Politalks.news/Bihar. लालू की पार्टी में शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई अब खुलकर सामने आते दिख रही है. एक ओर तेजप्रताप यादव राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव जगदानंद सिंह के पक्ष में बयानबाजी कर रहे है. तेजस्वी यादव का जगदानंद सिंह के पक्ष में बयानबाजी करना तेजप्रताप यादव को रास नहीं आया. इसी मामले को लेकर तेजप्रताप यादव ने गुरूवार को हुई पत्रकार वार्ता में कहा था कि वे इस मामले में वे पहले तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे और उसके बाद लालू प्रसाद यादव से मिलेंगे. इस बयान के बाद शुक्रवार को जब तेजप्रताप यादव राबड़ी आवास पर तेजस्वी से मिलने पहुंचे तो लग रहा था कि अब दोनों भाइयों के बीच तकरार ख़त्म हो जायेगी. लेकिन राबड़ी के आवास से बाहर निकले तेजप्रताप का तमतमाता लाल चेहरा कुछ और ही बयां कर रहा है. बताया जा रहा है कि तेजप्रताप यादव को तेजस्वी यादव से मुलाकात ही नहीं करने दी गई. राबड़ी आवास से बाहर निकले तेजप्रताप यादव ने कहा कि, ‘संजय यादव होते कौन हैं बीच में बोलने वाले और मुझे रोकने वाले?’
आकाश यादव को हटाए जाने का मामला पकड़ता जा रहा है तूल
राजद छात्र इकाई के पूर्व अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटाए जाने का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है. आकाश यादव को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से ही जगदानंद तेजप्रताप यादव के निशाने पर है. तेजप्रताप ने आकाश यादव को पद से हटाए जाने की प्रक्रिया को राजद के संविधान के विपरीत बताया. तेजप्रताप ने दो टूक शब्दों में यह भी कह दिया कि, ‘जब तक जगदानंद सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी वह पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे’. तेजप्रताप ने साथ ही कार्रवाई ना किये जाने पर कोर्ट जाने की धमकी भी दे डाली. तो वहीं तेजस्वी यादव ने जगदानंद सिंह के निर्णय को सही बताते हुए कहा कि, ‘उनका निर्णय सही है और उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता है कि वे किस को पद से हटा रहे हैं और किसे नियुक्ति दे रहे है’.
संजय यादव होते कौन है मुझे तेजस्वी से ना मिलने देने वाले- तेजप्रताप
इस पूरे मसले पर तेजप्रताप यादव अपने भाई तेजस्वी से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे. करीब 20 मिनट बाद जब तेजप्रताप यादव राबड़ी आवास से बाहर निकले तो उनके चेहरे से गुस्सा साफ़ झलक रहा था. इस दौरान तेजप्रताप ने आरोप लगाया कि, ‘जब तेजस्वी से मेरी बात हो रही थी तभी वहां उनके सलाहकार संजय यादव पहुंच गए और उन्होंने मुझे रोक दिया और संजय यादव तेजस्वी को लेकर कमरे के अंदर चले गए’. तेज प्रताप ने कहा कि, ‘संजय यादव होते कौन हैं बीच में बोलने वाले और रोकने वाले?’
तेजप्रताप ने संजय यादव को बताया RSS का स्लीपर सेल
अब इस पूरे घटनाक्रम के बाद तेजप्रताप यादव ने इंग्लिश में ट्वीट करते हुए खुद को लालूवादी विचारधारा का लड़ाका बताया और संजय यादव को तंज भरे लहजे में RSS का स्लीपर सेल बता डाला. तेजप्रताप ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘तेजप्रताप यादव लालू यादव के वे योद्धा हैं जो अंतिम सांस तक लालूवादी विचारों के लिए लड़ेंगे और आप नागपुरिया पार्टी के स्लीपर सेल हैं. इससे पहले भी तेजप्रताप यादव हरियाणा मूल के संजय यादव पर निशाना साध चुके हैं. तेजप्रताप ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, ‘जिस प्रवासी सलाहकार के इशारों पर पार्टी चल रही वो हरियाणा में अपने परिवार से किसी को सरपंच नहीं बनवा सकता वो ख़ाक मेरे अर्जुन को मुख्यमंत्री बनायेगा. वो प्रवासी सलाहकार सिर्फ लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा कर सकता है’.
अपने बयान पर कायम हैं तेजप्रताप
राबड़ी आवास से बाहर निकले तेजप्रताप यादव अभी भी अपने बयानों पर कायम है. तेजप्रताप यादव ने कहा कि, ‘वे पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगाएंगे और जनता दरबार लगाने से मुझे कोई रोक लेगा क्या?’ तेज प्रताप ने आगे कहा कि, ‘उन्होंने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बातें रखीं उस पर हम अभी भी कायम हैं. तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को लेकर पूछे गए सवाल पर तेजप्रताप ने कहा कि कौन क्या कर रहा है, उससे उन्हें मतलब नहीं है. मुझे बिहार की जनता से मतलब है’.
तेजस्वी-तेजप्रताप की जंग में बहन रोहिणी ने ली एंट्री
वहीं तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच जारी सियासी जंग के बीच अब उनकी बहन रोहिणी सिंह भी कूद पड़ी है. अक्सर अपने विचारों को लेकर मुखर रहें वाले रोहिणी सिंह ने तेजप्रताप यादव को नसीहत देते हुए शांत रहने की सलाह दी. रोहिणी सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘अनुशासन जीवन की वो कुंजी है, जिसके बिना सफलता अधूरी है. वहीं अपने दूसरे ट्वीट में रोहिणी ने लिखा कि सफलता का मंजिल पाना है अनुशासन और संयम को अपनाना है’.
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लालू ने पूरे घटनाक्रम पर साध रखी है चुप्पी
लालू यादव के दोनों लालों के बीच अब वर्चस्व की लड़ाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है. अब तक पार्टी में चल रही बयानबाजी और दोनों भाइयों के बीच आपसी खींचतान को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का कोई भी बयान सामने नहीं आया है. जिस तरह तेजप्रताप यादव का गुस्सा अपने चरम पर है उसे देख यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ‘लालू’ के ‘लालों’ की बीच जारी वर्चस्व की लड़ाई आसानी से थमने वाली नहीं है.