एमपी में शिवराज मंत्रिमंडल का हुआ गठन, वरिष्ठता, पसंद और वर्गीय समीकरण को साधते हुए बने पहले 5 मंत्री

5 मंत्रियों ने ली शपथ, ज्योतिरादित्य के करीबी तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को भी मिली कैबिनेट में जगह, मीना सिंह इकलौती महिला मंत्री, पिछले 28 दिनों से बिना कैबिनेट काम कर रहे थे सीएम शिवराज सिंह

पॉलिटॉक्स न्यूज/एमपी. मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के मिनी कैबिनेट का गठन आज हो गया. जैसा कि पॉलिटॉक्स ने अपने दर्शकों को पहले ही बता दिया था, मंत्रिमंडल में फिलहाल 5 मंत्रियों को जगह दी गई है. पांचों मंत्रियों को राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी. नरोत्तम मिश्रा सरकार के पहले मंत्री बने. उन्होंने सबसे पहले मंत्री पद और गोपनियता की शपथ ग्रहण की. कैबिनेट में मीना सिंह इकलौती महिला मंत्री हैं जबकि ज्योतिरादित्य के करीबी तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को भी मिली कैबिनेट में जगह मिली है. मंत्रीमंडल में उपचुनाव के मध्येनजर वर्गीय संतुलन को साधने की पूरी कवायद की गई है. यहां पांचों मंत्री 5 अलग अलग समाज से संबंध रखते हैं.

बता दें, 28 दिन पुरानी मप्र सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब तक अकेले ही काम कर रहे थे. कोरोना के बढ़ती मरीजों की संख्या के चलते विपक्ष पिछले कुछ दिनों से लगातार मंत्रीमंडल को लेकर सवाल खड़े कर रहा था.

सबसे पहले जानते हैं कि किन 5 ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की..

  • नरोत्तम मिश्रा (दतिया विधायक) शिवराज सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके हैं.
  • कमल पटेल (हरदा विधायक) 5 बार के विधायक, पहले भी शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
  • मीना सिंह (मानपुर विधायक) 2013 में भी इसी सीट से विधायक बनी थी, मंत्रीमंडल में इकलौती महिला मंत्री.
  • तुलसी सिलावट, सांवेर सीट से जीते थे और कांग्रेस छोड़ बीजेपी में हुए शामिल, कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं.
  • गोविंद सिंह राजपूत, ठाकुरों के बड़े नेता, कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं, कांग्रेस के बागी विधायकों में शामिल

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सबसे पहले नरोत्तम मिश्रा ने शपथ ग्रहण ली और चौथी बार बनी शिवराज सरकार के मंत्रीमंडल के पहले मंत्री बने. नरोत्तम मिश्रा सामान्य (ब्राह्मण) वर्ग का जाना पहचाना और बड़ा चेहरा हैं. बीजेपी के सीनियर और कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा को ऑपरेशन लोटस/ऑपरेशन होली में महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. केंद्रीय नेताओं की पसंद और वरिष्ठता के कारण नरोत्तम को मिनी कैबिनेट में शामिल किया गया. उनका मंत्रीमंडल में शामिल होना तय था.

Narottam Mishra
Narottam Mishra

इसके बाद तुलसी सिलावट पद एवं गोपनियता की शपथ ग्रहण करने मंच पर पहुंचे. मालवा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने वाले सिलावट ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के हैं और उनके काफी करीबी हैं. उनका मंत्रीमंडल में शामिल होना करीब करीब तय था. तुलसी सिलावट अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं.

Tulsi Silawat
Tulsi Silawat

तीसरे नंबर पर पांच बार के विधायक और बीजेपी नेता कमल पटेल ने शपथ ग्रहण की. कमल पटेल पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का बड़ा चेहरा माने जाते हैं.

Kamal Patel Mla
Kamal Patel Mla

बुंदेलखंड से प्रतिनिधित्व करने वाले गोविंद सिंह राजपूत ठाकुर समाज (क्षत्रिय/सामान्य) वर्ग के बड़े नेता हैं और सिंधिया खेमे से ताल्लूख रखते हैं. राजपूत कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं. हाल में कांग्रेस छोड़ बीजेपी का हाथ थामा है और इसी का उन्हें इनाम मिला है.

Govind Singh Rajput
Govind Singh Rajput

आखिर में मीना सिंह ने शपथ ग्रहण की. मीना सिंह आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) चेहरा हैं और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की नज़दीकी मानी जाती हैं. महिला वर्ग को साधने के लिए भी उन्हें मंत्रीमंडल में जगह मिली है.

Meena Singh
Meena Singh

शिवराज के इस मिनी मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक तीनों समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है. ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड, मालवा, विंध्य और मध्य क्षेत्र से एक-एक को कैबिनेट में शामिल किया गया है. वहीं, जातिगत समीकरण साधने के लिए ब्राह्मण, क्षत्रिय, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग से एक-एक चेहरे को मंत्री बनाया गया है. कमलनाथ सरकार को गिराने और बीजेपी को सत्ता में लाने के अहम किरदार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो खासम खास तुलसीराम सिलावट और गोविंद राजपूत को मंत्री बनाकर राजनीतिक बैलेंस भी बनाए रखा गया है.

सोशल डिस्टेंस के साथ शपथ लेकिन मास्क गायब
कोरोना संक्रमण के इस दौर के बीच हुए शपथ ग्रहण समारोह में सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा गया. मंत्री 6 फुट और राज्यपाल 12 फुट के फासले पर रहे. मंत्रियों को एक-एक कर शपथ दिलायी गयी. राजभवन में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी डी शर्मा, उमा भारती, सुहास भगत, संजय पाठक मौजूद रहे. कोई केंद्रीय नेता समारोह में शामिल नहीं हो सका. कोरोना से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर मीडिया को भी समारोह से दूर रखा गया. हालांकि सभी पांचों मंत्रियों सहित अन्य सभी गणमान्य व्यक्तियों ने अपने आपको मास्क से दूर रखा. अधिकारी और अन्य सहयोगी जरूर अपने आपको मास्क के पीछे ढके नजर आए.

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