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शिवराज के तीन मंत्रियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में कमलनाथ सरकार

मध्यप्रदेश के बहुचर्चित ई-टेंडर घोटाले में ओस्मो कंपनी के संचालकों की गिरफ्तारी के बाद और कई खुलासे होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, कई नेता, अफसर और ठेकेदारों के नाम सामने आएंगे. सरकार ने इस मामले में 2014 से लेकर अब तक के साढ़े तीन लाख टेंडरों की जांच कराने का फैसला किया है. आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू 2015 से लेकर 2018 तक के टैंडर्स की जांच विशेष रूप से करेगी.

ईओडब्ल्यू ने मैप आईटी से सभी टेंडरों का ब्यौरा मांगा है. माना जा रहा है कि साढ़े तीन लाख टेंडरों में हजारों ऐसे टेंडर हैं, जिसमें इसी कंपनी के जरिए फर्जीवाड़ा किया गया है. उसे आशंका है कि ये घोटाला अरसे से चल रहा था. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी और कई बड़े खुलासे होने के साथ शिवराज सरकार के तीन मंत्री जांच के दायरे मेें आ गए हैं. इसके साथ भाजपा के कई नेताओं, अफसरोंं और कई बड़े कांट्रेक्टर्स के नाम सामने आने के आसार हैं.

आपको बता दें कि शिवराज सरकार के दौरान 2014 में ई-टेंडरिंग व्यवस्था की शुरुआत हुई थीं. उस समय विधानसभा में कांग्रेस ने इस मामले को बड़े जोर-शोर उठाया था. जांच की मांग की थी. कमलनाथ द्वारा 14 जून 2018 को तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखकर इस घोटाले की जांच कराने व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी, लेकिन जांच नहीं हो पाई.

सूबे में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि इस मामले की जांच होगी. इसकी सुगबुगाहट कई दिनों से थी, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ और उनके पूर्व सलाहकार आरके मिगलानी के कई ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों के बाद सब कुछ फटाफट हुआ. गुरुवार ईओडब्ल्यू की टीम ने भोपाल की सॉफ्टवेयर कंपनी ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड पर छापा मारा और उसके तीन डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया.

ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड सरकार के ई-टेंडरिंग पोर्टल में ऑनलाइन टेंडरिंग प्रोसेस में तकनीकी और सॉफ्टवेयर के लिए मदद करती थी. ईओडब्ल्यू को शक है कि कंपनी ने पहले भी इसी तरीके से दूसरे टेंडरों में भी घोटाला किया होगा. एक-दो दिन में पुराने टेंडरों के खुलासे होने के आसार हैं.

शिवराज के तीन प्यादे घेरे में

घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब शिवराज सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा, कुसुम मेहदेले और रामपाल भी जांच के दायरे में आ गए हैं. जिन पांच विभागों के 9 टेंडरों में 3000 करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला हुआ है, उन विभागों की जिम्मेदारी कुसुम मेहदेले, नरोत्तम मिश्रा और रामपाल पर थी. ईओडब्ल्यू ने मामले में अज्ञात राजनेताओं पर एफआईआर दर्ज की है. ईओडब्ल्यू के मुताबिक जल निगम और पीएचई में सबसे ज्यादा घोटाला हुआ है. पीएचई विभाग की तत्कालीन मंत्री कुसुम मेहदले ने इस मामले का ठीकरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर फोड़ा है. मेहदले ने कहा कि पेयजल के लिए एक हजार करोड़ रुपए के ई-टेंडर पर उन्होंने नहीं बल्कि शिवराज सिंह चौहान ने हस्ताक्षर किए थे. मेहदले ने कहा कि यह टेंडर पीएचई से नहीं बल्कि जल निगम से जारी किए गए थे.

किस विभाग में कितने का घोटाला

जानकारी के मुताबिक जल निगम में 1800 करोड़, सडक़ विकास निगम में 8 करोड़, लोक निर्माण विभाग में 14 करोड़, जल संसाधन विभाग में 1135 करोड़ और पीआईयू में 15 करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला हुआ है. इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद गुरुवार को मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने सुबह ही संबंधित विभागों के अफसरों को तलब किया और मामले से जुड़ी फाइलें बुलवाई. इसके साथ ही विभागों के प्रोजेक्ट संबंधित जानकारी भी अफसरों से मांगी गई है. कमलनाथ सरकार इस मामले में एक्शन में दिख रही है. सीएम अपने स्तर पर भी इस मामले की जांच करवा रहे हैं. एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद अफसरों को आरोप पत्र भी जारी करने की तैयारी है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना से टिकट, अब तक 386 उम्मीदवारों की घोषणा

Politalks News

कांग्रेस ने सात उम्मीदवारों की सूची जारी की है. इसमें बिहार से एक, जम्मू-कश्मीर से एक, मध्यप्रदेश से तीन और पंजाब से दो उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना से टिकट दिया गया है. आपको बता दें कि सिंधिया वर्तमान में भी गुना सीट से सांसद हैं. उनके लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वो इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन सूची में नाम सामने आने के बाद सारी अटकलों पर विराम लग गया है.

कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी को पंजाब के आनंदपुर साहिब से मैदान में उतारा है. इस सीट से उनका नाम तय माना जा रहा था. सूची में मध्यप्रदेश की विदिशा सीट से शेलेंद्र पटेल और राजगढ़ सीट से मीना सुस्तानी का नाम शामिल है जबकि पंजाब की संगरूर सीट से केवल सिंह ढिल्लो को टिकट दिया गया है. वहीं, बिहार की वाल्मीकी नगर सीट से सावंत केदर और जम्मू-कश्मीर की लद्दाख सीट से रिगजिन सपलबार को मैदान में उतारा गया है. इन सात उम्मीदवारों की घोषणा की साथ ही कांग्रेस अब तक 386 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है.

देश की सेना का अपमान करने वालों डूब मरो – पीएम मोदी

देश में विभिन्न चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आती जा रहीं है, वैसे-वैसे विभिन्न राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता और स्टार प्रचारक दम-खम लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ने चाहते. वोटरों को लुभाने के लिए बड़े नेता दे-दनादन चुनावी सभाएं और रैलियां करने में जुटे हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी भी शुक्रवार को महाराष्ट्र और कर्नाटका के दौरे पर रहे और केन्द्र सरकार की योजनाएं व काम गिनवाते हुए कांग्रेस पर जमकर बरसे. पीएम मोदी ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि सेना का अपमान करने वालों को डूब मरना चाहिए.

पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा को जिताने की अपील की. अहमदनगर से पीएम मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए जमकर हमले किए. साथ ही कांग्रेस को हमेशा के लिए मिटाने की बात कही. वहीं तंज कसते हुए कहा कि देश की गरीबी तभी दूर हो पाएगी जब आप देश से कांग्रेस को हटा देंगे. कांग्रेस हटेगी तभी घोटाले और भ्रष्टाचार मिटेगा, तभी सबका विकास भी होगा.

इसके साथ ही पीएम मोदी ने शरद पवार को भी निशाने पर लिया. पीएम मोदी ने कहा कि कश्मीर में दो पीएम के मुद्दे पर शरद पवार चुप क्यों हैं, जबकि उनकी पार्टी के नाम में ‘राष्ट्रवादी’ है. शरद पवार को हो क्या गया है? आपने तो देश के नाम पर कांग्रेस छोड़ दी है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्ष में जनभागीदार से चलने वाली एक मज़बूत, निर्णय लेने वाली सरकार, दुनिया ने भारत में देखी है. उससे पहले 10 वर्ष तक रिमोट वाली सरकार के दिनों में हर दिन घोटालों, घपलों की खबरें आती थीं. आज दुनिया भारत को महाशक्ति के रूप में देख रही है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज स्वरोजगार के लिए करोड़ों युवा साथियों को बैंक से बिना गारंटी के लोन मिल रहा है तो उसके पीछे आपके वोट की ताकत है. गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, वर्षों से लटके रेलवे प्रोजेक्ट अगर आज पूरे हो रहे हैं तो इसके पीछे भी आपके वोट की ताकत है. 23 मई के बाद जब फिर एक बार मोदी सरकार आएगी, तो पीएम किसान योजना का लाभ कर्नाटक के सभी किसानों को मिलेगा. देश के सभी छोटे किसानों को भी 60 साल की आयु के बाद पेंशन दी जाएगी.

इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के कोप्पल में कांग्रेस और जेडी(एस) पर जमकर जुबानी वार किये. पीएम मोदी ने जिक्र करते हुए एक जनसभा में कहा, ‘ये लोग, जम्मू कश्मीर को जो भारत से अलग करने वालों समर्थक हैं, उनके खड़े हैं. इनके पास सुल्तान के उत्सव के लिए पैसा है, लेकिन हंपी के गौरव को याद करने के लिए इनके पास पैसे कम पड़ जाते हैं.’

साथ ही पीएम मोदी ने कांग्रेस और जेडीएस पर सेना के अपमान का भी आरोप लगाया. मोदी ने कहा, ‘जो सैनिक देश की सेवा के लिए जाते हैं, देश की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं, उनके लिए ऐसी सोच. देश की सेना का अपमान करने वालों, डूब मरो.’पीएम मोदी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री की ये कैसी सोच है. सीएम कुमारस्वामी कहते हैं कि सेना में वही लोग जाते हैं, जिन्हें दो वक्त का खाना नहीं मिलता.

पीएम मोदी को मिला रूस का सर्वोच्य नागरिक सम्मान

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लोकसभा चुनाव में भारतीय सेना और नोटबंदी को लेकर लगातार विपक्ष के हमले झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक अच्छी खबर आई है. मोदी को दुनिया का एक और बड़ा सम्मान मिलने जा रहा है. यह सम्मान रूस की ओर से दिया जाएगा. रूसी दूतावास ने अपने एक बयान में नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘सेंट एंड्रयू अवॉर्ड’ देने का फैसला किया है. मोदी को यह सम्मान भारत-रूस के रिश्तों को मजबूत और विशेष रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए दिया जाएगा. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे मंजूरी दे दी है. बता दें, यह अवॉर्ड पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे. इससे पहले ये सम्मान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी मिल चुका है.

बीते छह महीनों में पीएम मोदी को दिया जाने वाला यह चौथा ग्लोबल अवॉर्ड है. इससे पहले 4 अप्रैल को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार जायेद मेडल से सम्मानित करने का ऐलान किया था. इससे पहले फरवरी में दक्षिण कोरिया ने उन्हें सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया था. मोदी यह सम्मान हासिल करने वाले पहले भारतीय और दुनिया की 14वीं शख्सियत हैं. इससे पहले पर्यावरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले साल अक्टूबर में ‘चैंपियंस ऑफ अर्थ’ के खिताब से नवाजा था. यह अवॉर्ड फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो को संयुक्त रूप से दिया गया था.

  • जायेद मेडल – संयुक्त अरब अमीरात
  • सियोल शांति पुरस्कार – दक्षिण कोरिया
  • चैंपियंस ऑफ अर्थ – संयुक्त राष्ट्र
  • सेंट एंड्रयू अवॉर्ड – रूस

प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की ओर से सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने पर आभार जताया है. उन्होंने रूस की जनता और राष्ट्रपति पुतिन को शुक्रिया कहा है. उन्होंने कहा, ‘इस गरिमापूर्ण पुरस्कार के लिए शुक्रिया. मैं राष्ट्रपित पुतिन और रूस की जनता को आभार व्यक्त करता हूं. रूस और भारत की दोस्ती की नींव बहुत गहरी है. हमारी साझेदारी का भविष्य बहुत उज्ज्वल है. दोनों राष्ट्रों के बीच सहयोग हमारे नागरिकों के लिए अप्रत्याशित परिणाम लेकर आएगा.’

‘जिनके पास दो टाइम का खाना नहीं होता है, वे सेना में जाते हैं’

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लोकसभा चुनाव शुरू हो चुके हैं लेकिन राजनेताओं की तीखी नोक-झोंक और कड़वी बयानबाजी कम नहीं हो रही है. हर दिन कोई न कोई मुद्दा ऐसा होता है जिस पर नेता सुर्खियां बटौरने के लिए कमेंट पास करते हैं. फिर दूसरे नेता इसका जवाब भी उसी अंदाज में देते हैं. बयानों से सुर्खियों में आज सबसे उपर कर्नाटक के सीएम कुमार स्वामी का बयान है जिन्होंने देश की सेना के बारे में बयान दिया है. इसी बयान का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें डूब मरने की सलाह ​दी है. मेनका गांधी का मुस्लिमों पर बयान भी चर्चा में बना रहा. वहीं हेमा मालिनी ने द्वारका वासियों की तुलना बंदर से कर दी.

‘जिनके पास दो टाइम का खाना नहीं, वे सेना में जाते हैं’
– कुमार स्वामी, कर्नाटक सीएम

कर्नाटक बीजेपी ने स्वामी पर आरोप लगाया है कि कनार्टक के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कुमार स्वामी कह रहे हैं कि जिनके पास खाने के​ लिए कुछ नहीं होता है, वे सेना में जाते हैं. हालांकि कुमार स्वामी ने एक टवीट कर कहा है कि बीजेपी ने उनकी छवि खराब करने के लिए गलत व्याख्या के साथ संपादित वीडियो जारी किया है.

‘डूब मरो देश की सेना का अपमान करने वालों’
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कर्नाटका में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यहां के सीएम ने कहा है कि जिनको दो टाइम का खाना नहीं मिलता है वो सेना में जाते हैं. क्या यह हमारे वीर सैनिकों का अपमान नहीं है. क्या इनसे वोट मांगे क्या. अरे डूब मरो देश की सेना का अपमान करने वालो.

‘हम कोई महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं हैं’
– मेनका गांधी, बीजेपी

सुल्तानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार मेनका गांधी एक मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मुस्लिमों को धमकी देते हुए बयान देती दिख रही हैं. यहां उन्होंने मुस्लिमों को बीजेपी के पक्ष में वोट देने की अपील करने के साथ ही कहा कि मैं तो चुनाव जीत रहीं हूं. ऐसे में आप हमारा साथ दीजिए वरना कल जब आप काम के लिए हमारे पास आओगे तो समझ लीजिए मैं क्या करूंगी. हम कोई महात्मा गांधी की छठी औलाद नहीं हैं. इस नुक्कड जनसभा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. वीडियो में मेनका मेनका गांधी कह रही हैं कि हम खुले हाथ और खुले दिल के साथ आए हैं. आपको कल मेरी जरूरत पड़ेगी. अब आपको जरूरत के लिए नींव डालनी है तो सही वक्त है.

‘बंदर कहा जाएंगे. इंसान और बंदरों को एक साथ रहना है’
– हेमा मालिनी, बीजेपी सांसद

इन दिनों हेमा मालिनी की छाई हुई हैं. कभी वह हैडपंप चलाते हुए दिख जाती हैं तो कभी खेत में फसल काटते हुए. हाल ही में वृंदावनवासियों ने उनसे बंदरों के आतंक से बचाने की गुहार लगाई तो हेमा मालिनी ने उन्हें बहुत ही दिलचस्प सलाह दी. ड्रीम गर्ल ने कहा कि बंदर कहा जाएंगे. इंसान और बंदरों को एक साथ रहना है. बंदरों का आतंक खत्म करने की जगह हेमा ने लोगों से बंदरों को फल देने की बात कही है.

गुजरात: बीजेपी विधायक का चुनाव रद्द, नामांकन पत्र में थी अधूरी जानकारी

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गुजरात में एक वर्तमान बीजेपी विधायक की विधायकी को रद्द कर दिया गया है. वजह रही कि उन्होंने अपने नामांकन पत्र में अधूरी जानकारी भरी थी. इस मामले के चलते गुजरात हाईकोर्ट ने द्वारका से बीजेपी विधायक पाबुभा मानेक का चुनाव रद्द कर दिया है. कोर्ट 2017 में द्वारका विधानसभा क्षेत्र से मानेक के प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार मरामन अहीर की दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव हो सकते हैं. मानेक ने 2017 के विधानसभा चुनावों में 5,739 वोटों से जीत हासिल की थी.

कोर्ट के अनुसार, गुजरात में 2017 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के मरामन अहीर ने बीजेपी के पाबुभा मानेक पर नामांकन पत्र में अधूरी जानकारी देने का आरोप लगाया था. अहीर ने अपनी याचिका में चुनाव रद्द करने की मांग की थी. इस आरोप को न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने सही माना और द्वारका सीट से मानेक का चुनाव रद्द कर दिया गया है. मानेक ने नामांकन पत्र में निर्वाचन क्षेत्र का नाम नहीं लिखा था.

फैसले के बाद अहीर ने कोर्ट से खुद को विजेता घोषित करने की मांग की. हालांकि कोर्ट ने उनकी इस मांग को स्वीकार नहीं किया. अहीर के अनुसार, उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर के सामने भी यह आपत्ति उठाई थी लेकिन उसने इसे खारिज़ कर दिया. कोर्ट में मानेक के वक़ील ने चार हफ़्ते तक फ़ैसले पर रोक लगाने के लिए कहा लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को ठुकराते हुए खारिज कर दिया. मानेक को कोई राहत देने से इनकार करने के साथ चुनाव आयोग को अब रिक्त सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा करनी होगी.

पूर्व सैनिकों की चिट्ठी पर ट्विस्ट, कुछ ने भरी हामी तो कुछ ने किया किनारा

राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर सेना के पराक्रम व अभियानों के राजनीतिकरण को रोकने के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. पत्र में शामिल नामों में से कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति को ऐसी कोई चिट्ठी लिखने से मना किया है. वहीं कुछ ने इसे लिखने पर हामी भरी है. बता दें कि, राष्ट्रपति को लिखी इस चिट्ठी में पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी के बयानों का जिक्र करते हुए भारतीय सेना के राजनीतिकरण को रोकने की अपील की गई थी. इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने भी ऐसी किसी चिट्ठी मिलने से इनकार किया था. कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस चिट्टी को शेयर कर पीएम मोदी और बीजेपी को घेरने की कोशिश की थी.

चिट्ठी बनती जा रही विवादी चिट्ठा

कांग्रेस द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्टेड पूर्व सैन्य अधिकारियों की चिट्टी अब नए विवाद का चिट्ठा बनती जा रही है. इस चिट्टी में जिन पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम शामिल है, उनमें से कई पूर्व सैनिकों ने सेना के ‘राजनीतिकरण’ पर राष्ट्रपति को कोई भी चिट्ठी लिखने से इनकार तक कर दिया है. सूत्रों के अनुसार, विवाद में संशय यहां भी बनता दिख रहा है जब इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने ऐसी कोई चिट्ठी मिलने से इनकार किया था. चुनावी कैंपेन में सेना के शौर्य के राजनीतिक इस्तेमाल करने के खिलाफ सामने आई यह चिट्ठी मीडिया में सुर्खियां बनी हुई है.

अलग-अलग बयान आ रहे हैं सामने

मीडिया रिपोर्टस में तो यहां तक कहा जा रहा है कि मुताबिक सेना के 150 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर सेना के राजनीतिकरण पर रोक लगाने की मांग की थी. बता दें कि, राष्ट्रपति को लिखी गई इस चिट्ठी में जिन पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं, उनके अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. जिनमें से कुछ पूर्व सैनिकों ने तो यहां तक कहा है कि उन्होंने ऐसी किसी चिट्ठी पर कोई हस्ताक्षर नहीं किये हैं। वहीं कुछ सैनिक यह चिट्ठी लिखने के लिए हामीं भर रहे हैं.

पूर्व चार बड़े सैन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तो सेना के शौर्य का राजनीतिकरण रोकने के लिए राष्ट्रपति को लिखी 156 पूर्व सैनिकों की यह चिट्ठी लोकसभा चुनाव-2019 के पहले चरण के मतदान के दिन लिखी गई थी. वहीं इस चिट्ठी पर सेना के तीन पूर्व प्रमुखों जनरल (रिटायर्ड) एसएफ रॉड्रिग्ज, जनरल (रिटायर्ड) शंकर रॉय चौधरी और जनरल (रिटायर्ड) दीपक कपूर, चार पूर्व नेवी चीफ और पूर्व एयर फोर्स चीफ एनसी सूरी के हस्ताक्षर भी होने की बात कही जा रही है। जबकि न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने भी और जनरल एसएफ रॉड्रिग्ज ने भी ऐसी कोई चिट्ठी लिखे जाने से इनकार किया है.

बता दें कि, विवाद की जड़ बनती जा रही इस चिट्ठी में रॉड्रिग्ज का ही सबसे पहले हस्ताक्षर है. वहीं हस्ताक्षर करने वालों में शामिल एनसी सूरी ने कहा है कि, ‘ऐसी किसी चिट्ठी में मेरी कोई इजाजत नहीं ली गई, हम चुनी हुई सरकार के साथ हैं. चिट्ठी में जो भी लिखा हुआ है, उससे हम सहमत नहीं हैं.’ तो वहीं, मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने हामी भरते हुए माना है कि चिट्ठी पर हस्ताक्षर से पहले उनकी सहमति ली गई थी. कक्कड़ ने कहा, ‘हां मैंने इस चिट्ठी में लिखी बातों को जानने के बाद इस पर सहमति दी है.’

गौरतलब है कि, कांग्रेस द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर इस विवादित चिट्ठी में लिखा कि, ‘आप भारतीय सेना के सुप्रीम कमांडर हैं, इसलिए हम आपके संज्ञान में यह बात लाना चाहते हैं कि हमारे सेना में कार्यरत और रिटायर्ड अधिकारियों में कुछ बातों को लेकर चिंता है.’ इस चिट्ठी के जरिए कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी और मौजूदा सरकार के साथ-साथ बीजेपी को को घेरने की कोशिश की थी। वहीं चिट्ठी में पीएम मोदी के चुनावी भाषण के दौरान युवाओं से अपने वोट को सेना के लिए समर्पित करने की अपील और यूपी सीएम योगी के भारतीय सेना को मोदी जी की सेना कहने के बयान का भी जिक्र किया गया है।

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