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कुमार स्वामी का सिंहासन गिरने की तैयारी में, फिर दो विधायकों का इस्तीफा

PoliTalks news

कर्नाटक का राजनीतिक घमासान अब चरम पर पहुंच गया है. सरकार के 14 विधायकों के इस्तीफों के बाद अब आज दो अन्य विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. विधायक के.सुधाकर और एमटीबी नागराज के इस्तीफे के बाद अब जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के पास मौजूदा विधायकों की संख्या 101 रह गई है. अब इस्तीफा देने वाले विधायकों में 13 कांग्रेस और 3 जेडीएस के हैं. बीजेपी के पास पहले से ही 105 विधायक हैं. विपक्ष ने दावा किया है कि उनके पास 107 विधायकों का समर्थन है. ऐसे में उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए.

फिलहाल कुमार स्वामी का मुख्यमंत्री सिंहासन कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के.आर रमेश कुमार ने संभाल रखा है. उन्होंने अभी तक किसी भी विधायक का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने दो टूक में कहा है कि मैंने उन्हें 17 तक समय दिया है. कानूनी प्रक्रियाओं का अध्ययन करूंगा, तब फैसला लूंगा.

इस बीच आज कर्नाटक विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. विधायक के.सुधाकर ने जैसे ही इस्तीफा दिया, उन्हें कांग्रेस के नेताओं के विधायकों ने घेर लिया और अपने चैंबर में ले गए. यहां पर के सुधाकर को समझाने की कोशिश की गई. इसके तुरंत बाद सुधाकर और एमटीबी नागराज राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. इस बीच सीएम कुमारस्वामी ने कहा है कि बीजेपी कांग्रेस और जेडीएस विधायकों खरीदने की पूरी कोशिश कर रही है.

दूसरी ओर, मुंबई में बागी विधायकों से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया. खबर है कि उन्हें जबरन बैंगलुरु भेजा जा रहा है. उन्होंने उसी होटल में बुकिंग कराई थी जिसमें बागी विधायक रूके हुए थे. ऐन टाइम पर होटल प्रबंधन ने उनकी बुकिंग कैंसल कर दी. होटल के आसपास धारा 144 लगा दी गई है.

के. चंद्रशेखर राव के वास्तु प्रेम पर हाईकोर्ट की रोक

तेलंगाना हाईकोर्ट ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के सचिवालय और विधानसभा परिसर के नवनिर्माण के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख और मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव वास्तु शास्त्र पर बहुत भरोसा करते हैं. इसके तहत उन्होंने मौजूदा सचिवालय परिसर को गिराकर नया भवन बनाने का प्रस्ताव रखा था. वे एरम मंजिल को भी गिराना चाहते थे, जो कि ऐतिहासिक विरासत की दृष्टि से महत्वपूर्ण इमारत है. इसके अलावा विधानसभा भवन के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव भी रखा था. सरकार के इस फैसले पर कई लोगों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं.

नवनिर्माण के तहत सरकार की तरफ से 500 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव था. इसमें 400 करोड़ की लागत से नया सचिवालय भवन बनाने की योजना थी और 100 करोड़ की लागत से नया विधानसभा भवन बनाने का प्रस्ताव था. चंद्रशेखर राव मानते हैं कि पुराना सचिवालय भवन औऱ विधानसभा भवन वास्तु के हिसाब से ठीक नहीं है. इसी वजह से चंद्रशेखर राव 2014 से जब से तेलंगाना के मुख्यमंत्री बने हैं, पुराने भवन में उन्होंने बहुत कम समय गुजारा है.
आंध्र प्रदेश की स्थापना 1956 में हुई थी. इसके बाद आंध्र प्रदेश का विभाजन होने के बाद के चंद्रशेखर राव तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री बने.

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एनटी रामाराव भी सचिवालय भवन को वास्तु के हिसाब से ठीक नहीं मानते थे, लेकिन वह इसके पुनर्निर्माण का प्रस्ताव लेकर नहीं आए. चंद्रशेखर राव वास्तु को लेकर सजग और संवेदनशील हैं. पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने दो साल के भीतर 50 करोड़ रुपए की लागत से नौ एकड़ जमीन पर विशाल मुख्यमंत्री निवास और कार्यालय का निर्माण कर लिया था.

हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर करने वालों का कहना है कि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव निजी हितों के लिए सरकार का धन खर्च कर रहे हैं. दो साल पहले भी चंद्रशेखर राव ने तिरुपति मंदिर में 5.5 करोड़ रुपए के स्वर्ण आभूषण अर्पित किए थे. ये आभूषण सरकारी खजाने से खरीदे गए थे. विवाद होने पर चंद्रशेखर राव ने सफाई दी थी कि ये आभूषण उस धन से खरीदे गए थे, जो राज्य के मंदिर में चढ़ावे के रूप में आता है. अब सवाल यह उठ रहा है कि चंद्रशेखर राव व्यक्तिगत तौर पर वास्तु पर भरोसा कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए भवनों के पुनर्निमाण पर सरकारी धन खर्च करना कहां उचित है.

 

महाराष्ट्र की ‘केकड़ा पॉलिटिक्स’

सुनने में बेशक अजीब लगे लेकिन कुछ ऐसे बयान अक्सर हमारे नेता दे जाते हैं जिन्हें बेतुके ही कहा जा सकता है. हाल में महाराष्ट्र के रत्नागिरी में बांध के ढह जाने से बड़ा हादसा हो गया. कई लोगों की जिंदगी चली गई. इसी बीच महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री तानाजी सावंत ने एक ऐसा अजीबोगरीब बयान दे दिया कि सबका गुस्सा 7वें आसमान पर पहुंच गया.

बांध के ढह जाने  को लेकर जब सवालों की बौझार हुई तो मंत्री ने कहा, ‘इस हादसे के लिए केकड़े जिम्मेदार है. केंकडों ने इस बांध को कमजोर कर दिया जिसकी वजह से ये हादसा पेश आया है.’ अब मंत्रीजी के इस बयान पर सियासत शुरू हो गई है. एनसीपी ने तानाजी सांवत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विरोध के लिए एनसीपी ने एक अनोखा तरीका निकाला है. इसके लिए उन्होंने तानाजी सांवत के घर के जिंदा केकड़े छोड़ दिए गए साथ ही एनसीपी नेताओं ने कहा कि अगर वाकई इस हादसे के लिए केकड़े जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए.

हालांकि इस हादसे से ग्रामीणों में गुस्सा तो है ही लेकिन अब ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. कोई इसकी खिल्ली उड़ा रहा है और कोई सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है. सवाल ये उठता है कि आखिर कब तक ऐसे बेजुबान जानवरों को जिम्मेदार ठहराकर प्रशासनिक व्यवस्थाओं का मखौल उड़ाया जाता रहेगा. इससे पहले भी कई मामलों में चुहों को ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा चुका है.

बीजेपी में गए 8 पार्षद तृणमूल कांग्रेस में लौटे

हालीशहर नगरपालिका के 8 पार्षद, जो दिल्ली जाकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, वे वापस तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. उत्तर चौबीस परगना जिले की हालीशहर नगरपालिका के कुल 23 पार्षदों में से 13 नगरपालिका अध्यक्ष अंशुमन राय के नेतृत्व में 28 मई को बीजेपी में शामिल हो गए थे. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के पांच दिन बाद उन्होंने यह फैसला किया था। इनमें से आठ पार्षद मंगलवार को मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से मिले वापस पार्टी में लौटने की घोषणा की.

इस घटनाक्रम के बाद पार्टी में लौटने वाले आठ विधायकों के साथ राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी तृणमूल कांग्रेस के लोगों को तोड़ने के लिए जल्दबाजी में थी. बीजेपी ने तीन पार्षदों को धमकी भी दी थी. हाकिम ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता मुकुल रॉय और सांसद अर्जुन सिंह TMC में फूट डालने के प्रयास कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें घटनाक्रम की जानकारी नहीं है. तृणमूल कांग्रेस के जो नेता बीजेपी में आ रहे हैं, उनकी पृष्ठभूमि की जांच-पड़ताल हो रही है. तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वालों की बढ़ती संख्या पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी एतराज जाहिर किया है. तृणमूल कांग्रेस के जो लोग वित्तीय गड़बड़ियों में शामिल हैं, उन्हें बीजेपी में शामिल नहीं किया जाएगा.

राजस्थान बजट 2019: मुख्यमंत्री के पिटारे से आखिर क्या निकला, जानिए

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में प्रदेश और वर्तमान सरकार का पहला बजट पेश किया. यह गहलोत का छठा पेश बजट रहा. एक घंटे 36 मिनट के भाषण के दौरान गहलोत ने प्रदेश की जनता को केंद्रीय बजट से होने वाली निराशा से काफी हद से बाहर निकालने का काम किया. मौजूदा बजट में किसान और पर्यटन पर पूरी तरह फोकस रखा गया है. सीधे तौर पर कहें तो इस बजट में सभी के लिए कुछ न कुछ दिया गया है. किसानों को काफी सारी रियायत दी गई है. साथ ही प्राकृतिक कृषि और सौर उर्जा पर खासा ध्यान दिया गया है.

आम जनता को बड़ी राहत देते हुए प्रदेश में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है. बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए सरकारी विभागों में 75 हजार नई नियुक्ति और एक लाख युवाओं को स्टार्टअप के लिए ऋण उपलब्ध कराने की योजना है. प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए किलों और पुरानी इमारतों की नवीनीकरण पर फोकस है. LPG और CNG वाहनों में कर देय 25 से बढ़ाकर 50 फीसदी करने की घोषणा की गई है. भविष्य में जयपुर के परकोटे को नो व्हीकल जोन किए जाने की योजना भी बजट में शामिल की गई है.

किसानों के लिए

  • प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देंगे. टोंक, बांसवाड़ा के 30 हजार किसानों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.
  • कृषि ज्ञान धारा के तहत 2 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
  • 16 हजार करोड़ का फसली ऋण दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
  • किसानों को गुणवत्ता बिजली देने के लिए 5200 करोड़ की योजना शुरू की जाएगी.
  • 21 जिलों में 517 के 55 सिंचाई कार्य शुरू किए जाएंगे.
  • 20 हजार अधिक हैक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
  • किसानों को गुणवत्ता बिजली देने के लिए 5200 करोड़ की योजना
  • नई सौर उर्जा एवं पवन उर्जा का ऐलान.
  • गोपालन विभाग बजट में 145 प्रतिशत की बढ़ोतरी
  • आगामी 5 वर्षों एक लाख से ज्यादा नवीन पशु चिकित्सा केंद्र खोले जाएंगे.

युवाओं के लिए

  • देश में इस बार 75 हज़ार पदो पर युवाओं की भर्ती की जाएगी.
  • शिक्षा विभाग – 26 हजार नियुक्ति
  • चिकित्सा विभाग – 15 हजार नियुक्ति
  • पीएचडी विभाग – 14 हजार नियुक्ति
  • बिजली विभाग – 9 हजार नियुक्ति
  • ग्रामीण विभाग – 5 हजार.
  • प्रदेश में 6000 नए ई मित्र खुलेंगे.
  • मुख्यमंत्री रोजगार योजना शुरू होेगी.
  • पांच साल में एक लाख युवाओं को रोजगार के लिए ऋण दिए जाने का प्रावधान.
  • नई लघू प्रोत्साहन योजना में 10 करोड़ के ऋण में ब्याज दरों में रियायत दी जाएगी.
  • प्लास्टिक, रबर, डाई, पेंट, कॉस्मेटिक आदि उद्योगों को रिको द्वारा इंस्ट्रीयल जोन स्थापित करने की घोषणा. हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
  • 50 करोड़ की लागत से महात्मा गांधी संस्थान बनाने की घोषणा.
  • युवाओं को रोजगार के लिए गांधी दर्शन से रूबरू कराया जाएगा.
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 7500 रुपये और सहायिका का वेतन 3000 से बढ़ाकर 4250 रुपये करने की घोषणा.
  • बुनकरों को एक लाख रूपये तक के ऋण पर ब्याज का भुगतान राज्य सरकार करेगी.
  • खादी संस्थाओं को 10 साल के लिए 10 करोड के फंड का ऐलान.

शिक्षा

  • प्रदेश में नई शिक्षा नीति बनाई जाएगी.
  • मौजूदा वित्तीय वर्ष में 50 नए प्राथमिक विद्यालय खोलने की योजना.
  • बालिका शिक्षा के लिए एक हजार करोड़ की इंद्रा प्रियदर्शनी निधि योजना की सौगात.
  • मदरसा आधुनिक योजना को पुन: लागू की घोषणा. 10 करोड़ का अनुदान.
  • जनजाति वर्ग के छात्रों को प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी के लिए 10 करोड़ की लागत से करियर कॉन्सिल सेंटर की घोषणा.
  • अल्प समुदाय की बालिकाओं के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान.
  • बालिका सुरक्षा के लिए स्कूलों में शारीरिक आत्मरक्षा शिविर लगाए जाएंगे.
  • भवन विहीन स्कूलों में 18 सरकारी भवन बनाने का प्रस्ताव.
  • 500 सैकण्डरी स्कूल हायर सैकण्डरी स्कूलों में क्रमोन्नत होंगे.
  • जयपुर के जामरोली में सांकेतिक भाषा केंद्र खोलने की घोषणा.
  • बाल साहित्यकारों के लिए पं.जवाहर लाल नेहरू साहित्य की घोषणा.
  • राजस्थानी भाषा को सिखाने के लिए एप बनाया जाएगा.

चिकित्सा

  • कुचामन सिटी में ब्लड बैंक की खोलने की योजना.
  • प्रदेश में खुलेंगे 5 नए ट्रोमा सेंटर.
  • सरकारी अस्पतालों में 500 नए बैड लगाए जाएंगे.
  • श्रीगंगानर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की घोषणा.
  • राज्य में निशुल्क मौहल्ला और जनता ​क्लीनिक खोले जाएंगे.
  • गरीबों को निशुल्क दवा योजना के तहत किड़नी, हार्ट सहित 104 तरह की नई दवाई को निशुल्क करने की घोषणा.
  • शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इंदिरा प्रियदर्शनी लागू की जाएगी.
  • बीकानेर मेडिकल कॉलेज में नवीन यूनिट लगाई जाएगी.
  • सरकारी अस्पताल में सीटी स्कैन मुफ्त होगी.

खेल

  • नई खेल योजना लाई जायेगी.
  • खेलों को बढ़ावा देने के लिए 5 करोड़ खर्च होंगे.
  • ए​शियन खेलों की तरह अब राज्य खेल प्रतियोगिता भी होगी.
  • राज्य के इंटरनेशनल खिलाड़ियों के लिए पेंशन योजना का प्रावधान.
  • पदक विजेताओं को 25 लाख रुपये या 25 बिघा भूमि का आवंटन होगा.

पर्यटन

  • जयपुर में राजस्थान संग्राहलय बनाने की घोषणा.
  • पर्यटन बढ़ाने के लिए नो व्हीकल जोन शुरू किया जाएगा.
  • भरतपुर के लोहागढ़ को हैरिटेज के लिए 2.50 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
  • पुरानी विधानसभा को विश्व स्तरीय धरोहर बनाने की घोषणा.
  • पुराने किलों की हालात सुधारने के लिए 22 करोड़ की योजना.
  • उदयपुर में ट्रेफिक नियंत्रण के लिए एक अलग डीपीआर बनाई जाएगी.
  • नाथद्वारा और पुष्कर में बिजली के तारों को भूमिगत किया जाएगा.
  • 13 हजार करोड़ की लागत से मेट्रो के दूसरे चरण की डीपीआर बनाई जाएगी.

वरिष्ठ नागरिक

  • वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में बढ़ावा. काठमांडू के पशुपति मंदिर को शामिल किया.

पेयजल/सड़क निर्माण

  • स्मार्ट बिजली मीटर भी लगाए जाएंगे.
  • सड़क निर्माण के लिए 35 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे.
  • 250 करोड़ की लागत से 2394 किमी. लंबी सड़कों को नवीनीकरण किया जाएगा.
  • राजस्थान में सौर उर्जा की अपार संभावना के लिए हर घर की छतों पर सौलर पैनल लगाए जाने पर जोर.
  • राज्य में 33 केवी के समीप अनुपयोग भूमि की 2600 मेगा वॉट की सौर उर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे.
  • किसानों को गुणवत्ता बिजली देने के लिए 5200 करोड़ की योजना शुरू की जाएगी.
  • 33केवी के नए संयंत्रों के लिए 500 करोड़ खर्च होगा.
  • प्रदेश के 211 बांध के नवीनीकरण के लिए 965 करोड़ व्यय होंगे.
  • 20 हजार अधिक हैक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
  • पेयजल के लिए चरणबद्ध तरीके से सौर उर्जा चलित ट्यूबवैल लगाए जाएंगे जिनकी लागत 200 करोड़ होगी.
  • इमरजेंसी सपोर्ट सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.
  • 37 हजार करोड़ की केनाल परियोजना को केंद्रीय सरकार से नेशनल परियोजना का दर्जा दिलाई जाएगी.
  • नागौर जिले में पेयजल के लिए 45 करोड़ की परियोजना लागू कर एक लाख लोगों को लाभ दिया जाएगा.
  • चंबल परियोजना के पेयजल के लिए 650 करोड़ की डीपीआर बनाई जाएगी.
  • औद्योगिक विकास के लिए जयपुर, कोटा, भीलवाड़ा, दौसा, नाथद्वारा में नए संयंत्र लगाए जाएंगे.
  • पिछली कांग्रेस सरकार में बाडमेर में पेयजल के लिए 500 करोड़ की ​योजना शुरू ​की थी जिसे पिछली सरकार ने निरस्त कर दिया था. इस योजना को फिर से हाथों में लिया है.

अन्य

  • प्रदेश में कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाने का प्रावधान.
  • LPG और CNG वाहनों में कर देय 25 से बढ़ाकर 50 फीसदी करने की घोषणा.
  • शहीद परिवारों को आवास खरीद में फ्री रजिस्ट्री, स्टांप ट्यूटी शून्य करने की घोषणा.
  • फैमिली सेटलमेंट स्टांप ड्यूटी को 8 फीसदी से घटाकर शून्य करने की घोषणा.
  • स्टार्टअप में पात्रों के लिए 10 लाख के स्टांप ड्यूटी को शून्य करने की घोषणा.
  • बीपीएल कार्ड धारकों को राज्य की सभी धर्मशालाओं में ठहरने की निशुल्क सुविधा.

 

 

मुख्यमंत्री गहलोत ने पेश किया प्रदेश का बजट, राहत देने की कोशिश

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में प्रदेश का बजट पेश किया. बजट में न केवल उन्होंने पिछली बीजेपी सरकार की बंद की गई योजनाओं को फिर से शुरू किया. साथ ही किसानों को कई सौंगाते देने के साथ प्रदेश में कोई नया कर नहीं लगाने की घोषणा की. रोजगार को बड़ा तौहफा देते हुए 5 विभागों में 75 हजार नई भर्तियों की भी घोषणा की. बजट में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के साथ ही 16 हजार करोड़ के फसली ऋण, सड़कों के नवीनीकरण, सौर उर्जा, स्मार्ट मीटर, भूमिगत विद्युतिकरण, 5 नए ट्रोमा सेंटर और श्रीगंगानर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने सहित कई नई घोषणाएं की.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो रही देरी से पार्टी को हो सकता बड़ा नुकसान

बजट के बाद प्रेसवार्ता में मोदी सरकार पर बरसे गहलोत

राजस्थान का बजट आज, सुबह 11 बजे विधानसभा में पेश करेंगे सीएम अशोक गहलोत

मोदी 2.0 की सरकार के आम बजट के 4 दिन बाद आज राजस्थान की गहलोत सरकार अपना बजट पेश करेगी. सरकार की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए पहले हाे चुकी घोषणाओं को ही पूरा कर पानी बड़ी चुनौती बना हुआ है. गहलाेत सरकार सत्ता में आने से लेकर अब तक के 6 माह में 9 बड़ी घाेषणाएं कर चुकी हैं इनमें पेट्राेल-डीजल पर 4 फीसदी तक भारी टैक्स बढ़ाने के अलावा 2 बार आबकारी शुल्क बढ़ाया जाना भी शामिल है.

ऐसे में बुधवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए गहलोत क्या नई घोषणा करेंगे, इस पर सबकी नजरें रहेंगी की जनता को क्या मिलने वाला है और क्या नहीं. खुद गहलोत कई बार यह बात कह चुके हैं कि सरकार की वित्तीय स्थिति खराब है. ऐसे में सरकार की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए पहले हाे चुकी घोषणाओं को ही पूरा कर पानी बड़ी चुनौती है.

आज बजट से उम्मीदें: –

  • नई उद्योग नीति लाए जाने की घोषणा संभव.
  • रिफाइनरी से जुड़े उद्योगों को करों में राहत देने का ऐलान हो सकता है.
  • राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसानां का कर्ज किया जा सकता है.
  • संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, इसे पूरा किया जा सकता है. नई भर्तियों का ऐलान भी संभव.
  • मुफ्त दवा योजना का दायरा और बढ़ाया जा सकता है.
  • चुनावाें में रोडवेज कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का वादा किया था, इसे लेकर एलान संभव.
  • भामाशाह की जगह राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने का ऐलान संभव.

मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए पहले हाे चुकी घोषणाओं को ही पूरा कर पाना गहलोत सरकार के लिये बड़ी चुनौती है, ऐसे में आज विधानसभा में बजट पेश करते हुए गहलोत क्या नई घोषणा करेंगे, इस पर सबकी नजरें रहेंगी.

कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी की राहुल गांधी को नसीहत, कहा ‘इस्तीफे से पहले करना था यह काम’

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पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह का कांग्रेस अध्यक्ष पर बयान क्या आया, दिग्गज़ नेताओं ने भी बयान देना और नसीयत देना शुरू कर दिया है. हाल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने पत्र लिखकर कहा था कि राहुल के इस्तीफा देने के 6 हफ्तों के बाद भी कांग्रेस अनिर्णय की स्थिति में है. ऐसे में जल्दी से जल्दी मनमोहन सिंह के नेतृत्व में CWC की बैठक बुलाकर फैसला लिया जाए और एक अध्यक्ष के साथ चार संभागों के लिए उपाध्यक्ष बनाया जाए.

अब कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी का बयान सामने आया है. उन्होंने राहुल गांधी को नसीयत देते हुए कहा कि राहुल गांधी को पद छोड़ने से पहले नए अध्यक्ष और उसके चयन को लेकर कोई व्यवस्था बनानी चाहिए थी. जनार्दन द्विवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने विचार साझा किए.

उन्होंने कहा, ‘इस स्थिति पर बात करना कष्टदायक है. संगठन की स्थिति देख कर पीड़ा होती है. कारण बाहर नहीं भीतर है. कई ऐसी बातें पार्टी में हुई, जिससे मैं सहमत नहीं था. नेतृत्व से असहमतियों को छिपाया नहीं. उन्होंने कहा कि मैंने आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की. तब कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात से किनारा कर लिया. बाद में जब मोदी सरकार 10% आरक्षण लेकर आई तो सभी पार्टियां मौन हो गई.’

उन्होंने राहुल गांधी के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि मैं राहुल के फैसले का समर्थन करता हूं. जब तक आप छोड़ेंगे नहीं, पाएंगे नहीं. महात्मा गांधी, विनोवा भावे चाहते तो क्या नहीं बन सकते थे? मैं आज इसलिए बोल रहा हूं, क्योंकि 5 साल पहले पार्टी में ये बात चली थी कि नए लोग जिम्मेदारी लें और बुजुर्ग दूसरी जिम्मेदारी देखें.

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