नीतीश कुमार का चुनावी पुल क्या ढहा, विपक्ष के साथ चिराग पासवान को भी मिल गया बढ़िया मौका

15 साल में 55 घोटाले किए नीतीश कुमार ने- तेजस्वी, बांध को तो चूहे कुतर देते थे, लेकिन सत्तरघाट पुल को कहीं कागजी चीटियां तो नहीं चट कर गयीं- उपेन्द्र कुशवाहा, नीतीश सरकार नीचे से लेकर ऊपर तक आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है- कांग्रेस

Bihar (चिराग पासवान, नीतीश कुमार)
Bihar (चिराग पासवान, नीतीश कुमार)

Politalks.News/Bihar. बिहार के गोपालगंज में 264 करोड़ की लागत से गंडक नदी पर बना सत्तरघाट महासेतु पुल के ध्वस्त होने के साथ ही बिहार की सियासत में उबाल आ गया. मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने महज 29 दिन पहले ही इस पुल का उदघाटन किया था. चुनावी साल में हुए इस उदघाटन का शायद नीतीश कुमार ने चुनावी फायदा लेने का भी पूरा मानस बनाया होगा, लेकिन उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि यह हादसा होगा और यही उनकी सुशासन बाबू की छवि पर बड़ा धब्बा लगा देगा. इस घटना के बाद जहां तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा, और कांग्रेस के नेताओं ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला वहीं एनडीए की सहयोगी एलजेपी के अध्यक्ष चिराग़ पासवान ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाए दिए हैं. चिराग़ ने ट्वीट कर कहा इस तरह की घटनाएं सवाल उठाती हैं इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए.

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चिराग पासवान ने ध्वस्त हुए एप्रोच रोड का फोटो शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 264 करोड़ की लागत से बने पुल का एक हिस्सा आज ध्वस्त हो गया है. जनता के पैसे से किया कोई भी कार्य पूरी गुणवत्ता से किया जाना चाहिए था. इस तरह की घटनाएं जनता की नजर में जीरो पर सवाल उठाती हैं. लोजपा मांग करती है की उच्च स्तरीय जांच कर जल्द दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें.

वहीं इस मामले में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि बांध को तो चूहे कुतर देते थे, लेकिन अभी कुछ हफ़्तों पूर्व, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कर कमलों से उद्घाटन हुआ सत्तरघाट पुल को कहीं कागजी चीटियां तो नहीं चट कर गयीं. तो वहीं कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवानी चाहिए क्योंकि बगैर किसी एजेंसी से जांच का कोई मतलब नहीं है. अखिलेश सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार नीचे से लेकर ऊपर तक आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है.

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इससे पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए न केवल निर्माण करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग की है, बल्कि पुल बनाने में खर्च की गई राशि को रिकवर करने की भी बात कही है. गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस पुल का उद्घाटन खुद सीएम ने बड़े तामझाम के साथ किया था, जो पुल 8 साल से बन रहा था और जिसे बनाने में 264 करोड़ रुपए का खर्च आया वो महज 29 दिन में ही टूट कर बह गया.

तेजस्वी यादव ने आगे नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि दरअसल, नीतीश कुमार के राज में पुल टूटना आम बात हो गई है. इससे पहले भी भागलपुर के कहलगांव में उद्घाटन के एक दिन पहले ही बांध टूट गया था. तेजस्वी ने तंज भरे लहजे में कहा कि बिहार में चूहे बांध तोड़ देते हैं, ऐसे में पुल टूटने पर पैसे की रिकवरी कैसे होगी. उन्होंने कहा कि 15 साल में सीएम ने 55 घोटाले किए हैं.

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