राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर सेना के पराक्रम व अभियानों के राजनीतिकरण को रोकने के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. पत्र में शामिल नामों में से कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति को ऐसी कोई चिट्ठी लिखने से मना किया है. वहीं कुछ ने इसे लिखने पर हामी भरी है. बता दें कि, राष्ट्रपति को लिखी इस चिट्ठी में पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी के बयानों का जिक्र करते हुए भारतीय सेना के राजनीतिकरण को रोकने की अपील की गई थी. इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने भी ऐसी किसी चिट्ठी मिलने से इनकार किया था. कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस चिट्टी को शेयर कर पीएम मोदी और बीजेपी को घेरने की कोशिश की थी.

चिट्ठी बनती जा रही विवादी चिट्ठा

कांग्रेस द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्टेड पूर्व सैन्य अधिकारियों की चिट्टी अब नए विवाद का चिट्ठा बनती जा रही है. इस चिट्टी में जिन पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम शामिल है, उनमें से कई पूर्व सैनिकों ने सेना के ‘राजनीतिकरण’ पर राष्ट्रपति को कोई भी चिट्ठी लिखने से इनकार तक कर दिया है. सूत्रों के अनुसार, विवाद में संशय यहां भी बनता दिख रहा है जब इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने ऐसी कोई चिट्ठी मिलने से इनकार किया था. चुनावी कैंपेन में सेना के शौर्य के राजनीतिक इस्तेमाल करने के खिलाफ सामने आई यह चिट्ठी मीडिया में सुर्खियां बनी हुई है.

अलग-अलग बयान आ रहे हैं सामने

मीडिया रिपोर्टस में तो यहां तक कहा जा रहा है कि मुताबिक सेना के 150 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर सेना के राजनीतिकरण पर रोक लगाने की मांग की थी. बता दें कि, राष्ट्रपति को लिखी गई इस चिट्ठी में जिन पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं, उनके अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. जिनमें से कुछ पूर्व सैनिकों ने तो यहां तक कहा है कि उन्होंने ऐसी किसी चिट्ठी पर कोई हस्ताक्षर नहीं किये हैं। वहीं कुछ सैनिक यह चिट्ठी लिखने के लिए हामीं भर रहे हैं.

पूर्व चार बड़े सैन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तो सेना के शौर्य का राजनीतिकरण रोकने के लिए राष्ट्रपति को लिखी 156 पूर्व सैनिकों की यह चिट्ठी लोकसभा चुनाव-2019 के पहले चरण के मतदान के दिन लिखी गई थी. वहीं इस चिट्ठी पर सेना के तीन पूर्व प्रमुखों जनरल (रिटायर्ड) एसएफ रॉड्रिग्ज, जनरल (रिटायर्ड) शंकर रॉय चौधरी और जनरल (रिटायर्ड) दीपक कपूर, चार पूर्व नेवी चीफ और पूर्व एयर फोर्स चीफ एनसी सूरी के हस्ताक्षर भी होने की बात कही जा रही है। जबकि न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने भी और जनरल एसएफ रॉड्रिग्ज ने भी ऐसी कोई चिट्ठी लिखे जाने से इनकार किया है.

बता दें कि, विवाद की जड़ बनती जा रही इस चिट्ठी में रॉड्रिग्ज का ही सबसे पहले हस्ताक्षर है. वहीं हस्ताक्षर करने वालों में शामिल एनसी सूरी ने कहा है कि, ‘ऐसी किसी चिट्ठी में मेरी कोई इजाजत नहीं ली गई, हम चुनी हुई सरकार के साथ हैं. चिट्ठी में जो भी लिखा हुआ है, उससे हम सहमत नहीं हैं.’ तो वहीं, मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने हामी भरते हुए माना है कि चिट्ठी पर हस्ताक्षर से पहले उनकी सहमति ली गई थी. कक्कड़ ने कहा, ‘हां मैंने इस चिट्ठी में लिखी बातों को जानने के बाद इस पर सहमति दी है.’

गौरतलब है कि, कांग्रेस द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर इस विवादित चिट्ठी में लिखा कि, ‘आप भारतीय सेना के सुप्रीम कमांडर हैं, इसलिए हम आपके संज्ञान में यह बात लाना चाहते हैं कि हमारे सेना में कार्यरत और रिटायर्ड अधिकारियों में कुछ बातों को लेकर चिंता है.’ इस चिट्ठी के जरिए कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी और मौजूदा सरकार के साथ-साथ बीजेपी को को घेरने की कोशिश की थी। वहीं चिट्ठी में पीएम मोदी के चुनावी भाषण के दौरान युवाओं से अपने वोट को सेना के लिए समर्पित करने की अपील और यूपी सीएम योगी के भारतीय सेना को मोदी जी की सेना कहने के बयान का भी जिक्र किया गया है।

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