पश्चिम बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच छिड़ी पोस्टकार्ड जंग में डाक विभाग को 3.53 करोड़ रुपये की चपत लग गई है. बीजेपी जहां तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी को ‘जय श्रीराम’ लिखे 10 लाख पोस्टकार्ड भेज रही है तो वहीं तृणमूल बीजेपी नेताओं को ‘जय बांग्ला, जय काली’ लिखे 20 लाख पोस्टकार्ड भेज रही है. दोनों पार्टियों के बीच जारी इस पोस्टकार्ड जंग का खामियाजा डाक विभाग को भुगतना पड़ रहा है.

दरअसल, 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर एक पोस्टकार्ड पर 12.15 रुपये लागत आती है, लेकिन डाक विभाग इसे सिर्फ 50 पैसे में बेचता है. यानी हर पोस्टकार्ड पर विभाग को 11.75 रुपये का घाटा उठाना पड़ता है. इस हिसाब से तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रहे पोस्टकार्ड वार से डाक विभाग को 3.53 करोड़ रुपये का घाटा होगा. गौरतलब है कि बीजेपी कार्यकर्ता ये पोस्टकार्ड केवल ममता बनर्जी को भेज रहे हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता अपने पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी, अर्जुन सिंह, मुकुल रॉय और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को भेज रहे हैं.

आपको बता दें कि बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए जाने पर ममता बनर्जी कई बार नाराज होकर उन्हें फटकार लगा चुकी हैं. इसीलिए बीजेपी कार्यकर्ता इस नारे को उनके खिलाफ जनसमर्थन जुटाने के लिए एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि भाजपा के इस मुहिम के खिलाफ तृणमूल ने अपना अभियान शुरू किया है. इस बीच बुधवार को ईद के मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा.

ममता बनर्जी ने बीजेपी के उदय की तुलना सूर्योदय से करते हुए कहा कि कई बार सूर्य के उगने पर उसकी किरणें तेज होती हैं लेकिन कुछ देर बाद उसकी आंच कम हो जाती है.उन्होंने कहा कि बीजेपी जितनी तेजी से ईवीएम पर कब्जा करेगी, उतनी ही तेजी से वह गायब हो जाएगी. उन्होंने पश्चिम बंगाल में रहने वाले मुस्लिमों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने का भरोसा देते हुए कहा कि त्याग का नाम हिंदू है, ईमान का नाम मुसलमान है, प्यार का नाम ईसाई है, सिखों का नाम है बलिदान. यह है हमारा प्यारा हिंदुस्तान. हम लोग इसकी रक्षा करेंगे.

वहीं, ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर धर्म व राजनीति के घालमेल का आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि ‘राम’ की टीआरपी कम हो जाने की वजह से भगवा पार्टी ने ‘जय श्रीराम’ की जगह ‘जय महाकाली’ का नया नारा अपनाया है.

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