Wednesday, January 22, 2025
spot_img
HomeMiscरिजर्व बैंक ने रेपो रेट में की कटौती, कर्जधारकों को राहत की...

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में की कटौती, कर्जधारकों को राहत की उम्मीद

Google search engineGoogle search engine

भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्जधारकों को राहत देते हुए रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है. एक साल के भीतर यह लगातार तीसरा मौका है जब केंद्रीय बैंक ने दरों में कटौती की है. बैंक ने रेपो रेट को 6 से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है. रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई कॉमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है. इसमें कमी से सभी तरह के लोन सस्ते होंगे. हालांकि, यह बैंकों पर निर्भर करता है कि वे रेपो रेट में कमी का फायदा ग्राहकों को कब तक और कितना देते हैं.

यदि बैंकों की ओर से इस रेट का लाभ ग्राहकों को दिया जाता है तो कर्जधारकों की मासिक किश्त में कमी देखने को मिल सकती है. दरअसल, रेपो रेट में कमी का कर्ज लेने वालों पर सीधा असर होता है, क्योंकि बैंक कर्ज पर ब्याज दर घटा सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि रेपो रेट में कटौती का मतलब है कि बैंकों का मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट घट का घट जाना.

आपको बता दें कि काफी पहले से रेपो रेट कम होने की उम्मीद की जा रही थी. असल में आर्थिक विकास की रफ्तार सुस्त पड़ने से आरबीआई पर इसमें कटौती का दबाव बढ़ गया था. मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 5.8 प्रतिशत रह गई है जब​कि पूरे वित्त वर्ष में विकास दर 6.8 प्रतिशत रही है. विकास दर का यह आंकड़ा पांच साल में सबसे कम है. ऐसे में रिजर्व बैंक की कोशिश है कि रेपो रेट कम कर सस्ते कर्ज के जरिए बाजार में नकदी बढ़ाकर अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज की जाए.

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कटौती के अलावा आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए ऑनलाइन फंड ट्रांसफर पर शुल्क खत्म करने का फैसला लिया है. बैंक अभी आरटीजीएस के ट्रांजेक्शन पर 5 रुपये से 51 रुपये तक का शुल्क लेते हैं जबकि एनईएफटी पर 1 रुपए से 25 रुपये तक फीस लगती है. गौरतलब है कि आरटीजीएस के जरिए 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा की राशि ट्रांसफर की जा सकती है जबकि एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर की कोई न्यूनतम सीमा नहीं है.

रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7 प्रतिशत करने का भी फैसला हुआ. गौरतलब है कि अप्रैल की बैठक के बाद 7.2 प्रतिशत का अनुमान जारी किया था. साथ ही रिजर्व बैंक ने अप्रैल से सितंबर की छमाही में महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 3-3.1 प्रतिशत कर दिया है. रिजर्व बैंक ने अप्रैल में 2.9 से 3 प्रतिशत महंगाई दर की उम्मीद जताई थी. आपको बता दें कि रेपो रेट तय करते समय आरबीआई खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है. फिलहाल यह चार प्रतिशत से नीचे बनी हुई है.

Google search engineGoogle search engine
RELATED ARTICLES

Leave a Reply

विज्ञापन

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img