पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. देशभर में आज रात 9 बजे 9 मिनिट के लिए क्या करना है, आप सभी को याद ही होगा. अगर नहीं याद है तो चिंता की कोई बात नहीं, पॉलिटॉक्स आपको बताए देता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रविवार को रात 9 बजे 9 मिनिट के लिए घर की सभी लाइट बंद कर घर के दरवाजे या बालकनी में दीया, मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लैश लाइट/टॉर्च जलाकर प्रकाश जलाना है. पीएम मोदी की ओर से ये देशव्यापी अपील कोरोना के संकट से फैले अंधकार को दूर करने के लिए की गई है. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए ये अपील की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि कारोना देश व्यापाी लॉकडाउन को 9 दिन से अधिक हो गए हैं. इस दौरान शासन, प्रशासन और जनता जनार्दन ने दिया अनुशासन और सेवाभाव का अभूतपूर्व परिचय दिया है. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान कोरोना वॉरियर्स को धन्यवाद देने का अनूठा तरीका भी सराहनीय है. अब विश्व के अन्य देश इसे अपना रहे हैं.
‘मोदी की अपील मानेंगे लेकिन लालटेन ही जलाएंगे…ठीक है’
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन इश्वर का ही रूप होती है. ऐसी लड़ाई में जनतारूपी महाशक्ति का शाक्षतात्मक शांति और उर्जा देता है और हमारा मार्ग और अधिक स्पष्ट करता है. कोरोना महामारी के बीच हमें निरंतर प्रकाश ही ओर जाना है जो इस कोरोना संकट से सबसे अधिक प्रभावित गरीब भाई बहिनों को कोरोना संकट से प्रकाश की ओर ले जाना है. हमें उजाले और निश्चिता की ओर बढ़ता है. कोरोना के संकट के अंधकार को पराजित करने के लिए प्रकाश को चारों ओर फैलाना है. उसे प्रकाश की ताकत का अहसास कराना है. 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प की महाशक्ति से साक्षात्कार कराना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट तक घर की सभी लाइटे बंद करके दरवाजे या बालकनी में मोमबत्ती, टॉर्च, दिया या मोबाइल की लाइट जलाकर उजाला फैलाए. उस प्रकाश में अपने मन में संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है, 130 करोड़ देशवासी एक ही संकल्प के साथ एक साथ खड़े हैं
इस बीच पीएम मोदी ने जोर देते हुए सोशल डिस्टेन्सिंग का ध्यान रखने का कहा. उन्होंने कहा कि इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इक्ट्ठा नहीं होना है, रखनी है सोशल डिस्टेन्सिंग की लक्ष्मण रेखा नहीं नहीं लांघना है, तोड़ना नहीं है, कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है. इसके साथ ही रविवार को थोड़ी देर अकेले बैठकर 130 करोड़ देशवासियों का स्मरण कीजिए.