लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल कर सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी और एनडीए नई सरकार गठन की कवायद में जुटी है. 30 मई को नरेंद्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं. इसी बीच खराब स्वास्थ्य से जुझ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने एनडीए के संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में जेटली ने लिखा है कि वे स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते आराम करना चाहते हैं, इस दौरान उन्हें किसी भी जिम्मेदारी से दूर रखा जाए. साथ ही अरुण जेटली ने कहा है कि उन्हें नई सरकार में भी कोई पद नहीं दिया जाए. माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी के शपथ समारोह के दौरान कुछ को मंत्री भी बनाया जा सकता है.
अरुण जेटली ने पीएम को लेकर पत्र को अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है. इस पत्र में जेटली ने लिखा है कि मैं आपसे औपचारिक रूप से अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे खुद के लिए अपने उपचार के लिए और अपने स्वास्थ्य के लिए उचित समय की जरूरत है और इसलिए नई सरकार में, फिलहाल के लिए मैं किसी भी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं होना चाहता. साथ ही उन्होंने नरेंद्र मोदी को लिखा कि उनके नेतृत्व की पिछली सरकार में 5 साल काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और इससे मुझे काफी अनुभव भी मिला है.
I have today written a letter to the Hon’ble Prime Minister, a copy of which I am releasing: pic.twitter.com/8GyVNDcpU7
— Arun Jaitley (@arunjaitley) May 29, 2019
पत्र में जेटली ने अपने स्वास्थ्य को लेकर जानकारी दी कि वे पिछले 18 सालों से गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि पूर्व में भी उनके द्वारा मोदी को खराब स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देकर भविष्य में जिम्मेदारियों से मुक्त रखने की बात कही गई थी. जेटली ने कहा उन्हें इस हैल्थ समस्या से निपटने के लिए कुछ समय चाहिए. इस दौरान वे अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने व उपचार पर ध्यान देना चाहते हैं. उन्होंने बीजेपी और एनडीए की प्रचंड जीत का भी जिक्र किया.
बता दें कि पिछले लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का पिछले साल मई में भी किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था. बीती जनवरी में उनको एक सर्जरी के सिलसिले में अमेरिका जाना पड़ा था. बताया जा रहा है कि उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिश्यू कैंसर भी है. इन्ही कारणों के चलते वे मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतरिम बजट उनकी बजाए रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल न बजट पेश किया था. पेशे से वकील अरुण जेटली कई मामलों में सरकार के संकटमोचक रहे हैं. उनका कद पार्टी और मोदी मंत्रिमंडल में काफी अहम रहा है.
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