पॉलिटॉक्स न्यूज/एमपी. कोरोना संकट की विकट घड़ी में जब डॉक्टर्स भगवान बनकर रात दिन लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे हैं, ऐसे संकट के समय में भोपाल में दो चिकित्सकों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट करने की घटना सामने आई है. पीड़ितों में एक महिला डॉक्टर भी शामिल है. डॉक्टर्स ने पुलिसकर्मियों पर गाली गलौज करने और मारपीट करने का आरोप लगाया. मामला सामने आने के बाद डीआईजी ने एक कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया. वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने घटना को बेहद शर्मनाक बताते हुए एक्शन लेने की बात कही.
Aiims bhopal Doctors who were thrashed by the police.plz take action @DGP_MP pic.twitter.com/5NCgAJNvB6
— Dr.ANAND RAI (@anandrai177) April 9, 2020
मामला अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का है जहां दो चिकित्सकों ने पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया. जैसा कि डॉ. रितुपर्ना और डॉ. युवराज सिंह ने अस्पताल डायरेक्टर से शिकायत की है, जिसमें कहा गया है कि बुधवार शाम को वे अपनी शिफ्ट पूरी करने के बाद एम्स के गेट नंबर एक से बाहर निकल रहे थे. उसी समय गेट के पास तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर अभद्र भाषा में बाहर घूमने का कारण पूछा. दोनों डॉक्टर्स ने उन्हें अपने पहचान पत्र दिखाते हुए अस्पताल से ड्यूटी खत्म होने के बाद घर जाने की बात कही. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उनसे मारपीट शुरू कर दी और गाली-गलौज करते हुए कहा- ऐसे डॉक्टर ही कोरोना फैला रहे हैं और देश का बंटाढार कर रहे हैं.
मारपीट में डॉ. रितुपर्ना के पैर और डॉ. युवराज सिंह के हाथ में चोट आई है. इसके बाद भोपाल एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) ने घटना को लेकर नाराजगी जताई. साथ ही डायरेक्टर को लिखे पत्र में मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने और पुलिस का गैरजिम्मेदार व्यवहार बर्दाश्त न करने की बात कही.
गुरुवार को मामला सुर्खियों में आने के बाद डीआईजी इरशाद वली ने आरोपी कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है. मामले पर सफाई देते हुए भोपाल की बाग सेवनिया पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन के बावजूद, एम्स के पास कुछ दुकानें खुलने और सामान खरीदने के लिए भीड़ मिलने पर पुलिस ने लोगों को खदेड़ा था. इसी दौरान कुछ लोगों को चोट पहुंची होगी. पुलिस का यह भी कहना है कि संबंधित डॉक्टर अपनी परिचित के साथ बगैर मॉस्क के सामान खरीदने दुकान पर गए थे. इधर, दोनों पीड़ितों का कहना है कि वे मॉस्क लगाए हुए थे.
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वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर घटना की निंदा करते हुए प्रदेश सरकार से मामले की जांच कराने की मांग की. कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कोरोना महामारी के संकट के इस दौर में अपनी जान जोखिम में डाल जनता की सेवा कर रहे इन कर्मवीर योद्धाओं पर हमें गर्व है, ऐसे में घटना बेहद शर्मनाक है. सरकार यह सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो. इसको लेकर निर्देश जारी किए जाएं’. फिलहाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.