Wednesday, January 15, 2025
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वनस्थली विद्यापीठ पहुंच निशब्द हुए केंद्रीय मंत्री निशंक

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शुक्रवार को राजस्थान के टोंक (Tonk, Rajasthan) जिले की निवाई तहसील स्थित वनस्थली विद्यापीठ (Banasthali Vidyapith) पहुंचे मोदी कैबिनेट के मानव विकास संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक (Dr.Ramesh Pokhriyal Nishank) के शब्द बाणों से वैसे तो सियासत के दिग्गज भी निशब्द हो जाते है. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब निशंक ही निशब्द हो गए. बनस्थली विद्यापीठ की छात्राओं का कौशल देखकर केंद्रीय मंत्री निशंक भी आश्चर्यचकित रह गए. जोश से लबरजे हो निशंक ने विद्यापीठ की लाड़लियों की जमकर तारीफ की.

केंद्रीय मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल वैसे तो राजनीति का बड़ा चेहरा है. वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके है और अभी मोदी कैबिनेट मेंं प्रधानमंत्री के सबसे चेहेते सलाहकार भी माने जाते है. इसी भरोसे पर पीएम मोदी ने निशंक को कैबिनेट में एचआरडी मंंत्री की जिम्मेदारी दी है. माना जाता है कि सियासी गलियारों में निशंक के शब्द बाणों का किसी के पास जल्दी से कोई जवाब नहीं होता है और जब वे शब्दों का पलटवार करते है तो किसी भी विपक्षी को निशब्द कर देते हैं.

लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री निशंक खुद निशब्द हो गए, मौका था राजस्थान की नवाबी नगरी टोंक की वनस्थली विद्यापीठ के वार्षिकोत्सव का जहां विद्यापीठ में छात्राओं की घुड़सवारी में हुनरबाजी और तकनीकि शिक्षा के कौशल को देखकर निशंक भी निशब्द हो गए और जमकर विद्यापीठ की छात्राओं की तारीफ की. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यहां की बेटियों का कोई शानी नहीं हैै. देश ही नहीं पूरी दुनिया में वनस्थली की बेटियों ने अपना लोहा मनवाया है. फिर चाहे देश में पहली महिला फायटर पायलट अवनी चतुर्वेदी हो या फिर पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार हो या फिर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल हो या पूर्व राज्यपाल मारगेट आल्वा, बनस्थली से निकलीं ऐसी कई बेटियां हैं जिन्होने प्रदेश, देश और दुनिया में अपना लोहा मनवाया है. मै तो इन बेटियों को लोकसभा आने का न्यौता देता हूं और इन बेटियों को लोकसभा सदस्यों से रूबरू करवाना चाहता हूं.’

कार्यक्रम के दौरान मंच से सम्बोधित करते हुए भी केंद्रीय मंत्री निशंक कई बार निशंक निशब्द हुए और वनस्थली की बेटियों को देश का गौरव बताया. निशंक ने वनस्थली की बेटियों को देश का गौरव बताते हुए कहा कि यहां के माहौल को देखकर कोई कह नहीं सकता कि बेटियां कमजोर होती है, मजबूर होती है. बनस्थली विद्यापीठ ने जो मिशाल दी है, उससे तो बेटियां देश का गौरव ही बन कर उभरी है.

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