टोंक में पुलिस पर हुए हमले पर पायलट ने लिया एक्शन तो पूनियां ने गहलोत सरकार को बताया जिम्मेदार

हनुमान बेनीवाल ने की रासुका के तहत कार्रवाई की मांग तो कैलाश चौधरी ने हमला करने वालों को बताया समाज पर कलंक, सीएम गहलोत को सोनिया-राहुल गांधी के दबाव में काम करने के बजाय राजधर्म का करना चाहिए पालन- पूनियां

टोंक में पुलिस कर्मियों पर हुए हमले के बाद गरमाई प्रदेश की राजनीति
टोंक में पुलिस कर्मियों पर हुए हमले के बाद गरमाई प्रदेश की राजनीति

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देशभर में बढ रहे कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना वॉरियर्स अपनी जान हथेली पर रख देशवासियों को महफूज रखने की जी तोड़ कोशिश कर रहे है. संकट के इस समय में कोरोना संक्रमण के हॉट स्पॉट कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में जहां पुलिस कर्मी अपनी जान पर खेलकर लोगों की जिदंगी बचाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है वहीं कुछ समाज कंटक लोग इन पुलिसकर्मियों पर हमला करने से भी नहीं चूक रहे हैं. राजस्थान के टोंक में इंसानियत को शर्मसार करने वाला इसी तरह का एक मामला शुक्रवार को सामने आया. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक में कर्फ्यू के दौरान बावड़ी चौराहे स्थित कसाईयो के मोहल्ले कुछ समाजकंटकों ने पुलिस पर हमला कर दिया. हमले में कोतवाली पुलिस के तीन कांस्टेबल घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इस मामले में 15 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस कर्मियों पर हुए इस हमले के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है, विपक्ष के नेताओं ने हमले की कडी निंदा करटे हुए गहलोत सरकार पर निशाना साधा.

दरअसल, टोंक में सबसे पहले 2 अप्रैल को चार कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने के बाद से कर्फ्यू लगाया हुआ है. कर्फ्यू के बावजूद टोंक में लगातार बढते कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन को हॉट स्पॉट इलाकों में लोगों के घरों से बाहर निकलने पर सख्ती से पेश आने निर्देश सरकार ने दिए हुए है. हाल ही में टोंक दौरे पर रहे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस मामले में जिला एसपी को कर्फ्यू की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद भी शुक्रवार सुबह टोंक से कसाई पाडा इलाके में लोगों की भीड जमा होने लगी. भीड के इक्टठा होने पर वहां पुलिस कर्मियों ने लोगों को घरों में अंदर जाने को कहा जिसका लोगों ने विरोध कर दिया. ऐसे में पुलिस ने जब सख्ती बरतना शुरू किया तो भीड ने पुलिस पर हमला कर दिया जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.

पुलिस कर्मियों पर हुए हमले की जानकारी मिलते ही इलाके में पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाप्ता भेजा गया. घटना के बारे में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह पुलिस गश्त कर रही थी. इस दौरान बावड़ी मोहल्ला में कसाइयों की गली में पुलिस पर हमला किया गया. हमले में कांस्टेबल राजेन्द्र, भाग चंद और रामराज घायल हो गए जिनको इलाज के लिए टोंक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने हमला करने वाले 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

पुलिस कर्मियों के साथ हुई इस घटना पर स्थानीय विधायक एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि मैं टोंक में ड्यूटी पर पुलिस कर्मियों पर हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण हमले की निंदा करता हूं. घायल पुलिसकर्मियों का इलाज के अस्पताल जाना पडा, मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. कोरोना वॉरियर्स पर हमले को बर्दाश्त बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस हमले के जांच के आदेश दे दिए गये है. एफआईआर में नामजद 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

पायलट ने आगे कहा कि हिंसा में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. टोंक में सभी लोगों की सुरक्षा के लिए कर्फ्यू लगाया गया है, कर्फ्यू के आदेशों का पालन किया जाना चाहिए. पुलिस, डॉक्टर और प्रशासन सभी को सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हमें इस लड़ाई में एकजुट होकर खड़े होने की जरूरत है.

पूनियां ने गहलोत सरकार को बताया जिम्मेदार

वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी तुष्टिकरण की नीति के कारण इन समाजकंटको की हिम्मत इतनी बढ़ गई है की वे उनको बचाने के लिए लगे पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों पर ही हमला कर रहे हैं. सीएम गहलोत को सोनिया गांधी, राहुल गांधी के दबाव में काम करने के बजाय राजधर्म का पालन करना चाहिए. इन समाजकंटको से कैसे निपटना है ये गहलोत को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सिखना चाहिए, जिन्होंने इनकी हरकतों का इनकी भाषा में ही जवाब दिया है. दूसरे राज्यों की सरकारें जब ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही कर रही है, गहलोत सरकार इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही करना तो दुर इनके कुकृत्यों को छुपा रही है.

पूनियां ने आगे कहा कि अपने वोट बैंक के चक्कर में गहलोत तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर चुके है. ना तबलिगी जमात के ख़िलाफ़ कार्यवाही की हिम्मत दिखा पा रहे है और ना ही इनकी वजह से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोक पा रहे है. गहलोत सरकार बताए कि ऐसा क्या कारण है की प्रदेश में संक्रमण के 90 प्रतिशत से ज़्यादा मामले एक समुदाय विशेष के प्रभाव वाली जगहों पर ही आ रहे है, और कर्फ़्यू के बावजूद संक्रमण फैलने से रुक नहीं रहा है. इनको बचाने के काम में जो लगे है उन लोगों पर ही ये हमला कर रहे है और असहाय हो चुकी सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि टोंक में पुलिस कर्मियों पर समाज कंटको द्वारा हमले करने की खबर बेहद दु:खद एवं निंदनीय है. समाज और देश के प्रति पूर्ण कर्तव्य निष्ठा से काम कर रहे इन योद्धाओं के प्रति ऐसे कृत्य करने वाले समाजकंटको के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए.

मंत्री चौधरी ने आगे कहा कि ऐसे लोगों की ऐसी घृणित मानसिकता पर शर्म आती है, जो मानव समाज के नाम पर कलंक है. मेरा प्रदेश सरकार और प्रशासन से आग्रह है कि इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो ताकि हमारे कर्मवीरों का कार्य के प्रति हौसला बना रहे एवं ऐसे समाजकंटको को सबक मिल सके.

बेनीवाल ने की रासुका की मांग

वहीं नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने कहा कि टोंक जिले में राजस्थान पुलिस के के जवानों पर किया गया हमला निंदनीय है. सांसद बेनीवाल ने सीएम गहलोत से ट्वीट कर कहा कि अशोक गहलोत जी को ऐसे हमलावरों पर रासुका के तहत कार्यवाही करके जिम्मेदार नेतृत्व का परिचय दीजिए.

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बता दें, टोंक में कोरोना वॉरियर्स पर हमले की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले 2 अप्रैल को टोंक शहर के काली पलटन क्षेत्र में भी कोरोना वायरस को लेकर सर्वे कर रही महिला सर्वेयर की टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था. सर्वे कर रही टीम में 6 महिला सदस्य थी. सर्वे टीम संदिग्ध और बाहर से आए लोगों का सर्वे कर रही थीं जिसमें कुछ लोगों के नाम लिखे हुए थे. इस दौरान कुछ लोग आए और उन्होंने सर्वे का रजिस्टर फाड दिया था और महिलाओं के साथ मारपीट की थी.

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