Prem Chand Bairwa Biography in Hindi
Prem Chand Bairwa Biography in Hindi

Prem Chand Bairwa Biography in Hindi: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम के बाद प्रदेश में कमान संभालने वाली टीम का ऐलान हो चुका है. राज्य की कमान सौंपते हुए सांगानेर से विधायक भजनलाल शर्मा को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया है. वहीं पहली बार राजस्थान में दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं. पूर्व सांसद और विद्याधर नगर से विधायक दीया कुमारी और दूदू विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले प्रेम चंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री घोषित किया है. बैरवा को पार्टी की राजस्थान इकाई के दलित चेहरे के रूप में देखा जाता है. दूदू से बैरवा ने चार बार के विधायक रह चुके और कांग्रेस प्रत्याशी बाबूलाल नागर को 35,743 वोटों के बड़े अंतर से हराया है.

नव निर्वाचित डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा राजस्थान विश्वविद्यालय से पीएचडी डिग्री धारक हैं. बैरवा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी हार के बाद वापसी की है. इस बार हुए विस चुनावों में बैरवा ने बाबूलाल नागर को हराकर एक बार फिर से विधानसभा पहुंचने का सफर तया किया. इससे पहले, बैरवा ने 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार हजारी लाल नागर को 33,720 वोटों के अंतर से हराकर दूदू निर्वाचन क्षेत्र जीता था. हालांकि, 2018 में बाबू लाल नागर से 14,779 मतों के अंतर से हार गए थे.

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मौजमाबाद तहसील के श्रीनिवसीपुरा के रहने वाले प्रेमचंद बैरवा सामान्य दलित परिवार से आते हैं. उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू किया. उन्होंने 1995 में दूदू ब्लॉक संगठन में कार्य किया. उन्होंने 2000 में दूदू के वार्ड 15 से जिला परिषद सदस्य के तौर पर काम किया. इसके बाद एससी मोर्चा बीजेपी के मंडल महामंत्री के रूप में भी काम किया. 2013 में जब दूदू विधानसभा एससी वर्ग के लिए आरक्षित हो गई तो उन्होंने यहां कांग्रेस प्रत्याशी को 33 हजार से अधिक वोटों के शिकस्त दी. इसके बाद 2018 में बैरवा चुनाव हार बैठे थे.

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गौरतलब है कि कांग्रेस की गहलोत सरकार ने दूदू को नया जिला बनाया था. जयपुर ग्रामीण का हिस्सा रहे इस क्षेत्र से कांग्रेस के बाबूलाल नागर चार बार विधायक रह चुके हैं. यह कांग्रेस की एक सुरक्षित सीट रही है जिसमें पिछले 9 चुनावों में कांग्रेस के खाते में 7 और बीजेपी को दो बार सफलता मिली है. 2018 से 2023 में कांग्रेस के विधायक बाबूलाल नागर मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे. इसका फायदा उन्होंने दूदू को जिले का दर्जा दिलाने में भी लिया था. हालांकि बीजेपी जिले की घोषणा को महज कागजी बताती रही और विकास के नाम पर बाबूलाल नागर को कटघरे में खड़ा करती रही. बीजेपी ने नागर के सामने एक बार विधायक रहे बैरवा को चुनाव लड़ाया और वे यहां कमल खिलाने में कामयाब रहे.

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