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चुनाव खत्म होते ही विस्तारकों से BJP ने छीनी बाइक

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मतलब निकल गया तो पहचानते ही नहीं. कुछ ऐसा ही किया है बीजेपी ने अपने विस्तारकों के साथ. राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विस्तारकों को दी गई बाइक अब पार्टी ने वापस लेना शुरु कर दी है. करीब एक दर्जन बाइक बीजेपी दफ्तर में जमा भी हो चुकी है. दो सौ विस्तारकों को करीब 150 बाइक पिछले साल अक्टूबर माह में बांटी गई थी. साथ ही हर माह 8 हजार रुपए फ्यूल के भी दिए गए थे.

अब शनिवार को बीजेपी कार्यालय में विस्तारकों को बैठक के बहाने बुलाया गया और जल्द बाइक जमा कराने के निर्देश दिए गए. कुछ खुद्दार विस्तारकों ने तो पहले ही दिन करीब एक दर्जन बाइक तुरंत लौटा दी. हालांकि विस्तारकों में इस फैसले को लेकर काफी नाराजगी है. वो इस कदम को यूज एंड थ्रो के रुप में मान रहे हैं.

विस्तारकों को बांटी गई थी 150 बाइक
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में विस्तारक पार्टी के पक्ष में जमकर मेहनत करें, इसके लिए बीजेपी ने उन्हें बाइक देने का फंडा अपनाया था. फिर क्या था, विस्तारक बाइक को गिफ्ट समझकर दिन-रात मेहनत में जुट गए. लेकिन जब उन्हें बैठक में बुलाकर बाइक तुरंत लौटाने का फरमान सुनाया तो वो अगल-बगल झांकने लगे.

वजह यह रही क्योंकि बाइक देते वक्त उन्हें बिल्कुल भी नहीं बताया गया था कि इसे वापस भी लौटानी है. विस्तारकों को बाइक संगठन महासचिव चंद्रशेखर के निर्देश पर प्रदेश बीजेपी ने उपलब्ध कराई थी.

दबी जुबान में बता रहे हैं इसे गलत कदम
हालांकि मीडिया में तो किसी विस्तारक ने खुलकर बाइक वापस लेने का दुखड़ा नहीं रोया लेकिन दबी जुबान में वो इसे गलत कदम बता रहे हैं. विस्तारकों की पीड़ा है कि मेहनत के बदले इस तरह के बर्ताव से उन्हें ठेस पहुंची है. हालांकि वो पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं और उन्हें बाइक का कोई लोभ नहीं है. लेकिन बैठक में बुलाकर सिर्फ मेहनत के लिए धन्यवाद देना और बाइक लौटाने का फरमान जैसे फैसले से गलत मैसेज जाता है.

कर्नाटक: कैबिनेट में 12 जून से विस्तार, कुमारस्वामी करेंगे राज्यपाल से मुलाकात

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लोकसभा चुनाव में मन मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद से ही कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. कांग्रेस-जेडीएस द्वारा लगातार बीजेपी पर अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगाए गए. वहीं कांग्रेस-जेडीएस में भी अंदरूनी कलह की भी बातें होने लगी थी. इसी बीच अब खबर है कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी 12 जून को कैबिनेट में विस्तार करने जा रहे हैं. मुख्यंमत्री कार्यालय द्वारा यह जानकारी दी गई कि वे इस संबध में राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार कैबिनेट में 12 जून को विस्तार किया जा रहा है. इस संबध में सीएम एचडी कुमारस्वामी 12 जून को साढ़े ग्यारह बजे राज्यपाल से मुलाकात करने वाले हैं. कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस के नाराज चल रहे विधायकों को मौका दिया जा सकता है. लंबे समय से कांग्रेस द्वारा बीजेपी पर अपने विधायकों की खरीदने के आरोप लगाए जा रहे थे. सूत्रों के अनुसार इनमें से कुछ विधायक जेडीएस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के विरोध में थे और पार्टी से खफा चल रहे थे, अब कैबिनेट विस्तार में इन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है.

बता दें कि बीते साल हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं हो सका था. हांलाकि बीजेपी यहां 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई लेकिन सरकार बनाने से 9 सीट दूर रह गई. वहीं कांग्रेस ने 78 सीटों पर विजय हासिल की और जेडीएस यहां मात्र 38 सीटों पर जीत सकी. यहां कांग्रेस ने जेडीएस को सीएम पद देते हुए गठबंधन कर सरकार बना ली. यहां कुल 224 सीटों में से 222 पर ही मतदान हुआ था.

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तेलंगाना: AIMIM चीफ असदुद्दीन औवैसी ने मांगा विपक्ष का दर्जा, कांग्रेस पर संकट बरकरार

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लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद से जहां कांग्रेस हाईकमान में खलबली मची हुई है वहीं अब तेलंगाना में भी कांग्रेस के बुरे दिन चल रहे हैं. बीते गुरूवार को ही 12 कांग्रेस विधायकों ने सीएम चंद्रशेखर राव की टीआरएस में अपनी विधायकी का विलय करवा दिया. जिसके बाद से अब विपक्ष पद के लिए कांग्रेस के पास विधायकों का संख्या कम हो गई है और असदुद्दीन औवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दूसरी पार्टी बन गई है. अब मौका की नजाकत को देखते हुए औवैशी ने उनकी पार्टी को विपक्ष के दर्जे की मांग कर डाली है.

हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी तेलंगाना विधानसभा में पार्टी को विपक्ष के दर्जे के लिए स्पीकर से मिलने की बात कही है. उन्होंने कहा कि वे विधानसभा स्पीकर से मिलकर नेता प्रतिपक्ष का पद उनकी पार्टी को देने का अनुरोध करेंगे क्योंकि मौजूदा हालात में उनकी पार्टी प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.

यहां एआईएमआईएम के विधायकों की संख्या कांग्रेस से ज्यादा है. औवैशी ने कहा कि हमें ये उम्मीद है कि स्वीकर उनकी बात पर उचित कदम उठाएंगे.

बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटें हैं. पिछले साल हुए चुनाव में यहां सीएम चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्रीय समिति को 88, कांग्रेस को 19, असदुद्दीन औवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 7, एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी को दो, भाजपा को एक, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक को एक और निर्दलीय विधायक को एक सीट पर जीत मिली थी.

हाल ही में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए 12 विधायकों ने टीआरएस में अपना विलय करवा दिया है. अब कांग्रेस के पास एआईएमआईएम से कम विधायक रह गए हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे मालदीव, दूसरे कार्यकल का पहला विदेशी दौरा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम पद की दोबारा शपथ लेने के बाद पहले विदेश दौरे के लिए मालदीव पहुंचे है. प्रधानमंत्री मोदी का मालदीव पहुंचने पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी मालदीव में वहां की संसद को संबोधित करेंगे. मालदीव के दौरे को पूर्ण करने के बाद पीएम मोदी वहां से श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे. श्रीलंका में हुए आतंकवादी हमलों के बाद यह पीएम मोदी की यह पहली यात्रा है.

मालदीव जाने से पहले पीएम मोदी आज केरल के दौरे पर थे. जहां उन्होंने केरल के त्रिसूर के गुरुवायुर मंदिर में पूजा अर्चना की थी. यहां पीएम मोदी ने सभा को भी संबोधित किया था. प्रधानमंत्री सभा को संबोधित करने के बाद केरल से ही मालदीव के लिए रवाना हो गए थे.

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हरियाणा: INLD सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला पर कार्रवाई की मांग, CM पर दिया था बयान

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इनेलो सुप्रीमो के द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए दिए गए बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी नेता परवीन खेड़ा ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. ओम प्रकाश चौटाला ने सिरसा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि हरियाणा में नालायक पशु होते हैं तो उन्हें हमारे यहां नकारा कहा जाता है और अगर वो पशु बिल्कुल बेकार हो जाता है तो उन्हें खट्टर कहा जाता है.

उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का जिक्र करते हुए कहा था कि हरियाणा के हिस्से में यह नकारा पता नहीं कहां से आ गया. कभी सोचा भी नहीं था कि इस खुशहाल राज्य में इसका भी दांव लग जाएगा. खैर अब लग गया तो यह प्रदेश का दुर्भाग्य था. इसके हाथ में कमान आने से प्रदेश को बहुत नुकसान हुआ है. आज इसी मामले को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता एडवोकेट परवीन जोड़ा ने पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा है.

पत्र में उन्होंने ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ मामला दर्ज करने और दिल्ली पुलिस से उनकी पैरोल रद्द किये जाने की मांग की है. एडवोकेट परवीन जोड़ा का कहना है कि इस प्रकार की बयानबाजी कर ओमप्रकाश चौटाला पूरे हरियाणा का अपमान कर रहे हैं. इससे वो प्रदेश के भाईचारे को खराब करने का भी प्रयास कर रहे हैं. इसलिए उन पर केस दर्ज किया जाए.

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BJP तोड़ेगी कांग्रेस का रिकॉर्ड, देश में 2047 तक रहेगी बीजेपी सरकार: राम माधव

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लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल कर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से सत्ता में लौटी बीजेपी के नेताओं का जोश और उत्साह सातवें आसमान पर दिख रहा है. साथ ही ये नेता अति आत्मविश्वास में भी नजर आज रहे हैं. बीजेपी के महासचिव राम माधव का एक बयान सामने आया है, जिसमें वे कह रहे हैं कि जब देश आजादी की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब तक भी बीजेपी सत्ता में होगी. राम माधव ने त्रिपुरा के अगरतल्ला में यह बयान देते हुए बीजेपी के खून में राष्ट्रवाद होने की बात कही है.

बीजेपी महासचिव राम माधव ने अगरतल्ला में रवीन्द्र सतवार्षिकी भवन में पार्टी की विजय रैली को संबोधित करते हुए कहा कि देश में अगर लगातार सबसे अधिक किसी पार्टी ने शासन किया है तो वो पार्टी है कांग्रेस, लेकिन अब ये रिकॉर्ड टूटने जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि पीएम नरेंद्र मोदी कांग्रेस का ये रिकॉर्ड तोड़ने वाले हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में अग्रसर पार्टी अब तब तक सत्ता में रहेगी जब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा. उनका कहना था कि देश में साल 2047 तक बीजेपी का शासन रहेगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद बीजेपी के खून में है इसी लिए पार्टी को आम चुनाव में देश की जनता ने बड़ी जीत दी है. पार्टी ने जीत के लिए सेना की उपलब्धियों का सहारा नहीं लिया है लेकिन विपक्ष ये आरोप लगातार लगाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम पिछले पांच वर्षों में सांप्रदायिक अशांति, भ्रष्टाचार को रोकने में कामयाब रहे और मजबूत भारत का निर्माण करने तथा आर्थिक स्थिरता लाने के कारण हमें प्रचंड जीत मिली है.

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गिरिराज सिंह ने ‘दीदी’ को बताया तानाशाह किम जोंग उन के समकक्ष

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केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह एक बार फिर अपने विवादित बयान के कारण चर्चा में हैं. गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना उत्तर कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग उन से करते हुए कहा कि ममता बनर्जी अपने राजनीतिक विरोधियों का दमन करने के लिए उसी तरह की क्रूरता पर उतर आई हैं जैसा कि उत्तर कोरिया में किम जोंग उन करता है.

जोंग जिस प्रकार अपने राजनीतिक विरोधियों का कत्ल करवा देता है, ठीक उसी प्रकार ममता ने भी हमारे सैकड़ों कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं की हैं. हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने की खुशी में विजयी जूलूस नहीं निकालने दिए जा रहे और जूलूसों पर देशी बमों से हमले किए जा रहे हैं. लेकिन ममता बनर्जी को समझ लेना चाहिए कि जनता अब उनकी उल्टी गंगा का जुलूस निकालने के लिए तैयार बैठी है. आने वाले चुनाव में बंगाल की जनता टीएमसी का श्राद्ध जुलूस निकालेगी.

वैसे गिरिराज सिंह के साथ जुड़ा यह कोई पहला विवाद नहीं है. कुछ दिनों पूर्व उनके एक ट्वीट ने बिहार के साथ देश की सियासत में काफी बवाल मचाया था. उन्होंने ट्वीट में इफ्तार पार्टी का जिक्र करते हुए कहा था कि कितनी खूबसूरत तस्वीर होती, जब इतनी ही चाहत से ये सभी नेता रमजान की तरह हिंदुओं के त्यौहार नवरात्रि पर भी फलाहार का आयोजन करते और सुंदर-सुंदर फोटो आते? उन्होंने यह भी लिखा कि अपने धर्म-कर्म में हम पिछड़ क्यों जाते हैं और दिखावे में आगे रहते हैं?

गिरिराज इस ट्वीट में निशाना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर था. इसके बाद जेडीयू के प्रवक्ताओं ने बीजेपी से गिरिराज सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई की मांग की थी. हालांकि बाद में इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गिरिराज सिंह को फटकार लगाई जिसके बाद जेडीयू-बीजेपी के मध्य चल रहा शीत-युद्ध समाप्त हुआ था.

गिरिराज सिंह अपने विवादित बयानों के कारण ही देश में पहचाने जाते है. इससे पहले भी वो कई विवादित बयान दे चुके हैं जिससे पार्टी को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था.

RSS के दखल से मोदी सरकार में बचा राजनाथ सिंह का कद

गहलोत ही बने रहेंगे सीएम, मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट होकर बिना बोले दे दिया बड़ा मैसेज

8 सिविल लाईंस. वो बंगला जिसमें रहते हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री. करीब साढे पांच साल से वीरान पड़ा यह सीएम हाउस फिर से गुलजार हो गया है. क्योंकि सीएम अशोक गहलोत इसमें विधिवत रुप से शिफ्ट हो गए. पिछले बीजेपी राज में पूरे पांच साल यह खाली पड़ा रहा. क्योंकि सीएम वसुंधरा राजे ने 13 नंबर बंगले को ही सीएम हाउस में तब्दील कर दिया था. हालांकि सरकारी दस्तावेजों में आधिकारिक रुप से 8 नंबर बंगला ही मुख्यमंत्री आवास है.

गहलोत के सीएम हाउस में शिफ्ट की टाइमिंग देखिए. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट गुट के विधायक उनके खिलाफ मुखर हो रहे हैं. लिहाजा जिस सियासी घटनाक्रम में गहलोत मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट हुए, उसके मायने तो यही निकल रहे है कि अगले पांच साल तक वहीं मुख्यमंत्री बने रहेंगे.

गहलोत करते हैै मैसेज,संदेश औऱ संकेतों की सियासत
अशोक गहलोत मैसेज देने और संकेतों की राजनीति करने के उस्ताद माने जाते हैं. अगर गहलोत कोई भी कदम उठाते हैं तो उसके पीछे कोई न कोई मैसेज जरुर होता है. गहलोत ने सीएम हाउस में रहने का कदम तब उठाया, जब उनके खिलाफ एक दिन पहले ही विधायक पी.आर. मीणा ने खुलकर खिलाफत की थी. लेकिन गहलोत ने अगले ही दिन सीएम हाउस में एंट्री मार बिना बोले ही विरोधियों को जवाब दे दिया.

जानकारों का कहना है कि गहलोत ने जिस सियासी माहौल में यह कदम उठाया, उसके मायने अलग निकलते हैं.  गहलोत ने साफ-साफ संदेश दे दिया है कि उनकी कुर्सी को कोई खतरा नहीं है और कोई किसी मुगालते में नहीं रहे. कांग्रेस ही नहीं, बीजेपी के गलियारों में भी सीएम गहलोत के मुख्यमंत्री आवास में शिफ्ट होने की चर्चाएं हो रही हैं.

ब्यूरोक्रेट्स भी समझ गए हैं कि गहलोत का राजस्थान कांग्रेस में कोई तोड़ नहीं है. लेकिन गहलोत के इस कदम से विरोधी धड़े में खलबली जरुर मच गई है.

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मेघालय: CM कोनराड संगमा की NPP पूर्वोत्तर की पहली राष्ट्रीय पार्टी

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पूर्व लोकसभा स्पीकर व मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के पिता स्वर्गीय पीए संगमा द्वारा स्थापित नेशनल पीपुल्स पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है. भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा एनपीपी को यह दर्जा दिए जाने के बाद यह पार्टी पूर्वोत्तर की पहली ऐसी पार्टी बन गई है जिसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है. आयोग ने हालिया लोकसभा और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियों के लिए आवश्यक मानदंडों को एनपीपी द्वारा पूरा करने के बाद यह निर्णय लिया है.

शुक्रवार को भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्वोत्तर की नेशनल पीपुल्स पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिए जाने के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने खुशी का इजहार किया. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा की इस पार्टी को जैसे ही यह दर्जा प्राप्त हुआ तो यह पार्टी आजाद भारत के इतिहास में पूर्वोत्तर की पहली ऐसी पार्टी बन गई जिसे राष्ट्रीय पार्टी घोषित किया गया हो. इसके बाद खुद सीएम संगमा ने अपने पिता की फोटो के साथ ट्विटर पर पोस्ट कर खुशी व्यक्त की.

मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा की एनपीपी पार्टी ने हालिया लोकसभा और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान उस वोट प्रतिशत के आंकड़े को पार कर लिया है जो निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय पार्टियों के दर्जे के लिए आवश्यक मानदंडों तय किए गए हैं. सीएम संगमा ने खुशी व्यक्त करते हुए लिखा कि यह हम सभी के लिए बहुत ही खुशी का क्षण है कि स्वर्गीय पूर्णो अगितोक संगमा द्वारा स्थापित पार्टी ने अपनी उचित पहचान हासिल कर ली है. यह केवल एनपीपी की उपलब्धता नहीं है बल्कि उत्तर पूर्व के लोगों का भारी समर्थन और साथ है.

बता दें कि नेशनल पीपुल्स पार्टी का गठन साल 2013 में पूर्व लोकसभा स्पीकर स्वर्गीय पुर्णो अगितोक संगमा द्वारा किया गया था. वे मेघालय के वर्तमान मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के पिता थे. पीए संगमा को पूर्वोत्तर के बड़े राजनेता के तौर पर जाना जाता है. यह पार्टी मेघालय, मणिपुर और नागालैंड में स्थानीय पार्टी के रूप में पहचान रखती है तो वहीं एनपीपी अरुणाचल प्रदेश में एक राज्य पार्टी है. यहां पार्टी ने पांच संसदीय सीटों पर जीत दर्ज की है. सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन का हिस्सा एनपीपी, मेघालय की 60 में से 21 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी है.

पीए संगमा ने 2013 में कांग्रेस से किनारा कर इस पार्टी को स्थापित किया था. अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर चुकी एनपीपी का चुनाव चिन्ह किताब है. पूर्वोतर की इस पार्टी का राजस्थान से भी खास नाता रहा है. मौजुदा बीजेपी सांसद किरोड़ीमल मीणा एनपीपी के सह संस्थापक सदस्य हैं. राजस्थान में 2013 विधानसभा चुनाव में पार्टी को चार सीटों पर विजय हासिल हुई थी. सात राजनीतिक पार्टियों को निर्वाचन आयोग ने अब तक राजनीतिक पार्टियों का दर्जा दे रखा है.

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