पॉलिटॉक्स न्यूज/बंगाल. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिनाजपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप लोगों की हिम्मत को सलाम करती हूं, जिसने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भी बीजेपी को हरा दिया. दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उससे मैं दुखी हूं. बंगाल में मैं ऐसा नहीं होने दूंगी. हम यहां लोगों को किसी भी हाल में परेशान नहीं होने देंगे. हमें भोजन और काम चाहिए, दंगे नहीं. हम बंगाल को यूपी और दिल्ली नहीं बनने देंगे. सीएम ममता नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे को लेकर लोगों को संबोधित कर रही थी.
ममता ने कहा कि उत्तर प्रदेश जाकर देखिए, लोगों को वहां बोलने तक की आजादी नहीं है. वहां अगर महिलाएं शिकायत दर्ज कराती हैं तो उन्हें अपनी जान तक से हाथ धोना पड़ता है. दिल्ली हिंसा का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा से मैं जो कुछ भी हुआ, उससे मैं वाकई दुखी हूं. अभी तक नहरों से लाशें निकाली जा रही हैं. सीएए का विरोध करने पर इतने लोगों को क्यों मारा गया? हम बंगाल को यूपी और दिल्ली नहीं बनने देंगे.
सीएम ममता ने प्रदेश की जनता को बीजेपी के बहकावे में नहीं आने की बात कही. उन्होंने कहा कि जो लोग बांग्लादेश से आए थे, उन्हें भी नागरिकता मिली है. इन लोगों ने भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक, सांसद और अन्य प्रतिनिधियों को चुना है. ऐसे में आप सभी नागरिक हैं. आप किसी की बातों में न आएं. आप सभी के पास राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र हैं. इससे ज्यादा कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं होगी. हम सभी भारत के नागरिक हैं. कोई आपसे नागरिकता नहीं छीन सकता.
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के सदन से पारित होने के बाद से ही ममता बनर्जी इसके खिलाफ मुखर रही हैं. उन्होंने अकेले ही सड़कों पर उतर सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध की केंद्र की नीतियों की आलोचना की. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बंगाल सहित देशभर में गुजरात के ‘दंगा मॉडल’ को लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. साथ ही दिल्ली हिंसा को सुनियोजित नरसंहार बताया. ममता ने भड़काउ भाषण देने वाले नेताओं की अब तक गिरफ्तारी न होने पर भी सवाल उठाया.
बीएसएफ के विकास कार्यों में शामिल न होने की दी नसीहत
दिनाजपुर जिले में बुधवार को प्रशासनिक बैठक में हिस्सा लेते हुए सीएम ममता बनर्जी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के विकास कार्यों में शामिल होने पर आपत्ति जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएसएफ के जवानों को सीमा पर तैनात होना चाहिए, न कि विकास कार्यों में. जवानों को सामुदायिक विकास कार्यक्रम (सीडीपी) के नाम पर गांवों में प्रवेश कर स्थानीय मुद्दों में दखल नहीं देना चाहिए. मैंने इस संबंध में गृह मंत्री से भी बात की है.
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सीएम ममता ने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है. प्रदेश की पुलिस को सावधान रहना चाहिए क्योंकि उत्तर दिनाजपुर जिले की सीमा दूसरे राज्यों के साथ ही बांग्लादेश से भी लगती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में तैनात पुलिस अधिकारियों को इस मामले पर गौर करना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए.