मानसिक संतुलन खो चुके कटारिया श्री राम के लिए ही कर रहे गलत शब्दों का इस्तेमाल- खाचरियावास

राम के नाम पर 'बुरे फंसे' कटारिया, 'अगर भाजपा नहीं होती तो भगवान राम आज समुद्र में होते', इतना बोलते ही आए कांग्रेस ने निशाने पर, प्रताप सिंह बोले- मानसिक संतुलन खो चुके, राम के नाम पर जीतने वाले ही कर रहे अब अपमान, राम के नाम पर गर्माती दिख रही मरुधरा की राजनीति

मानसिक संतुलन खो चुके कटारिया- खाचरियावास
मानसिक संतुलन खो चुके कटारिया- खाचरियावास

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष और बुजुर्ग नेता गुलाबचंद कटारिया एक बार फिर अपने बयानों के कारण सुर्खियां बटोर रहे हैं. उदयपुर में हुए कार्यक्रम में कटारिया ने कहा कि अगर बीजेपी नहीं होती भगवान राम समुद्र में होते. अब इस बयान पर कटारिया घिरते जा रहे हैं. गहलोत सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कटारिया के इस बयान पर जमकर पलटवार किया है. खाचरियावास ने कहा कि, ‘जिन राम का नाम लेकर भाजपा सत्ता में आई, उन्ही के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं‘.

खाचरियावास ने कटारिया पर राम के भक्तों की आस्था का अपमान करने का आरोप भी लगा दिया है. वैसे यह पहला मामला नहीं है जब कटारिया ने अपने बयानों के चलते किरकिरी करवाई हो. इससे पहले भी राजसमंद उपचुनाव के दौरान कटारिया जोश-जोश में महाराणा प्रताप पर टिप्पणी कर चुके हैं. इसके बाद कटारिया कई बार माफी भी मांगते देखे गए. वैसे पार्टी के नेताओं में चर्चा है कि बुजुर्ग नेता बयानबाजी कर अपनी पार्टी को मुसीबत में डालते रहते हैं. एक कार्यकर्ता ने तो यहां तक कह दिया कि कटारिया साहब हमारी तरफ से बैटिंग कर रहे हैं या कांग्रेस की तरफ से?

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‘राम के नाम पर जीतते हैं और उनके लिए ही गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं- खाचरियावास
वयोवृद्ध नेता गुलाबचंद कटारिया के ‘राम‘ के बयान पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आज प्रेसवार्ता कर निशाना साधा है. कटारिया के बयान पलटवार करते हुए खाचरियावास ने कहा कि, ‘जिन राम का नाम लेकर भाजपा सत्ता में आई है ये लोग उन्ही राम के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. भाजपा झूठ बोलकर चुनाव जीत कर आई है‘. खाचरियावास ने कटारिया पर प्रहार करते हुए कहा कि, ‘गुलाब जी ने बयान दिया कि भाजपा नहीं होती तो भगवान राम समुद्र में होते, श्री राम मंदिर का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, भाजपा सिर्फ चंदा इकट्ठा कर सकती है फैसला नहीं देती है. कटारिया ने श्री राम के भक्तों की आस्था का अपमान किया है. भगवानराम से बढ़कर भाजपा खुद को बता रही है. प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को देश की जनता को जवाब देना चाहिए’.

‘गुलाब जी खो चुके हैं मानसिक संतुलन’
इससे पहले खाचरियावास ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही, भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया का मानसिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ चुका.. भाजपा का असली चरित्र सामने आ गया जो राम के नहीं हो सकते वो किसी के नहीं हो सकते‘. खाचरियावास ने लिखा कि, ‘भाजपा पहले भी भगवान राम के नाम पर वोट की राजनीति करती आई है. वे लोगों को धर्म के नाम पर लड़ाने का काम करती है. कटारिया हमेशा कोई ना कोई विवाद खड़ा कर देते हैं’

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‘अगर भाजपा नहीं होती तो भगवान राम आज समुद्र में होते’- कटारिया
अब आपको बताते हैं कि क्या कहा था बुजुर्ग हो चले दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया, ‘अगर भाजपा नहीं होती तो भगवान राम आज समुद्र में होते, सड़क नालियां तो और भी बन जाएगी, देश नहीं बचा तो भगवान आपको कोसेंगे‘. कटारिया ने कहा था कि, ‘अगर आपके और मेरे बाप दादा ने तलवार नहीं उठाई होती तो आज हम जनेऊ पहनने लायक नहीं रह पाते’.

‘मैंने जवानी विधायक की कुर्सी चाटने के लिए नहीं झौंकी’
गुलाबचंद कटारिया रविवार को भटेवर के पास बाठेड़ा खुर्द में कालिका माता परिसर में बने सामुदायिक भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे. कटारिया ने कहा कि, ‘मैंने अपनी जवानी विधायक की कुर्सी चाटने के लिए नहीं झोंकी है. 18 महीने जेल में बिताए हैं. लोग मुझे पागल कहते थे. मैं नहीं माना और आज यहां पहुंचा हूं‘. कटारिया ने कहा कि, ‘मैं राजनीति में कमाई के लिए नहीं आया हूं, देश को बचाने और राष्ट्र निर्माण करने के लिए आया हूं, इसलिए इस बार देशद्रोहियों का साथ ना दें, सिर्फ बीजेपी को सत्ता में लाएं ताकि राष्ट्र निर्माण में मजबूती मिल पाए’.

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पहले ‘प्रताप’ और अब ‘राम’ पर दे गए विवादित बयान
राजस्थान में एक बार फिर ‘राम’ के नाम पर बयान के चलते विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया एक बार फिर अपने बयान की वजह से चर्चा में हैं. वैसे ये पहली बार नहीं है कि कटारिया अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं. राजसमंद उपचुनाव के दौरान कटारिया ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप पर विवादित टिप्पणी कर दी थी. हालात ये हो गए थे कि दीप्ति माहेश्वरी के हारने की नौबत आ गई थी. लेकिन कटारिया के माफी मांगने के बाद मामला कुछ संभला था, उसके बाद कटारिया उस मामले को लेकर कई बार माफी मांग चुके हैं.

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