साध्वी यौन शोषण और छत्रपति हत्याकांड में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगी है. उनकी तरफ से दायर याचिका में 42 दिन की पैरोल की मांग की गई है. जेल में उनके बर्ताव की तारीफ करते हुए रोहतक जेल अधीक्षक ने कहा है कि गुरमीत राम रहीम कोई खूंखार अपराधी नहीं है. जेल के भीतर उनका आचरण अच्छा रहा है. जेल अधीक्षक ने यह बातें उस समय कही है जब उनसे सिरसा जिला प्रशासन ने पैरोल देने या नहीं देने के मामले पर राय मांगी थी.
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी राम रहीम की पैरोल की तरफदारी की है. अनिल विज ने कहा, ‘पैरोल कैदी का अधिकार है. पैरोल कानून के अनुसार दी जाती है. यदि गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिलती है तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए.’
हरियाणा के जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार ने भी राम रहीम की पेरौल की पैरवी करते हुए कहा, ‘हर दोषी दो साल की सजा पूरी करने के बाद पैरोल का हकदार होता है. अगर दोषी का व्यवहार जेल में अच्छा होता है तो जेल अधीक्षक इसकी रिपोर्ट स्थानीय पुलिस को देता है. वेरिफिकेशन के बाद यह रिपोर्ट कमिश्नर के पास जाती है और वहीं अंतिम निर्णय लेते हैं. राम रहीम के मामले में भी इसी प्रकिया के आधार पर कार्यवाही की रही है.’