार ने कुछ उपद्रवियों की पहचान करते हुए उन पर रासुका के तहत मामला दर्ज कर सतना जेल भेज दिया था.
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इससे पहले कमलनाथ केंद्र सरकार पर भी राजनीतिक मुद्दे साधने के लिए कोरोना को लेकर लापरवाही करने का आरोप जड़ चुके हैं. हाल में जारी अपने एक बयान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार का पूरा ध्यान मध्य प्रदेश की सरकार गिराने में रहा और उन्होंने इतनी बड़ी विपदा को भी नजरअंदाज कर दिया. उस दौरान केंद्र सरकार का ध्यान राज्यसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के विधायक और नेताओं को अपने पक्ष में करने और सत्ता हथियाने पर था. इस वजह से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने में देरी की गई.