कोरोना रैपिड टेस्ट करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, मजदूरों के लिए लाएंगे नई योजनाएं- गहलोत

राजस्थान में 1229 हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या 17 की हुई मौत, 24 घन्टे में 98 ने कोरोना पॉजिटिव आए सामने, राजधानी में कम हुआ कोरोना कहर, रैपिड टेस्ट किट से किए गए पहले 60 केस निकले पॉजिटिव, अब तक 183 मरीज हुए पॉजिटिव से नेगेटिव 93 को किया जा चुका है डिस्चार्ज

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में कोरोना संक्रमित नए मरीजों की संख्या के लिहाज से शुक्रवार का दिन भी अच्छा नहीं रहा. प्रदेश में शुक्रवार को 98 नए कोरोना पॉजिटिव केस आने से कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1200 पार हो गई है. वहीं जोधपुर और जयपुर में हुई एक एक मौत से कोरोना से मरने वालो की संख्या बढ़कर अब 17 हो गई है. प्रदेश में बढते कोरोना संक्रमण के बीच एक अच्छी खबर भी सामने आई है. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से प्रतिक्षित कोरोना रैपिड टेस्ट किट अब उपलब्ध हो गई है. राजस्थान देश में पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां कोरोना की अब रैपिड टेस्ट किट से जांच शुरू हो गई है. यही नहीं रैपिड टेस्ट किट से पहले दिन शुक्रवार को जयपुर परकोटा क्षेत्र में कि गई सभी 60 जांचे नेगेटिव आई हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर पत्रकारों से आॅनलाइन प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि प्रदेश को 10 हजार रैपिड टेस्ट किट प्राप्त होते ही जांच शुरू कर दी गई है. पचास हजार किट शुक्रवार रात तक मिलने हैं और 2 लाख किट तीन दिन में पहुंच जायेंगे. सीएम गहलोत ने आगे बताया कि रैपिड टेस्ट कन्फरमेटरी टेस्ट नहीं है, इसलिए पीसीआर टेस्ट की व्यवस्था पूर्व की भांति जारी रहेगी. इसमें किसी तरह की कमी नहीं की जाएगी.

मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में कोरोना जांच के लिए लैब स्थापित करने पर काम शुरू कर दिया गया है. जनसंख्या तथा औद्योगिक इकाइयां ज्यादा होने के कारण सबसे पहले अलवर में यह लैब स्थापित की जा रही है. सब्जी विक्रेताओं, खाद्य पदार्थों आदि की होम डिलीवरी करने वालों के भी रेपिड टेस्ट करवाए जाएंगे. सीएम गहलोत ने आगे बताया कि प्रदेश में कोरोना की जांच की संख्या में कोई कमी नहीं की गई है. बीते कुछ दिनों में पॉजिटिव मामलों की संख्या कम हुई है, इसका यह मतलब नहीं है कि टेस्ट की संख्या कम की गई है. राजस्थान में देश में सबसे ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं. प्रदेश में अब तक 42 हजार 751 टेस्ट किए जा चुके हैं.

वेंटीलेटर और अन्य उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार से टेस्ट किट, पीपीई, वेंटीलेंटर तथा अन्य उपकरणों की केंद्रीकृत खरीद के लिए आग्रह किया था, ऐसा करने पर उपकरणों की उपलब्धता उचित दरों पर जल्द उपलब्ध हो पाती, लेकिन केंद्र सरकार ने इस सुझाव को नहीं माना. इसके परिणाम स्वरूप खुद राज्यों को ही दुनिया के दूसरे देशों तक दौड़ लगानी पड़ी. अब टेस्ट किट उपलब्ध हो गए हैं तो रेंडम टेस्ट शुरू किए जाएंगे. इससे संक्रमण की वास्तविकता का पता चल सकेगा. अभी प्रदेश में पर्याप्त संख्या में पीसीआर टेस्ट किट, पीपीई किट और वेंटीलेटर्स उपलब्ध हैं.

प्लाजमा ट्रीटमेंट की रिसर्च में एसएमएस भी शामिल

सीएम गहलोत ने आगे कोरोना के प्लाजमा ट्रीटमेंट के सवाल पर कहा कि इसके लिए हो रहे शोध में एसएमएस अस्पताल भी जुड़ा हुआ है. एसएमएस के चार दवाओं के कॉम्बीनेशन पर भी दुनिया के देशों में रिसर्च हो रही है. इस बीमारी की रोकथाम के लिए राजस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञों सहित हर व्यक्ति ने बेहतरीन काम किया है.

मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान प्रोटोकॉल में कोई ढील नहीं

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि 20 अप्रैल से शुरू होने वाले मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान मास्क लगाने, सामाजिक दूरी बनाने सहित सभी प्रोटोकॉल की पालना में कोई ढील नहीं दी जाएगी. केवल उद्योग-धंधों और काम पर आने-जाने के लिए मूवमेंट में आंशिक छूट केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप दी जाएगी.

क्वारेंटाइन सुविधा जगह की उपलब्धता के अनुसार

मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि क्वारेंटाइन की सुविधा आबादी क्षेत्र के पास होने पर घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोरोना हवा से फैलने वाली बीमारी नहीं है. क्वारेंटाइन सुविधा जगह की उपलब्धता और भोजन आदि की व्यवस्था सुलभ करवाने में आसानी होने के आधार पर तय की जाती है. कोई भी सरकार नहीं चाहेगी कि एक भी मरीज की संख्या बढे़, इसलिए क्वारेंटाइन फैसेलिटी में सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल की पूरी पालना की जाती है.

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में केंद्र की भूमिका अधिक

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण देश में प्रवासी मजदूरों की समस्या बहुत गंभीर हो गई है. चाहे मजदूर अपने राज्य में रह रहे हों या दूसरे राज्य में उनका एक बार अपने घर जाना जरूरी है. ऐसे में 20 अप्रैल के बाद हो सकता है, भारत सरकार इसमें थोड़ी छूट दे दे. ऐसा होने से मजदूरों का टूटा मनोबल लौट सकेगा और वे अपने रोजगार पर वापस आने में सहूलियत महसूस करेंगे.

वित्तीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से कम होंगी तकलीफें

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि कोरोना और लॉकडाउन से केवल मध्यम वर्ग ही नहीं, सभी वर्गों की परेशानियां बढ़ी हैं. खुद राज्य सरकारें भी विषम आर्थिक हालातों का सामना कर रही हैं. लॉकडाउन से पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है, इससे निपटने के लिए सभी को कुछ त्याग करना पडे़गा. देश-प्रदेश और परिवारों को खर्चों में कटौती करनी पडे़गी. वित्तीय संसाधनों को बेहतर प्रबंधन करना पडे़गा, तभी सबकी तकलीफें कम हो सकेंगी.

मजदूरों को रोजगार के लिए बनाएंगे योजना

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जहां मजदूरों की परेशानी को दूर करने का लक्ष्य रखकर काम शुरू किया गया है. आमजनता, समाज और प्रशासन ने इसमें भरपूर सहयोग दिया है. कुछ काम-धंधे 20 अप्रेल के बाद शुरू हो जाएंगे तो कुछ लोगों को काम मिल जाएगा. उसके बाद आकलन कर शेष मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की योजनाएं बनाई जाएंगी.

कंद्र सरकार की भूमिका अहम

सीएम गहलोत ने आगे उद्योगपतियों को राज्य सरकार की ओर से सहायता दिये जाने की योजना के सवाल पर कहा कि राज्य सरकार स्वयं के लिए केंद्र सरकार से पैकेज मांग रही है, हमारा मानना है कि उद्योगों को भी इस संकट के दौर से बाहर आने के लिए मदद की जानी चाहिए. यह एक राष्ट्रीय त्रासदी है, जिसमें सभी वर्ग परेशानी में हैं. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार की बजाय केंद्र सरकार की भूमिका अधिक है.

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बता दें, राजस्थान में अब तक 25 जिलों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है. प्रदेश में अब तक जयपुर में 494, जोधपुर-154, कोटा-92, टोंक-93, बांसवाडा-59, झुंझुनू-36, बीकानेर-35, जैसलमेर-30, भीलवाडा-28, भरतपुर-43, झालावाड-18, अजमेर-15, चुरू और नागौर में 14-14, दौसा-13, अलवर-7, डूंगरपुर-5, उदयपुर-4, करौली-3, प्रतापगढ, हनुमानगढ, सीकर और पाली में 2-2, धौलपुर और बाडमेर में अब तक एक एक कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया है.

गौरतलब है कि जोधपुर और जैसलमेर में ईरान से रेस्क्यू कर लाये गये भारतीयों में से 60 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. इसके अलावा जयपुर में इटली के 2, इन सभी को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1229 तो शुक्रवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में एक और जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में एक कोरोना पॉजिटिव की मौत हो जाने से कोरोना से मरने वालों की संख्या 17 हो चुकी है. वहीं प्रदेश में अब तक सामने आए 1229 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 183 मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके है जिनमें से 93 को डिस्चार्ज किया जा चुका है.