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हरियाणा की आदमपुर सीट से कौन मारेगा बाजी?

13 इस्तीफों के बाद सकते में कांग्रेस, कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक चला बैठकों का दौर

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कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के 14 विधायक इस्तीफा देने क्या पहुंचे, कांग्रेस के सभी नेता गहरी नींद से जाग खड़े हुए है. कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है. एक तरफ पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला राजधानी दिल्ली में मीटिंग ले रहे है तो इधर सिद्धारमैया कर्नाटक कांग्रेस के बाकी बचे विधायकों को बचाने के लिए बैठक लेकर उनसे समझाइश करने में लग गए है. वहीं कर्नाटक कांग्रेस इंचार्ज केसी वेणुगोपाल भी सिद्धारमैया से मिले बंगलुरु पहुंच गए है. कर्नाटक में हुए इस्तीफों के बाद इस आपाधापी के बाद कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव भी कल बेंगलुरु आ रहे हैं.

उपमुख्‍यमंत्री जी. परमेश्‍वर और राज्‍य के मंत्री डीके शिवकुमार ने भी कांग्रेस के विधायकों और निगम सदस्‍यों की आपात बैठक बुला ली है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस अलाकमान ने डीके शिकुमार को विधायकों को मनाने की ज़िम्मेदारी दी है. बताया जा रहा है कि 9-10 जुलाई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक भी रखी गई है. इस बैठक में कर्नाटक संकट पर भी चर्चा होगी.

बता दें आज जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के 11 विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा सचिव को सौंप दिया. इन विधायकों में 8 कांग्रेस जबकि 3 जेडीएस के हैं. इस घटना के बाद उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधायकों को मनाने में जुटे हुए हैं. साथ ही बाकी के विधायकों पर भी खासी नज़र रखी जा रही है.

इधर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर कर्नाटक सरकार गिराने का आरोप लगाया है. सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी कर्नाटक की सरकार गिराना चाहती है. बीजेपी को कांग्रेस-जेडीएस की जीत हजम नहीं हो रही है. विधायकों को पैसा का लालच दिया जा रहा है. हम बीजेपी की साजिश की निंदा करते हैं.’

 

कर्नाटक में इस्तीफों का दौर जारी, 13 विधायकों ने छोड़ा गठबंधन सरकार का साथ

कर्नाटक में इस्तीफों का दौर बदस्तूर जारी है. आज 11 विधायकों ने स्पीकर की गैर मौजूदगी में विधायक विधानसभा सचिव को अपना त्याग पत्र सौंपा था. अब जानकारी मिली हैं कि अब तक 14 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. मुनीरत्ना और सौमैया रेड्डी ने भी इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा आनंद सिंह भी इस्तीफा दे चुके हैं. कांग्रेस-जेडीएस से इस्तीफा दे चुके विधायक एचएएल एयरपोर्ट से मुंबई के लिए उड़ान भर चुके हैं. वे चार्टेड प्लेन से मुंबई आ रहे हैं. कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर भी बेंगलुरु से कोलार जिले पहुंच गए हैं.

इस्तीफों पर जेडीएस नेता एच विश्वनाथ ने जानकारी देते हुए बताया, ‘कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के खिलाफ अब तक 14 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. हम राज्यपाल से भी मिल चुके हैं. हमने स्पीकर को हमारे इस्तीफे स्वीकार करने को लेकर पत्र लिखा है. गठबंधन सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है.’

१३ इस्तीफों के बाद कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर सत्ता जाने का खतरा मंडराने लगा है. इस मामले पर कांग्रेस जेडीएस चीफ एचके कुमारस्वामी ने कहा, ‘विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा दे दिया है. वह समय आने पर इसका फैसला करेंगे. फिलहाल सरकार सुरक्षित है. सब हमारे पास लौट आएंगे. कोई कहीं नहीं जाएगा.’

जयपुर का परकोटा विश्व विरासत में शामिल, PM मोदी और CM गहलोत ने दी बधाई

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293 साल पुराना जयपुर संस्कृति और वीरता से जुड़ा शहर है जो हमेशा से ही पर्यटकों का पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है. आज इस शहर की चमक और भी बढ़ गई है. जयपुर शहर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट में दर्ज किया है. दरअसल, राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर के परकोटे को यूनेस्को ने ‘विश्व धरोहर’ की सूची में शामिल किया है. इस समिति की बाकू में चल रही बैठक में यह निर्णय लिया गया है. २१ में से १६ देशों ने इस फैसले का समर्थन किया है. यूनेस्को ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. बता दें, जयपुर देश का दूसरा ऐसा सिटी है जो विश्व धरोहर की सूची में शामिल हुआ है. इससे पहले यह सम्मान केवल गुजरात के अहमदाबाद को ही प्राप्त था.

पिछले साल ही भारत सरकार की ओर से यूनेस्को के पास यह प्रस्ताव भेजा गया था कि जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया जाए.

इस बड़ी सफलता के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शहरवासियों को बधाई दी है. पीएम मोदी ने कहा, ‘यूनेस्को द्वारा गुलाबी नगरी जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में चुना जाना न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश का सम्मान है. जयपुर को इस योग्य बनाए रखने के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं. हम सब मिलकर जयपुर को और बेहतर बनाने के लिए संकल्पित हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को गर्व हो.’


इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘यह बहुत गर्व की बात है कि हमारी पिंक सिटी, जयपुर को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट साइट घोषित किया गया है. यह राजस्थान के गौरव को बढ़ाएगा.’

उन्होंने कहा कि वर्ल्ड मैप पर वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में जयपुर न केवल प्रतिष्ठा का विषय है, बल्कि यह पर्यटन को बढ़ावा देगा. बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.


इस मौके पैर सचिन पायलट ने कहा कि बढ़िया खबर है. शहर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में सूचीबद्ध करते हुए क्या अद्भुत अनुभूति हो रही है. हम सभी को हाथ मिलाना होगा. जयपुर को अभी और भविष्य की सभी पीढ़ियों के लिए गौरव का शहर बनाने का प्रयास करना चाहिए.


जयपुर शहर के मेयर विष्णु लाटा ने भी शहरवासियों को बधाई दी है.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट कर कहा कि जयपुर को UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित किया गया है. इतिहास के साथ, पिंक सिटी सांस्कृतिक उत्कृष्टता का प्रतीक है. राजस्थान के लिए बहुत गर्व की बात है.

‘युवा कप्तान या ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ के फेर में फंसी कांग्रेस

राहुल गांधी के इस्तीफा सार्वजनिक करने के बाद भी लगता है जैसे कांग्रेस के कप्तान पर अभी तक सबकी एकमत राय नहीं बन पा रही है. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद नए कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अब तक अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, सुशील कुमार शिंदे, के.सी.वेणुगोपाल और मोतीलाल वोरा के नाम सामने आ चुके हैं.  लेकिन इनमे से किसी के भी नाम पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) ने मुहर नहीं लगाई है. कांग्रेस की नाव का नया खेवनहार कौन होगा, इसपर बहस चल ही रही थी कि एक नया बखेड़ा और खड़ा हो गया है.

पंजाब के मुख़्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बयान देकर सभी की नींदे उड़ा दी है. कैप्टन ने कहा है कि ‘राहुल गांधी का पद छोड़ने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. अब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एक गतिशील युवा नेता की उम्मीद है. CWC से आग्रह है कि युवा भारत की युवा आबादी के लिए युवा नेता की जरूरत पर ध्यान दें.’ कैप्टन ने यह बयान सोशल मीडिया पर शेयर किया है.

अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा है कि देश की बहुसंख्यक युवा आबादी के मद्देनजर कांग्रेस वर्किंग कमिटी को राहुल गांधी के विकल्प के तौर पर नई पीढ़ी के ऐसे नेता को कमान सौंपनी चाहिए, जो अपनी देशव्यापी पहचान और जमीन से जुड़ाव के जरिए लोगों को उत्साहित कर सके. यही नहीं, अमरिंदर ने बुजुर्ग नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि समय आ गया है कि पुराने लोग नए लोगों को रास्ता दें. वरना कांग्रेस मौजूदा चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएगी.

अब इस मामले पर फिर से एक बहस छिड़ गई है. कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि पहली बार पार्टी के किसी नेता ने अगले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर विचार रखा है. अब इस बात को गफलत में इसलिए भी नहीं रखा जा सकता क्योंकि सोशल मीडिया पर बयान आने के बाद उनके विचार सभी के पास पहुँच गए है. ऐसे में उनकी मांग को अनदेखा भी नहीं किया जा सकता.

कैप्टन के ये विचार इसलिए भी अहम है क्योंकि अमरिंदर सिंह कांग्रेस सत्ताधारी राज्यों मे पहले ऐसे CM थे जिन्होंने न केवल खुद के दम पर विधानसभा चुनाव जीता बल्कि लोकसभा चुनाव में साफ तौर पर कहा था कि अगर पंजाब में उनका नेतृत्व फेल होता है तो वो पद से इस्तीफा दे देंगे. उनके इस बयान के बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में हुई शर्मनाक हार के बाद यहां के मुख्यमंत्रियों को कमान सपने हाथों से जाती हुई दिख रही थी. हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं.

अभी तक नए कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर जितने भी नाम सामने आये हैं, वे सभी नाम ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ कांग्रेस के नाम जैसे ही है. मोतीलाल वोरा (90) साल के है. अशोक गहलोत (68), मल्लिकार्जुन खड़गे (76) और सुशील कुमार शिंदे (77) कोई भी युवा नहीं है. अगला नाम है के.सी.वेणुगोपाल जो 56 साल के है और काफी हद तक इस जिम्मेदारी को वहन करने की काबिलियत भी रखते है लेकिन युवा तो ये भी नहीं है.

अब कैप्टन के इस बयान ने सवाल तो खड़ा कर ही दिया कि अगर उनकी बात पर गौर किया जाए तो आखिर कांग्रेस के पास युवा नेताओं के तौर पर कौन से चेहरे हैं? इनमें सबसे पहले राजस्थान के डिप्टी CM के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और पार्टी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आता है. उनके पास पश्चिमी यूपी का प्रभार है. मुकुल वासनिक के रूप में कांग्रेस एक और महासचिव को इस सूची में शामिल किया जा सकता है.

जहां तक प्रियंका गांधी का सवाल है तो वो इस रेस में इसलिए नहीं हैं क्योंकि राहुल गांधी चाहते हैं कि उनके बाद पार्टी अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का नेता बने. ऐसे में देश के राजनैतिक पटल पर 60 साल तक एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस की पतवार युवा कप्तान या ग्रैंड ओल्ड पार्टी के भंवर में एकबार फिर फंसते हुए नजर आ रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष पर कैप्टन अमरिंदर का बड़ा बयान, युवा नेता को अध्यक्ष बनाने की मांग

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पंजाब के मुख़्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बयान देकर सभी की नींदे उड़ा दी है. कैप्टन ने कहा है कि ‘राहुल गांधी का पद छोड़ने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. अब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एक गतिशील युवा नेता की उम्मीद है. CWC से आग्रह है कि युवा भारत की युवा आबादी के लिए युवा नेता की जरूरत पर ध्यान दें.’ कैप्टन ने यह बयान सोशल मीडिया पर शेयर किया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि पहली बार पार्टी के किसी नेता ने अगले कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर विचार रखा है.

अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘देश की बहुसंख्यक युवा आबादी के मद्देनजर कांग्रेस वर्किंग कमिटी को राहुल गांधी के विकल्प के तौर पर नई पीढ़ी के ऐसे नेता को कमान सौंपनी चाहिए, जो अपनी देशव्यापी पहचान और जमीन से जुड़ाव के जरिए लोगों को उत्साहित कर सके.’

यही नहीं, अमरिंदर ने बुजुर्ग नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि समय आ गया है कि पुराने लोग नए लोगों को रास्ता दें. वरना कांग्रेस मौजूदा चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएगी.

इससे पहले राहुल गाँधी के पार्टी प्रेजिडेंट पद से इस्तीफा देने के बाद नए कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर जो नाम उभर कर सामने आए हैं, उनमें सुशील कुमार शिंदे, मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे बुजुर्ग नेता शामिल हैं. प्रियंका गांधी इस रेस में नहीं हैं क्योंकि राहुल गांधी चाहते हैं कि उनके बाद पार्टी अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का नेता बने.

‘युवा कप्तान या ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ के फेर में फंसी कांग्रेस

मोदी 2.0 की पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री के पहले बजट को कितने नंबर देंगीं देश की महिलाएं

महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया. इस बजट के खास सेंगमेट महिला शक्ति की शुरूआत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नारी तू नारायणी. यानी कि नारी को सर्वोपरी बताते हुए उन्होंने कहा कि जब तक महिलाओं की स्थिती में सुधार नहीं होगा तब तक दुनिया बेहतरी की और नहीं बढ़ सकती है. जब तक महिलाएं आत्मनिर्भर नहीं होंगी तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं हो सकता.

बजट का इंतजार हर वर्ग को होता है हर किसी का आत्मविश्वास बजट पर टिका रहता है लेकिन आज की महिला ना केवल किचन में रियायत चाहती है बल्कि आत्मनिर्भर है तो आगे बढ़ने का विश्वास भी चाहती है. अपने कंधों पर घर और देश दोनों की जिम्मेदारियां लेकर चल रही है इसका उदाहरण सबके सामने है.

आज किसी भी कारोबार को शुरू करने के लिए आर्थिक मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है बजट में स्कीम के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को कारोबार शुरू करने में मदद करने की बात कही गई .महिलाओं के स्वयंसेवी समूहों को बढ़ावा देने के लिए हर ज़िले में उनके लिए फ़ंड का ऐलान किया गया है. जिसके पास भी जन धन खाता होगा उसको ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी दी जाएगी.
मुद्रा, स्टार्टअप और स्टैंडअप स्कीम के तहत महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर बनाने की बात भी बजट में कही गई. स्टार्ट अप ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है लेकिन स्किल प्रोग्राम ज्यादा से ज्यादा चलाए जाने की आज भी जरूरत है ताकि दूर दराज की ग्रामीण महिलाएं जुड़ सके. हालांकि बजट में एक ऐसी समिति के गठन करने की बात कही गई जो महिलाओं को देश के विकास में योगदान के लिए प्रेरित कर सुझाव देने का काम करेगी.

उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से देश की महिलाओं को धुएं से छुटकारा मिला है लेकिन सिलेंडर की आसमान छूती कीमतें क्या उस सपने को पूरी तरह से साकार होने दे रही हैं. इसके अलावा महिलाओं के सम्मान के लिए शौचालय बनवाने की बात कही लेकिन आज भी बेटी घर हो या बाहर कहीं महफूज महसूस नहीं कर पा रही है, सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाए जाने की आज भी जरूरत है ताकि एक भय से मुक्त वातावरण में महिलाएं आराम से काम कर सके. अपने सपने साकार कर सकें.

छोटे उद्योग लगाकर या घर से काम करने वाली महिलाओँ के लिए जरूर बजट में ध्यान दिया गया है लेकिन ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं पर ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि अधिकतर कामकाजी महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से अपने पेशे से दूर हो जाती है ऐसे में इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. कामकाजी महिलाएं, स्वास्थ्य नीति, शिक्षा नीति में भी बहुत कुछ अलग से किए जाने की जरूरत है ताकि हर महिला आत्मनिर्भर बन सके.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इस बजट में आम गृहणी को उसकी रसोई या घर के लिए कुछ खास नहीं मिला है. स्व-सहायता समूह या अपना रोजगार स्थापित करने वाली महिलाओं के लिए यह बजट बहुत उम्मीदों वाला कहा जा सकता है।

वाराणसी से PM मोदी का विजय सन्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी संसदीय सीट वाराणसी में हैं. मोदी ने यह से UP बीजेपी कार्यकर्ता को विजय सन्देश दिया. ‘हर हर महादेव’ से अपने सम्बोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने सबसे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं का अभिवादन करते हुए कहा कि काशी की पवित्र धरती पैर आप सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं का स्वागत है. यहां उन्होंने पौधरोपण अभियान का भी शुभारंभ किया. इस अभियान के तहत UP में २२ करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने खुद एक पौधा लगाकर अभियान की शुरुआत की. मोदी ने यहां लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का भी विमोचन किया. इस मौके पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे.

यहां उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की पूरी देश में चर्चा है. अर्थव्यवस्था का आकार जितना ज्यादा बड़ा होगा, देश की समृद्धि भी उतनी होगी. प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी से रोजगार बढ़ेगा.

PM मोदी ने यहां BJP के देशव्यापी सदस्यता अभियान की भी शुरुआत की. उन्होंने 5 लोगों को बीजेपी की सदस्यता की शपथ दिलाई. बता दें, आज से BJP का सदस्यता अभियान शुरू हो गया है. इस अभियान के तहत 9 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य है. गृह मंत्री अमित शाह तेलंगाना में मेगा सदस्यता अभियान की शुरुआत करेंगे.

 

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