Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान शिक्षा विभाग ने कोरोना महामारी के चलते पिछले 8 महीने से बंद पड़े स्कूलों को खोलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है. प्रस्ताव के अनुसार, तीन चरणों में स्कूल खोले जाने की योजना बनाई जा रही है. पहले चरण में 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खुलेंगे. दूसरे चरण में कक्षा 6 से 9 व 11 के लिए और दूसरे व अंतिम चरण में पहली से 5वीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाया जा सकता है. शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने को लेकर भी विस्तृत एसओपी तैयार करके सरकार को भिजवाई है.
स्कूल खोलने के साथ ही पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जाएगा. विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए गाइडलाइन भी प्रस्तावित की गई है. सर्दी व गर्मियों की छुट्टियां खत्म करने के साथ ही दीपावली की छुट्टियां कम करने जैसे निर्णय भी लिए जा सकते हैं.
शिक्षा विभाग द्वारा सरकार को भेजे प्रस्ताव के अनुसार, पहले चरण में 2 नवंबर से 10वीं, 12वीं कक्षाओं को बुलाए जाने की योजना है. दूसरे चरण में कक्षा 6, 7, 8, 9 व 11 के विद्यार्थियों को 1 दिसंबर से और तीसरे चरण में पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को 1 जनवरी से स्कूल बुलाया जा सकता है. 2 नवंबर से 15 मई तक स्कूलों में पढ़ाई कराकर कार्य दिवसों के नुकसान का भरपाई करने के लिए दीपावली अवकाश को कम करने, शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाश को खत्म करने का प्रस्ताव शामिल हैं.
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दिवाली अवकाश को केवल तीन दिन किए जाने की योजना है. चालू सत्र 2020-21 को 15 मई तक रखा जाए और कार्यदिवसों की भरपाई के लिए इस दिन तक 157 कार्यदिवसों में पढ़ाई कराई जाए. इसमें राजपत्रित और रविवार के अवकाश के अतिरिक्त कोई अन्य अवकाश नहीं दिया जाएगा. इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई भी जारी रखी जाएगी.
सरकार को जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसके मुताबिक अलग-अलग कक्षाओं के आगमन व प्रस्थान का समय भी अलग-अलग रखा जाएगा. ताकि संक्रमण का खतरा कम से कम किया जा सके. स्कूलों में मास्क भी अनिवार्य होगा. इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने को लेकर भी विस्तृत एसओपी तैयार करके सरकार को भिजवाई है. विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए गाइडलाइन भी प्रस्तावित की गई है.
अब स्कूलों को खोलने का निर्णय सरकार को लेना है. इस प्रारूप पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के सुझाव भी मांगे गए हैं. सभी कलेक्टर्स से भी सुझाव भेजने को कहा गया है. गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते मार्च महीने से ही स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए थे. हाल में कॉलेज खोले गए हैं लेकिन स्कूलों को आदेश जारी होने तक बंद रखने के निर्देश हैं.
विद्यार्थी-शिक्षकों के लिए प्रस्तावित गाइडलाइन
क्लास रूम व स्कूल
- स्कूल के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, शौचालय, पानी की टंकियां को अच्छी तरह सैनिटाइज किया जाए.
- स्कूलों में हाथ धोने के पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए.
- यथासंभव हर क्लास के बाहर फुट ऑपरेटेड सैनिटाइज स्टैंड की व्यवस्था करनी होगी. इसके लिए भामाशाह,
- विद्यार्थी कोष और विकास कोष की राशि का उपयोग किया जाएगा.
- अलग-अलग कक्षाओं के आगमन और प्रस्थान का समय भी अलग-अलग रखने का प्रस्ताव दिया गया है.
- स्कूलों में पर्याप्त मास्क की व्यवस्था की जाएगी.
विद्यार्थी और शिक्षक
- विद्यार्थी पेन, नोटबुक और किताब साझा नहीं कर सकेंगे.
- विद्यार्थी अपने कक्ष में ही भोजन करेंगे और यथासंभव बच्चे पानी की बोतल खुद ही लाएंगे. बोतल नहीं लाने की स्थिति में स्कूल में ही स्वच्छ पानी का इंतजाम करवाना जरूरी होगा.
- शिक्षक स्टाफ कक्ष में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
- स्टाफ और विद्यार्थियों को मास्क लगाकर आने के लिए सख्ती से पाबंद किया जाए. मास्क या फेसकवर के बिना
- किसी आगंतुक को स्कूल परिसर में प्रवेश न करने दिया जाए.
- मिड डे मील में सूखा राशन ही वितरित किया जाए.
स्कूल वाहिनी सैनिटाइज होगी
- स्कूल वाहिनी के उपयोग से पहले उसको अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जाए. यथा संभव बच्चों के बैठने का स्थान बदला नहीं जाए.
- बालवाहिनी के ड्राइवर व कंडक्टर के लिए कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना जरूरी होगा.
- स्कूलों के बाहर ठेले और खोमचे वाले विक्रेताओं का आना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा.
बीमार बच्चों के लिए ये नियम
- जिला व ब्लॉक स्तरीय मेडिकल अफसर से संपर्क कर स्कूलवाइज टीम गठित की जाए. स्टाफ व बच्चों की नियमित मेडिकल जांच कराई जाए.
- बीमारी के कारण स्कूल नहीं आने वाले विद्यार्थी के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन किया जाए.
- कक्षा 1 से 8 तक पूर्व की भांति स्माइल प्रोजेक्ट, शिक्षावाणी से ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी जाए.