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झारखंड में जदयू के नए अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पार्टी इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी. जमशेदपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि जदयू न सिर्फ झारखंड में अकेले चुनाव लड़ेगी बल्कि जीत हासिल कर अपने दम पर सरकार भी बनाएगी. झारखंड जदयू अध्यक्ष का यह बयान ठीक उस समय आया है, जब बिहार में जदयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री विपक्षी दलों के इफ्तार पार्टी में शामिल हो रहे हैं और सहयोगी भाजपा के साथ संबंध सामान्य नहीं दिख रहे.

आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार में जेडीयू को कोई मंत्री पद नहीं मिला है. चर्चा के मुताबिक नीतीश कुमार जेडीयू के दो से तीन सांसदों को मंत्री बनवाना चाहते थे, लेकिन बीजेपी एक पद देने के लिए ही तैयार हुई. सहमति नहीं बनने पर शपथ ग्रहण से ऐन वक्त पहले जेडीयू ने मोदी सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया. माना जा रहा है कि बीजेपी के इस रुख से नीतीश कुमार काफी आहत हुए और उन्होंने इसका बदला लेने के लिए अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और बीजेपी के किसी विधायक को इसमें शामिल नहीं किया.

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए अपनी टीम में आठ मंत्रियों को शामिल किया. राजभवन में आयोजित औपचारिक समारोह में राज्यपाल लालजी टंडन ने नरेंद्र नारायण यादव, श्याम रजक, अशोक चौधरी, बीमा भारती, संजय झा, रामसेवक सिंह, नीरज कुमार और लक्ष्मेश्वर राय को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई. ये सभी जेडीयू के विधायक हैं. नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी के किसी विधायक को जगह नहीं दी.

उल्लेखनीय है कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्ते ​इन दिनों ठीक नही चल रहे हैं. जेडीयू ने बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को भी लेकर हवा देनी शुरू कर दी है, जिसे राजनीति को लोग दबाव की राजनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं. संविधान की धारा 370 हटाने की बात हो या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण या तीन तलाक और समान नागरिक कानून हो, इन सभी मामलों में जेडीयू का रुख बीजेपी से अलग रहा है. जेडीयू इन मामलों को लेकर कई बार स्पष्ट राय भी दे चुकी है.

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