मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक जारी, गायब विधायकों में से दूसरा लौटा तो पहले लौटे 6 में दो फिर हुए गायब

घर लौटे गायब कांग्रेसी विधायक ने कहा- तीरथ करने गया था लेकिन मंत्री नहीं बनाने से हूं नाराज, भोपाल आते ही कमलनाथ से मुलाकात करने पहुंचे, दिग्विजय गुट से संबंध रखते हैं 5 बार के मप्र विधायक

Bisahu Lal Mp
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पॉलिटॉक्स न्यूज. मप्र में पिछले एक हफ्ते से चल रही सियासी उठापटक और उहापोह की स्थिति अब तक थमी नहीं है. कुछ दिनों पहले 10 विधायकों के बंधक बनाने की खबर और 6 विधायकों के लौटने की खबर आई. इनमें से 4 विधायकों के कर्नाटक जाने की खबर भी आई थी. इस चार में से लौटे एक विधायक हरदीप सिंह डग ने आते ही अपना इस्तीफ़ा सौंप कर सियासी हलचल तेज कर दी. अब बाकी तीन में से एक और कांग्रेसी विधायक बिसाहूलाल सिंह वापिस लौट आए हैं. उन्होंने आते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की. वहीं बिसाहलाल ने मीडिया को बंधक बनाए जाने जैसी खबरों को अफवाह बताते हुए अपने तीरथ जाने की बात कही. इसके साथ ही सरकार में मंत्री न बनाए जाने को लेकर नाराजगी भी जताई. इसी बीच पहले लौटे 6 विधायकों में से दो के फिर से भोपाल छोड़ने की खबरे आ रही हैं जिसके चलते सियासी उठापटक फिर से तेज हो गई है.

हुआ कुछ यूं कि बेंगलुरू में बीते छह दिन से जमे तीन कांग्रेसी विधायकों में से एक बिसाहूलाल सिंह रविवार को भोपाल लौट आए. बिसाहू बेंगलुरू से पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल के साथ इंदौर पहुंचे. यहां से गृहमंत्री बाला बच्चन के साथ वे सरकारी विमान से भोपाल पहुंचे और सीधे सीएम हाउस गए. यहां आते ही उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की और उनके तीरथ जाने की बात कहते हुए बंधक बनाए जाने की बातों से इनकार किया. साथ ही सीएम को भरोसा दिलाया कि मैं कांग्रेस में ही रहूंगा. जब मीडिया ने उनसे पूछा कि बेंगलुरू में आपके साथ विधायक हरदीप सिंह डंग और रघुराज कंसाना भी थे तो बिसाहू कन्नी काट गए.

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हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि मैं 40 साल से विधायक हूं और पहले मंत्री रह चुका हूं लेकिन इस बार मंत्री न बनाए जाने से नाराज हूं और सीएम ने मुझे मंत्री बनाने का आश्वासन दिया है. अब कोई मतभेद नहीं हैं. इस तरह की बातों से ये कयास भी लगने लगे हैं कि अब मंत्रीमंडल का विस्तार जल्द किया जाएगा. इस मुलाकात के बाद पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह ने एक सेल्फी पोस्ट की है, जिसमें वे बिसाहू लाल के साथ नजर आ रहे हैं.

बता दें, बिसाहूलाल पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह गुट के माने जाते हैं. वे 1980 में पहली बार विधायक चुनकर आए थे और अब तक 5 बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. वे दिग्विजय सिंह सरकार में पीडब्‍ल्‍यूडी मंत्री, ऊर्जा मंत्री और आदिवासी विकास मंत्री रहे हैं. वरिष्ठ होने के बाद भी मंत्री नहीं बनाए जाने से कमलनाथ से लंबे समय से उनकी नाराजगी बनी हुई है.

वहीं प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने दावा किया कि मैं अन्य दो विधायक हरदीप सिंह डंग और रघुराज कंसाना दोनों से संपर्क में हूं. वे जल्द भोपाल पहुंचेंगे. याद दिला दें, हरदीप सिंह डंग ने हाल में अपना इस्तीफा दिया है. दूसरी ओर, शनिवार दोपहर भोपाल लौटने के बाद रात में दिल्ली गए निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा रविवार सुबह मुंबई चले गए. वहीं बसपा विधायक रामबाई भी दिल्ली चली गईं हैं. इस बार उन्होंने अपनी बेटी की तबीयत खराब होना इसकी वजह बताई.

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इससे पहले निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा शनिवार को भोपाल लौटे और सीएम हाउस में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात के बाद कमलनाथ को राम तो अपने आपको उनका हनुमान बताया. शेरा ने कहा कि कमलनाथ राम हैं तो मैं उनका हनुमान हूं. उन्होंने सरकार में जल्द बड़ी जिम्मेदारी मिलने का दावा भी किया. लेकिन देर शाम वे फिर दिल्ली चले गए और वहां से अगली दोपहर उनके मुंबई पहुंचने की खबर आई है. इस तरह से दो विधायकों का फिर से गायब होना किसी नई सियासी हलचल की दस्तक देता नजर आ रहा है.

गौरतलब है कि कांग्रेस के एक विधायक के इस्तीफा देने के बाद बीजेपी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और संजय पाठक सीएम हाउस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करने पहुंचे थे. वहां उनसे अलग अलग करीब डेढ़ घंटे तक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वार्ता की. हालांकि दोनों विधायकों ने क्षेत्र की समस्या के चलते सीएम से मिलने की बात बताई लेकिन जिस तरह राजनीतिक हलचल के बीच दोनों विधायक कमलनाथ से मिलने पहुंचे, कांग्रेस के नेता एक के बदले तीन विकेट गिराने की बात खुलकर कर रहे हैं. बीजेपी के तीसरे विधायक शरद कोल पहले से ही बगावत का रुख अपनाए हुए हैं और कांग्रेस खेमे में खड़े हैं. बताते चले, गायब बताए जा रहे चार विधायकों में से तीन दिग्विजय और एक सिंधिया गुट के हैं.

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