मिलिंद सोमण ने पूछा सवाल ‘लोग क्या कहेंगे’ तो मिले मजेदार जवाब

सोशल मीडिया की हलचल

Milind Soman
Milind Soman

Politalks.news. इंसान सामाजिक बंदिशों में इस कदर जकड़ा हुआ है कि वो चाहकर भी उन बेड़ियों से छूट नहीं सकता.​ किसी भी काम की शुरुआत और खासतौर पर नए काम में ‘लोग क्या कहेंगे’ ये सवाल हर किसी की ज़ुबान पर होता है और अकसर एक दूसरे से कहते हुए सुना जाता है. देखा जाए तो ये दुनिया का सबसे बड़ा रोग भी है. इसी सवाल को सोशल मीडिया यूजर्स से शेयर किया है एक्टर-मॉडल मिलिंद सोमण (Milind Soman) ने. उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, ‘लोगों के विचार हमारे लिए क्यों मायने रखते हैं’. उनके इस ट्वीट पर मिलिंद की फीमेल फैंस ने बड़े मजेदार रिप्लाई किए हैं.

पल्लवी शर्मा नाम की यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हर आवाज मायने रखती है. यही डेमोक्रेटिक रिपब्लिक की खूबसूरती है. यहां तक ​​कि गूंगे से गूंगा और अक्लमंद से ज्यादा अक्लमंद भी खुद को व्यक्त करता है.’ पल्लवी ने अपने भाव शेयर करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि मैं बोलती हूं और चुप नहीं रहती. वहीं दूसरे लोग भी हैं. बेवकूफ लोग अपने चापलूसी भाषणों से खुश होते हैं, वहीं एक समझदार इंसान खामोश रहकर मुस्कुराता है.

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Pallavi Sharma
Pallavi Sharma

एकता शाह ट्विटर के जरिये अपनी बात कहते हुए लिखती हैं – ‘सुनो सबकी, करो अपनी‘.

Ekta
Ekta

वहीं मनाली रेड्‌डी ने टवीट करते हुए लिखा, ‘हम सामाजिक और राजनीतिक प्राणी हैं जो समूह या जनजातियों में रहते हैं. हम विभिन्न कारणों से एक-दूसरे पर निर्भर हैं इसलिए लोगों की राय महत्वपूर्ण है. यह तय करने में मदद करता है कि हमें किसके साथ रहना चाहिए और हमारी भलाई किससे दूर रहने में है.’

Manali
Manali

सांची शुक्ला ने सवाल का जवाब देते हुए लिखा क्योंकि यही बातें मीडिया, मॉडलिंग और फिल्मों में लोगों की आय का जरिया हैं.

Sanshi
Shachi

एक ट्विटर यूजर ने अपनी राय देते हुए कहा कि केवल इस बात को समझने की जरूरत है कि हमें क्या चाहिए. हमारी खुद की राय ही काफी है क्योंकि उस काम को हमें ही करना है. तो दूसरों की बात क्यों सुनें …. वे सभी धन्य हैं.

Other
Other

एक और फीमेल फैन चारू पोखरियाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा, ‘मुझे लगता है कि इसकी एक विकासवादी व्याख्या है. हम हमारे साथ आने वाली मुश्किलों को बयां करते हैं जिसे अधिकांश लोग सच मानते हैं. हम भीड़ से दूर नहीं रहना चाहते हैं और अनिश्चितता या आपदाओं का सामना करना चाहते हैं इसलिए हम लोगों की राय लेते हैं.’

Charu
Charu

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