Politalks.News/Delhi. ओह! कांग्रेस, तुझे हुआ क्या है? देश की सबसे पुरानी पार्टी का यह हाल? पिछले कुछ वर्षों से सबसे खराब दौर से गुजर और बिखर रही कांग्रेस को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि आज होने वाली वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी कुछ उभर पाएगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इस बैठक में पिछले कई दिनों से निगाहें लगाए बैठे थे. कल तक जो खबरें आ रही थीं, उसके अनुसार वर्किंग कमेटी में कांग्रेस के नए अध्यक्ष पद की ताजपोशी ही सबसे महत्वपूर्ण फैसला बना हुआ था. लेकिन आज सुबह 11 बजे शुरू हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की पटकथा कई दिनों पहले लिखी गई थी.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्किंग कमेटी की बैठक जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस पूरी तरह दो फाड़ में नजर आई. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक ऐसे वक्त में हुई जब पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने नेतृत्व पर सवाल खड़े किए. बैठक में सख्त तेवर और तिमिलाहट के साथ जुड़े पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल सहित उन तमाम 23 नेताओं पर भाजपा के साथ मिलीभगत के खुलेआम आरोप लगाए, जिन्होंने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा. यही नहीं राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस की बैठक में भाजपा ने अपने ‘वजीर’ फिट कर रखे हैं.
राहुल के इस आक्रामक अंदाज को कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद सहन नहीं कर सके, इन दोनों ने भी अपनी-अपनी आस्तीन चढ़ा लीं. फिर क्या था दोनों ओर से जबरदस्त ‘तू तू मैं मैं’ होती रही. सबसे महत्वपूर्ण यह था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक का भाजपा लाइव प्रसारण भी देख रही थी (आज भाजपा अपने मिशन कांग्रेस के सफाए को लेकर एक कदम और आगे बढ़ गई). अभी तक कहा जाता है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अधिकांश बातें सूत्रों के हवाले से ही बाहर आती हैं लेकिन आज पार्टी का महाभारत अपने आप ही बाहर निकलने को बेताब दिखाई दिया.
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राहुल के आरोपों के बाद गुस्साए गुलाम नबी आजाद बोले कि, भारतीय जनता पार्टी से मिलीभगत साबित हुई तो इस्तीफा दे दूंगा. बैठक की शुरुआत में वरिष्ठ कांग्रेसियों की चिट्ठी सार्वजनिक होने का मामला गरमाया रहा. सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की, साथ में उस चिट्ठी का जवाब भी दिया, जिसमें नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे. इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस चिट्ठी की जबरदस्त आलोचना की.
कांग्रेस पार्टी के कई नेता भाजपा को पहुंचा रहे हैं फायदा: राहुल गांधी
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता ऐसे हैं जो सीधे गोपनीय बातें लीक कर रहे हैं और भाजपा को फायदा पहुंचा रहे हैं. राहुल के बयान के बाद कांग्रेसी नेताओं की ट्विटर पर जंग दिखाई दी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्विटर का सहारा लिया और राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार किया. सिब्बल ने लिखा कि, “राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं, मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया, पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मसले पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए, फिर भी कहा जा रहा है कि हम भाजपा के साथ हैं.”
कपिल सिब्बल के ट्वीट पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पलटवार किया. सुरजेवाला ने सिब्बल के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा कि, ‘राहुल गांधी ने इस तरह की नहीं कही कोई भी बात और ना ही इस संबंध में किया है कोई जिक्र, कृपया कोई भी गलत सूचना ना फैलाएं, लेकिन हां हम सब क्रूर मोदी राज से लड़ने के लिए एकजुट हैं ना कि आपस में या कांग्रेस से लड़ने के लिए.’
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दरअसल राहुल गांधी ने जब चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को भाजपा का मददगार बताया, तो गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो इस्तीफा दे देंगे, चिट्ठी लिखने का फैसला सिर्फ कार्यसमिति का रहा है. करीब 15 दिन पहले पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है. पिछले चुनावों में युवाओं ने डटकर नरेंद्र मोदी को वोट दिए. कांग्रेस में लीडरशिप फुल टाइम होनी चाहिए और उसका असर भी दिखना चाहिए.
कांग्रेस नेताओं के बीच हुई आर-पार की लड़ाई में भाजपा ने कसा तंज-
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई आर-पार की लड़ाई में फिलहाल अभी तक भाजपा केंद्रीय नेतृत्व तरफ से कोई बयान नहीं आया है. लेकिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए ट्वीट किया कि, “कांग्रेस नेताओं ने पत्र लिखा कि पूर्णकालिक अध्यक्ष चाहिए, तो राहुल गांधी कहने लगे कि ये गद्दारी है, सत्य कहने वालों को कांग्रेस में गद्दार कहा जाता है, ऐसी पथभ्रष्ट कांग्रेस को कोई बचा नहीं सकता है.”
वहीं मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जरूर कांग्रेस की इस महाभारत पर तंज कसा है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, “कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए कई योग्य उम्मीदवार हैं. इनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रेहान वाड्रा, मिराया वाड्रा शामिल हैं. कार्यकर्ताओं को समझना चाहिए कि कांग्रेस उस स्कूल की तरह है, जहां सिर्फ हेडमास्टर के बच्चे ही क्लास में टॉप आते हैं.”
राहुल गांधी के समर्थन में उतरे कांग्रेसी नेता
दूसरी ओर राहुल के समर्थन में पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि आंतरिक चुनावों की बजाय सबकी सहमति देखी जानी चाहिए. खुर्शीद ने कहा कि राहुल को कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन है ऐसे ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा कि फिलहाल गांधी परिवार को ही पार्टी की बागडोर संभालनी चाहिए. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राहुल गांधी में भरोसा जताया है. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी राहुल गांधी के नाम की ही वकालत करते हुए कहा कि राहुल गांधी को आगे आना चाहिए और पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए.
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बता दें, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक शुरू होने से पहले सोमवार सुबह दिल्ली स्थित पार्टी के मुख्यालय के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया, कहा कि गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष बना तो पार्टी टूट जाएगी. इस तरह आज हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में तड़क-भड़क इतनी बढ़ गई कि कांग्रेेस नए अध्यक्ष पद के मुख्य मुद्दे से ही भटक गई.