बिहार के विधायक अनंत सिंह के लापता होने के बाद समय पूर्व सेवानिवृत्त पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है. अनंत सिंह मोकामा के निर्दलीय विधायक हैं. 16 अगस्त को मधेपुरा जिले में लदना स्थित अनंत कुमार के पैतृक घर से एके-47 राइफल, 26 कारतूस और दो बम बरामद होने के बाद वह फरार हो गए.
अनंत सिंह बिहार के बाहुबली विधायक हैं. अमिताभ कुमार दास ने डीजीपी को लिखे पत्र में बताया है कि मार्च 2009 में उन्हें अनंत सिंह के पैतृक निवास में एके-56, एके-47 और अन्य खतरनाक हथियारों की मौजूदगी की गोपनीय सूचना मिली थी. अब 10 साल बाद उनके घर से एके-47 की बरामदगी से वह सूचना सही साबित हो रही है. उन्हें सूचना मिली है कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है और इसके लिए सुपारी दे दी गई है. इसलिए उन्हें तत्काल पुलिस सुरक्षा की जरूरत है. उन्होंने मांग की है कि उनकी सुरक्षा में बीएमपी-1 (बिहार मिलिटरी पुलिस) के दो जवान तैनात किए जाएं.
अमिताभ कुमार दास 1994 बैच, बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं. उन्हें अगस्त 2018 में समयपूर्व सेवानिवृत्ति दे दी गई थी. वह दरभंगा जिले के निवासी हैं और विवादों से उनका नाता रहा है. उन्होंने एक केंद्रीय मंत्री सहित कुछ भाजपा नेताओं पर रणवीर सेना से घनिष्ठ संबंध रखने का आरोप लगाया था जो कि सवर्णों का एक सशस्त्र संगठन है और दलितों के हत्याकांड के कई मामलों में उसकी भूमिका रही है.
दास ने ऐसे कई लोगों के बारे में खुलासे किए हैं, जो पहले क्षेत्र के बाहुबली हुआ करते थे और बाद में रेलवे के ठेकेदार बन गए. दास को 2018 में पदोन्नत कर आईजी बनाया गया था. उनको केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के दखल के बाद आईजी पद पर प्रमोशन मिला था. पांच मार्च 2009 को उन्होंने बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त सुधीर कुमार राकेश को पत्र लिखा था कि विधायक के घर में अवैध हथियार होने की सूचना मिली है. उस समय अनंत सिंह जनता दल-यू के विधायक थे.
अनंत सिंह के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) कानून और हथियार एवं विस्फोटक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. शनिवार को पुलिस ने उनके पटना स्थित निवास पर छापा मारा था, लेकिन मामला दर्ज होने के बाद से वह लापता हैं. सूत्रों के मुताबिक विधायक अनंत सिंह गुरुवार या शुक्रवार को समर्पण कर सकते हैं.