राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश में ‘राइट टू हैल्थ’ यानी स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने की तैयारी में है. सरकार ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है. इसके तहत प्रदेश के लोगों को तीन से 150 किलोमीटर के दायरे में सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी.

मसौदे के अनुसार प्रदेश के नागरिकों को तीन किलोमीटर के दायरे में सामान्य चिकित्सा, 12 किलोमीटर के दायरे में प्राथमिक स्तर की चिकित्सा सुविधा, 50 किलोमीटर के दायरे में गंभीर बीमारियों के उपचार की सुविधा और 150 किलोमीटर के दायरे में अतिगंभीर उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी. इस मसौदे को चर्चा के बाद विधानसभा में पेश किया जाएगा, जहां पारित होने पर यह कानून का रूप ले लेगा.

कानून के लागू होने के बाद लोगों को 24 घंटे इलाज उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी. कानून की पालना के लिए सरकार राज्य स्तर पर ‘स्टेट राइट टू हैल्थ केयर बोर्ड’ व जिला स्तर पर ‘डिस्ट्रिक राइट टू हैल्थ केयर बोर्ड’ स्थापित करेगी. इनका काम कानून की पालना तय करने और निगरानी का होगा.

इसके अलावा ‘राइट टू हैल्थ’ के तहत स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने, प्रभावी सीवरेज व ड्रेनेज सिस्टम सुनिश्चित करने, बीमारी या महामारी फैलने पर संबंधित विभाग की जिम्मेदारी तय करने, स्वास्थ्य सेवाओं का गुणवत्ता सूचकांक व मानक निर्धारित करने, लोगों को बे​हतर स्वास्थ्य के लिए जागरुक करने, मिलावट करने वालों के खिलाफ काननूी कदम उठाने व संपूर्ण टीकाकरण का काम भी किया जाएगा.

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