जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक माहौल इस समय जोर पकड़े हुए है. टीवी चैनलों पर भी कश्मीर के विशेष दर्जे पर वाद विवाद के कार्यक्रम देखे जा रहे हैं. मीडिया में धारा 370 और 35ए की जोरदार चर्चा है. कई लोग मानते हैं कि अब अमित शाह गृहमंत्री बन गए हैं, तो कश्मीर से धारा 35ए तो खत्म हो ही जाएगी, लेकिन जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने यह कहते हुए इसका जोरदार विरोध किया है कि अगर धारा 35ए हटी तो इसका नतीजा बम विस्फोट की तरह होगा.

मंगलवार को दिल्ली में भाजपा के कश्मीर कोर ग्रुप की बैठक हुई थी. उसके बाद बुधवार को पार्टी महासचिव राम माधव ने श्रीनगर में भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित किया. यह भाजपा की चुनावी तैयारियों का संकेत है. सम्मेलन के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय पार्टियों के नेता जबरन भय का माहौल बनाने में लगे हुए हैं, संविधान की धारा 35ए के बारे में फैसला केंद्र सरकार को लेना है और मोदी सरकार राज्य के हित में ही फैसला लेगी.

भाजपा महासचिव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना भाजपा की प्राथमिकता में है और पार्टी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की आवाजाही एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन स्थानीय पार्टियां इसको लेकर लोगों में भय पैदा करने का प्रयास करती हैं. अमरनाथ यात्रा जारी रहने से राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है. लेकिन कई लोग सोशल मीडिया पर इसका उलटा प्रचार कर रहे हैं.

आगे राम माधव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग राज्य में राष्ट्रपति शासन हटने से पहले विधानसभा चुनाव कराने का फैसला करता है तो भाजपा इसके लिए तैयार है. जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में भाजपा कार्यकर्ता सक्रिय हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव भाजपा अकेले अपने दम पर लड़ेगी और सभी 87 विधानसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार खड़े होंगे. धारा 35ए के बारे में कोई सीधी जवाब देने से पचते हुए राम माधव ने कहा कि यह मुद्दा केंद्र सरकार के अधीन है.

धारा 35ए के बारे में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान पर राम माधव ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी करके वह सिर्फ राजनीति में बने रहने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जबसे भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, तब से इस तरह के नेताओं ने दूसरी तरह के नाटक शुरू कर दिए हैं.

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