भाजपा के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली जम्मू-कश्मीर कोर ग्रुप की पहली बैठक को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की आहट माना जा रहा है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव भी कराए जा सकते हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लंबे समय से टलते आ रहे हैं. इसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना हो रही है. अब संकेत मिल रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है.
भाजपा के जम्मू-कश्मीर ग्रुप में केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह, भाजपा महासचिव राम माधव, जम्मू-कश्मीर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवीन्द्र रैना शामिल हैं. राम माधव चुनाव आयोग से मांग कर चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर में जल्दी चुनाव कराए जाएं. एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में इन दिनों अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती हो रही है. समझा जा रहा है कि यह तैनाती चुनाव की तैयारी के मद्देनजर की जा रही है.
जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिरने के बाद 20 जून 2018 को राज्यपाल का शासन लागू किया गया था. यह सरकार भाजपा के 25 विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण गिरी थी. राज्यपाल शासन की अवधि पूरी होने के बाद केंद्र सरकार ने संसद में प्रस्ताव पारित करवाकर राष्ट्रपति शासन की अवधि छह माह के लिए बढ़ा दी थी. तब से ही भाजपा जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने की संभावनाएं देख रही है.
इस दौरान जम्मू-कश्मीर में हुए पंचायत और नगर निकाय चुनावों में मिली सफलता से भाजपा का उत्साह भी बढ़ा है. अब आंकड़े जुटाए जा रहे हैं कि किस नेता को विकास कार्यों के लिए कितनी धनराशि आवंटित हुई और उसका सही इस्तेमाल हुआ या नहीं. रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के मुद्दे पर बैठक कर चुके हैं.
इस बीच श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ का कोई कदम उठाया गया तो इसका बम धमाके जैसा असर होगा. महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर से धारा 35A और 370 हटाने के सख्त खिलाफ हैं. वह रविवार को अपनी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीसवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थी.
बता दें, कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआई) के छापे जारी हैं. रविवार को बारामूला जिले में उन व्यापारियों के ठिकानों पर छापे मारे गए, जो पाक अधिकृत कश्मीर के साथ कारोबार करते हैं. यह छापेमारी 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में की जा रही है. इसके तहत तनवीर अहमद, आसिफ लोन, तारिक अहमद और बिलाल भट के ठिकानों की तलाशी ली गई. एनआईए ने 23 जुलाई को पुलवामा और श्रीनगर में सात ठिकानों पर छापे मारे थे. जिन लोगों के यहां छापे मारे गए, उनमें क्रॉस-एलओसी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तनवीर वानी शामिल हैं.