पानी में बह गए 264 करोड़ रुपये, तेजस्वी ने सीएम नीतीश को कहा ‘भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह’

गोपालगंज में 29 दिन पुराना सत्तरघाट महासेतु पुल ढहा, राजद नेता ने की निर्माण कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग, सरकार के मंत्री ने पुल टूटने की बात से किया इनकार

PoliTalks.News/Bihar. बिहार के गोपालगंज में एक माह पुराना सत्तरघाट महासेतु पुल आज धड़धड़ाते हुए ढह गया. 8 साल से बन रहे 264 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का उद्घाटन 16 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. पुल के टूटने से कई गांवों/शहरों का लिंक एक दूसरे से टूट गया. हादसे के बाद विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरना शुरु कर दिया और पुल निर्माण कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की. इधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश को भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह कहकर संबोधित किया. वहीं सरकार में मंत्री नंद किशोर यादव ने पुल ढहने की बात से इनकार किया है. वहीं टूटे पुल की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.

दरअसल, गंडक नदी में आई बाढ़ से गोपालगंज जिले में बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में छपरा-सत्तरघाट मुख्य पथ को जोड़ने वाले छोटे पुल का एक हिस्सा गिर गया. 2012 में इस पूरे प्रोजेक्ट निर्माण शुरू हुआ था. 264 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट का निर्माण हुआ और पिछले 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने वर्चुअल तकनीक से इस महासेतु का उद्घाटन किया.

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बिहार के गोपालगंज में पुल ढहने पर आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि सिर्फ पुल ही नहीं टूटा है, बल्कि जो बांध बना था, वो भी साथ में टूटा है. बिहार में सबकुछ भगवान भरोसे है. आरजेडी नेता ने कहा कि इससे पहले भी भागलपुर में एक पुल टूटा था. नीतीश कुमार सिर्फ दिखावे के लिए काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हो गए हैं. तेजस्वी यादव ने घटना की जांच और जिम्मेदार मंत्रियों को बर्खास्त करने के साथ पुल का निर्माण करने वाली कंपनी को भी ब्लैकलिस्ट किए जाने की मांग की है.

तेजस्वी ने कहा कि पुल के निर्माण में जो 264 रुपये खर्च हुए हैं, उसकी रिकवरी होनी चाहिए. सभी को पता है कि बिहार बाढ़ से प्रभावित है. कई गांव डूब चुके हैं. ऐसे में हम लोगों को नजारा देखने को मिल रहा है कि पुल और बांध दोनों टूट रहे हैं. राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था. 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया. नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है. इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं.

इधर, नीतीश के मंत्री नंद किशोर यादव ने दावा किया है कि सत्तर घाट पुल नहीं टूटा है. मंत्री यादव ने कहा कि सत्तरघाट पुल में 3 छोटे ब्रिज हैं. सत्तरघाट ब्रिज से 2 किलोमीटर दूर छोटे ब्रिज का अप्रोच केवल पानी के तेज बहाव से कटा है. उन्होंने सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की तमाम खबरों को झूठा बताया.

बिहार सरकार ने कहा कि गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर से ज्यादा है. इस कारण पुल का सड़क का हिस्सा कट गया है. यह अप्रत्याशित पानी के दबाव के कारण हुआ. इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ है. मुख्य पुल पूरी तरह से सुरक्षित है. पानी दबाव कम होने पर यातायात चालू कर दिया जाएगा.

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वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों पर बिहार सरकार ने कहा कि इस योजना में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. यह प्राकृतिक आपदा है, विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. इससे पहले पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तर घाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है. बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है. यह प्राकृतिक आपदा है. इसमें तो सड़कें बह जाती है और पुल टूट जाते हैं. खैर..सरकार को जो कहना था, वो उनके मंत्रियों ने कहा दिया लेकिन टूटे पुल की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं.

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