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अमित शाह की दो टूक, कहा- बेगूसराय से ही चुनाव लड़ेंगे गिरिराज सिंह

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक बयान देते हुए कहा है ​कि गिरिराज सिंह बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट पर ही चुनाव लड़ेंगे. वह 2 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे. इस सीट को लेकर गिरिराज सिंह और सरकार के बीच पेंच फंसा हुआ था. असल में गिरिराज राज नवादा सीट से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन गठबंधन के चलते नवादा सीट लोजपा के खाते में चली गई. ऐसे में पिछले हफ्ते गिरिराज ने कहा था कि वे चुनाव लड़ेंगे तो नवादा से लड़ेंगे, वरना नहीं लड़ेंगे. लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से साफ हो गई है.

अमित शाह ने अपने अधिकारिक ​ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए कहा, ‘गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय से लोक सभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी सारी बातों को मैंने सुना है और संगठन उनकी सभी समस्याओं का समाधान निकालेगा. मैं चुनाव के लिए उन्हें शुभकामनायें देता हूं.’

इससे पहले कुछ मुद्दों को लेकर गिरिराज सिंह ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के समक्ष नाराजगी जाहिर की थी. लेकिन शाह के दखल के बाद गिरिराज सिंह भी बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हो गए हैं. यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो रहा है. गिरिराज सिंह के खिलाफ सीपीआई से कन्‍हैया कुमार और महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने तनवीर हसन को दोबारा मैदान में उतारा है.

इससे पहले पोलिटॉक्स ने अपनी खास रिपोर्ट में बताया था कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ गठजोड़ करने के बाद से अपनी शर्तों पर राजनीति कर रहे हैं. नीतीश भाजपा के साथ रहते हुए भी अपनी सेकुलर छवि पर कोई आंच नहीं आने देना चाहते. नीतीश ने गिरिराज को ठिकाने लगाने का प्रण पिछले साल उस समय लिया था जब रामनवमी पर बिहार के आधा दर्जन जिलों में सांप्रदायिक हिंसा हुई. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के इशारे पर ही नवादा सीट लोजपा को दी गई. उनके साथ गठबंधन की जरूरत को देखते हुए भाजपा नीतीश के कहे को दरकिनार नहीं कर पाई.

भारत की बड़ी कामयाबी, एंटी सेटेलाइट मिसाइल की ‘शक्ति’ हासिल

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भारत ने मिशन शक्ति ऑपरेशन का सफल परीक्षण कर स्पेस पावर के रूप में अपनी बड़ी उपस्थिति दर्ज कराई है. भारत ने स्पेस के लो अर्थ ऑर्बिट एरिया में 300 किलाेमीटर दूर से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराने का परीक्षण सफलतापूर्वक किया है. इस परीक्षण के साथ भारत अंतरिक्ष में जासूसी सैटेलाइट के डर से पूरी तरह मुक्त हो गया है. अमेरिका, रूस व चीन के अलावा ऐसी सिद्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है. यह जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में दी.

उन्होंने देश के साथ जानकारी सांझा करते हुए कहा कि आज 27 मार्च कुछ समय पूर्व भारत ने अतंरिक्ष में एक एंटी सैटेलाइट मिसाइल के जरिए एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया. यह सिद्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है. प्रधानमंत्री ने भारत के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि हालांकि यह कठिन लक्ष्य था. मिशन शक्ति में बहुत ही उच्च कोटी की तकनीकी क्षमता की जरूरत थी लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने कठिन लक्ष्य को केवल 3 मिनिट में सभी लक्ष्य हासिल किए हैं.

माेदी ने कहा कि हर हिंदुस्तानी के लिए इससे बड़ा गर्व पल नहीं हो सका. हमें हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है. अब देश के पास पर्याप्त संख्या में उपग्रह है जो विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत हमेशा से अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के विरूद्ध रहा है और इस नीति में अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है. आज का यह परीक्षण किसी भी तरह के अंतराष्ट्रीय नीतियों का उल्लंघन नहीं करता है. यह परीक्षण केवल 130 करोड़ लोगों की सुरक्षा के लिए किया गया है. भारत की कोशिश किसी देश को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है, बल्कि रक्षात्मक रवैया अपनाने के लिए है.

पीएम बोले कि हमारा ये ऑपरेशन किसी भी तरह की संधि का उपयोग भी नहीं करता है. हमारी कोशिश शांति बनाए रखना है ना कि युद्ध का माहौल बनाना. मिशन शक्ति सभी देशवासियों के सपनों को सुरक्षित करने की ओर एक अहम कदम है. सभी देशवासियों को इस महान उपलब्धि के लिए बहुत बधाई व शुभकामनाएं.

कांग्रेस में शामिल हुईं एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर, मुंबई उत्तर से लड़ सकती हैं चुनाव

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बॉलीवुड की छम्मा-छम्मा गर्ल और अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर आज कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई हैं. राहुल गांधी ने उन्हें गुलदस्ता भेंट कर पार्टी में स्वागत किया. अब राजनीति की नई पारी खेलने को पूरी तरह तैयार है. चर्चा है कि उन्हें मुंबई उत्तर से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है. बता दें, लोकसभा चुनाव करीब आते ही राजनीतिक गलियारों में सेलिब्रिटिज़ की राजनीति में एंट्री औ दलबदल की प्रक्रिया बदस्तूर जारी है. मंगलवार को अभिनेत्री जयाप्रदा ने बसपा का साथ छोड़ भाजपा क दामन थामा था. वहीं हाल में पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी.

बता दें, मुंबई उत्तर लोकसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा ने पूर्व पेट्रोलियम मंत्री राम नाईक को इस सीट से पराजित किया था. 2014 में भी यह सीट भाजपा के पाले में गिरी थी. ऐसे में कांग्रेस को भी इस सीट पर भाजपा के खिलाफ एक प्रभावी उम्मीदवार चाहिए जिसकी भरपाई उर्मिला पूरी कर सकती हैं. हालांकि इस सीट से बिग बॉस फेम शिल्पा शिंदे और असावरी जोशी भी टिकट के दावेदारों की लिस्ट में शामिल हैं.

उर्मिला ने फिल्मी दुनिया में ‘जाकोल 1988’ से सात साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में प्रवेश किया था. शेखर कपूर की फिल्म ‘मासूम’ में भी वह बाल कलाकार के तौर पर दिखीं. बाद में उन्होंने रंगीला, नरसिम्हा, चमत्कार और पिंजर जैसी बड़ी हिट फिल्मों में काम किया.

मध्यप्रदेश: भोपाल में ‘कमल’ चुनौती के भंवर में फंसे दिग्विजय सिंह

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चार महीने पहले तक चौराहे पर पस्तहाल पड़ी कांग्रेस को खड़ा करके सत्ता के शिखर पर पहुंचाने के लिए पसीना बहाते रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शायद सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि मौजूदा मुख्यमंत्री कमलनाथ उन्हें चुनौती के भंवर में फंसा सकते हैं. दिग्विजय राज्य की सबसे मुश्किल और बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाली भोपाल सीट से चुनावी मैदान में हैं. वह भी तब जबकि राज्यसभा के उनके कार्यकाल में अभी तीन साल शेष हैं.

दिग्विजय भले कहते रहे हो कि पार्टी जहां से टिकट देगी, वह लड़ने को तैयार हैं मगर हकीकत तो यह है कि राजगढ़ उनकी पसंदीदा सीट रही है. इस क्षेत्र के सौंघिया, गुर्जर, दांगी और यादव उनके परंपरागत वोटर बन चुके हैं, जो आंख मूंदकर उन्हें वोट डालते हैं, लेकिन भोपाल के साथ ऐसा नहीं है. ऐसी सीट जहां पिछले तीन दशक से कांग्रेस खाता तक न खोल पाई हो, वहां से दिग्विजय को चुनाव लड़वाने की क्या वजह हो सकती है?

पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि कमलनाथ ने बड़ी सफाई से अपने रास्ते का कांटा साफ किया है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इसे कांग्रेस के भीतरी घमासान का नतीजा बताते हैं. कांग्रेसी हलकों में भी इस बात के चर्चे हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर ज्योतिरादित्य, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह खेमें में जो खींचतान मची थी, यह फैसला उसी की देन है. सरकार बनने के बाद दिग्विजय का ‘पावर सेंटर’ बनकर उभरना कमलनाथ को नागवार गुजरा.

दिग्गी को किसी बड़ी चाल में फंसाने का संकेत तो तभी मिल गए थे जब दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ कैबिनेट के कुछ मंत्रियों की कार्यशैली को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की. तब मंत्री उनके खिलाफ उठ खड़े हुए, लेकिन कमलनाथ खामोशी की चादर ओढ़े रहे. दिग्गी को भोपाल से टिकट मिलने पर भी वे सतही बातें बोल रहे हैं. उनका कहना है कि दिग्विजय सिंह को इंदौर, भोपाल या जबलपुर में से कोई एक क्षेत्र को चुनने के लिए कहा गया. तय हुआ कि वे भोपाल से चुनाव लड़ेंगे.

बता दें कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि प्रदेश के बड़े नेताओं को कठिन सीटों से चुनाव लड़ना चाहिए. उन्होंने दिग्विजय सिंह का नाम लेते हुए कहा था कि उन्हें भोपाल या इंदौर से चुनाव लड़ना चाहिए. इसके जवाब में दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट करके कहा था कि मेरे नेता राहुल गांधी हैं. वे जहां से कहेंगे मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं. साथ ही उन्होंने चुनाव के लिए आमंत्रित करने के लिए कमलनाथ का आभार जताया था.

राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि कमलनाथ की ओर कठिन सीट से चुनाव लड़ने की ‘चुनौती’ देना और दिग्विजय सिंह का इसे ‘स्वीकार’ करना सूबे की राजनीति पर दूरगामी असर डालेगा. इसका असर लोकसभा चुनाव के बाद खुलकर दिखेगा. दिग्विजय सिंह को लेकर जो हिंदू विरोधी छवि गढ़ी जा चुकी है, उसका भोपाल के चुनावी समर में भारी पड़ना तय है. दिग्विजय चुनाव हारें या जीतें, दोनों ही स्थितियों में राज्य में कांग्रेस की अंतरकलह, घात-प्रतिघात और कुनबा परस्ती में इजाफा होगा.

शिवराज सिंह चौहान दिग्गी के भोपाल से चुनाव लड़ने के फैसले को ‘बंटाधार रिर्टन’ का दर्जा दे रहे हैं. 15 साल पहले ‘मिस्टर बंटाधार’ का फतवा देकर उमा भारती ने दिग्विजय सिंह से सत्ता छीनी थी. जहां तक भोपाल संसदीय क्षेत्र के इतिहास का सवाल है यहां सरकारी कर्मचारी और कायस्थ मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं. कुछ क्षेत्रों में मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण भी जबरदस्त असर डालता है.

30 साल से भाजपा के कब्जे में रही इस सीट पर पिछले 8 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तमाम चेहरों को पराजय झेलनी पड़ी. 1989 में रिटायर्ड नौकरशाह सुशील चंद्र वर्मा के हाथों केएन प्रधान की शिकस्त से शुरू हुए इस सिलसिले के बाद कांग्रेस ने धीरे-धीरे इस सीट को अपने लिए मुश्किल मान लिया. पिछले लोकसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी उम्मीदवार आलोक संजर को सात लाख से ज्यादा वोट मिले जबकि कांग्रेस के पीसी शर्मा को महज साढ़े तीन लाख.

इससे पहले भाजपा से कांग्रेस में आए आरिफ बेग को भी भोपाल ने नकार दिया. यहां तक कि इस सीट पर भाग्य आजमाने वाले मंसूर अली खां पटौदी भी कांग्रेस को जीत नहीं दिलवा सके. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस ने जीत दर्ज की हो, लेकिन भोपाल लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में भाजपा के पास लगभग 60 हजार मतों की बढ़त है. अंतर की इस गहरी खाई को पाटना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि दिग्विजय सिंह के मैदान में होने से कांग्रेस एकजुट होगी, लेकिन यह देखना रोचक होगा कि नरेंद्र मोदी का जादू और दिग्विजय सिंह की पुरानी छवि भोपाल के 21 लाख मतदाताओं के दिलो-दिमाग में कितना असर करती है. ये दोनों फैक्टर जीत और हार में बड़ी भूमिका तय करेंगे.

भाजपा की ओर से साध्वी प्रज्ञा इस सीट पर दावेदारी जता रही हैं. कैलाश विजयवर्गीय ने भी यहां के चुनावी रण में उतरने की मंशा जाहिर की है, लेकिन सबकी नजर शिवराज सिंह चौहान की तरफ है. क्या वे दिग्गी के सामने मैदान में उतरेंगे. यदि भोपाल में मुकाबला दिग्विजय सिंह बनाम शिवराज सिंह हुआ तो यह और रोचक हो जाएगा.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

‘चौकीदार चोर नहीं बल्कि प्योर है, दुबारा पीएम बनना श्योर है’

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देश में विपक्ष द्वारा चौकीदार के लिए लगातार लग रहे नारों के बीच केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के चौकीदार यानि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव किया है. केन्द्रीय मंत्री ने दिल्ली में एक ​पब्लिक रैली में कहा कि चौकीदार चोर नहीं बल्कि प्योर है. चौकीदार का दुबारा प्रधानमंत्री बनना श्योर है. देश की समस्याओं का वो ही तोड़ है.

इसी संबंध में श्रीगंगानगर में हुई एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह कहते हैं मैं चौकीदार हूं लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किसके चौकीदार हैं. क्या आपने किसी किसान के घर में चौकीदार देखा है? क्या किसी बेरोजगार युवा के घर पर चौकीदार देखा है? क्या आपने अनिल अंबानी के घर पर चौकीदार देखा है? नरेंद्र मोदी ने यह नहीं बताया कि अनिल अंबानी और नीरव मोदी जैसे लोगों के चौकीदार हैं।

अब IPL में भी चौकीदार चौर है

बीजेपी के बागी घनश्याम तिवाड़ी सहित कई नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

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जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट से लगातार तीन बार और पूर्व में तीन बार विधायक रहे बीजेपी के बागी नेता घनश्याम तिवाड़ी आज कांग्रेस में शामिल हो गए. जयपुर के रामलीला मैदान में शक्ति कार्यकर्ता सम्मेलन में पधारे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दुपट्टा ओढ़ाकर तिवाड़ी को पार्टी में शामिल किया.

आज सुबह घनश्याम तिवाड़ी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बनाई अपनी भारत वाहिनी पार्टी को भी भंग कर दिया है।सम्मेलन में बाबूलाल नागर सहित 12 अन्य निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस का हाथ थामा है. इस दौरान मंच पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित कई दिग्गज नेता मौजूद रहे.

इनके अलावा, भाजपा सरकार में मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल, भाजपा के बागी महापौर विष्णु लाटा, बसपा नेता डूंगर गेदर और जयपुर जिला प्रमुख मूलचंद मीणा ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. इनके साथ ही भाजपा नेता जनार्दन गहलोत, कांतिलाल संयम और पूसाराम चौधरी ने भी कांग्रेस की सहयोगी बन पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है.

हाथ को मिला इन नेताओं का साथ

  • बीजेपी के बागी घनश्याम तिवाड़ी
  • बीजेपी के बागी सुरेंद्र गोयल
  • भाजपा नेता जनार्दन सिंह गहलोत
  • बसपा नेता डूंगरराम गेदर
  • जयपुर मेयर विष्णु लाटा
  • जयपुर जिला प्रमुख मूलचंद मीणा
  • विधायक कांतिलाल मीणा
  • विधायक रमीला खड़िया
  • विधायक रामकेश मीणा
  • विधायक सुरेश टाक
  • विधायक महादेव सिंह खंडेला
  • विधायक लक्ष्मण मीणा
  • विधायक संयम लोढ़ा
  • विधायक खुशवीर सिंह
  • विधायक बलजीत यादव

राहुल ने मोदी पर चलाए शब्दों के बाण

बूथ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर शब्दों के प्रहार किए. उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में केवल तुक्का लग जाने से भाजपा की सरकार बन गई लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने वाला है. हमने केवल सच्चाई के साथ काम किया है. देश के लोकतंत्र और संविधान को भाजपा एवं मोदी से खतरा है. मोदी राज में संवैधानिक असुरक्षा का माहौल है. मोदी केवल अमीरों के चौकीदार हैं और उन्होंने गरीबों का पैसा लूटा है. आरएसएस पर भी राहुल गांधी ने जमकर तंज कसे.

बीजेपी ने घोषित की 39 उम्मीदवारों की सूची, जयप्रदा को रामपुर से मिला टिकट

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बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए 39 प्रत्याशियों की सूची जारी की है. इसमें 29 उत्तर प्रदेश और 10 पश्चिम के नाम शामिल हैं. उत्तर प्रदेश लिस्ट में मुताबिक मेनका गांधी को सुलतानपुर, हाल में पार्टी से जुड़ी जयाप्रदा को रामपुर, वरुण गांधी को पीलीभीत, रेखा वर्मा को धौरहरा, मुकेश राजपूत को फरुखावाद, रमाशेखर खतेरिया को इटावा, सुभ्रत पाठक को कनाकुंज, सत्यदेव पचोरी को कानपुर, महेंद्र नाथ पांडे को चंदोली और बृजभूषण शरण को केसरगढ़ से टिकट मिला है.

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इसी प्रकार, देवेंद्र सिंह को अकबरपुर, भानू प्रताप वर्मा को जालौन, पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को हमीरपुर, साधवी निरंजन ज्योति को फतेहपुर, विनोद सोनकर को कौशाम्बी, रिटा बहुगुना जोशी को अहलाबाद, उपेंद्र रावत को बाराबनकी, लालु सिंह को फरीजाबाद, अक्षयवर लाल गुद को बहराइच, ददन मिश्रा को श्रावस्ती और कीर्तिवर्धन सिंह को गोंडा से बीजेपी चेहरा बनाया गया है.

वहीं जगदम्बिका पाल को दोमरियागंज, हरिश द्विवेदी को बस्ती, पंकज चौधरी को महाराजगंज, विजय दूबे को खुशी नगर, कमलेश पासवान को बांसगांव, रविंद्र कुशवाहा को सेलमपुर, विरेंद्र सिंह मस्त को बलिया और मनोज सिन्हा को गाजीपुर से लोकसभा का टिकट मिला है.

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पश्चिमी बंगाल की सूची में कृष्णा आर्य को बहरमपुर, हुमायुंन कबीर को मुसिदाबाद, डॉ.मुकुट मणी अधिकारी को रानाघाट, शांतनु ठाकुर को बानगांव, निलंजन रॉय को डायमंड हरबोर, रंतिदेव सेन गुप्ता को हावड़ा, जॉय बनर्जी को उलुबेरिया, डॉ.देबाशिश समंत को कांथी, डॉ.शुभाष शंकर को बंकुरा और राम प्रसाद दास को बोलपुर से भाजपा उम्मीदवार बनाया है.

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