जैसे यहां थे वैसे ही वहां हैं, मुख्यमंत्री तो वहां भी नहीं बन पाए, फर्क क्या रहा- लक्ष्मण सिंह का सिंधिया पर तंज

जो महापुरुष अपने 17-18 विधायकों को लेकर भाजपा में शामिल हो गए वे कभी हमारी पार्टी में थे, बीजेपी में शामिल हुए तो मंत्री बन गए, हमारी पार्टी में भी वे मंत्री थे, तो फिर फर्क क्या है- लक्ष्मण सिंह

लक्ष्मण सिंह का सिंधिया पर तंज
लक्ष्मण सिंह का सिंधिया पर तंज

Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन को एक साल से भी अधिक समय हो चूका है. ऐसे में सत्ता परिवर्तन में मुख्य भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया समय-समय पर कांग्रेस नेताओं के निशाने पर रहते आए हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के रब्बो रुआब से कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी भी परिचित है. ऐसे में कांग्रेस के नेता अब यह कहने लगे हैं कि जो महापुरुष अपने 17-18 विधायक लेकर बीजेपी में शामिल हुए हैं वह सब अपने आपको बॉस मानते हैं लेकिन बीजेपी में बॉस की नहीं संगठन की चलती है. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई एवं वरिष्ठ नेता और विधायक लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नेताओं पर कुछ इसी तरह से तीखा प्रहार किया है.

एक मीडिया संस्थान को दिए अपने एक इंटरव्यू में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि सूबे की शिवराज सरकार की यह सबसे बड़ी गलती थी कि उन्होंने जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार गिरा दिया. उन्होंने सभी विधायकों को अपने पक्ष में किस तरह लिया यह सब जानते हैं. माना कि उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आये हैं लेकिन वह कैसे आये और उसके बाद किस तरह बीजेपी में दरार पड़ गई है, यह सब जानते हैं और अगर नहीं जानते तो फिर जो भारतीय जनता पार्टी में समर्पित भाव से काम कर रहे हैं उनसे जाकर पूछिए.

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वहीं कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनके साथ गए अन्य विधायकों को लेकर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जो महापुरुष (ज्योतिरादित्य सिंधिया) अपने 17-18 विधायकों को लेकर भाजपा में शामिल हो गए वे कभी हमारी पार्टी में थे, और हम उनकी आदतों को जानते हैं. वे सभी नेता अपने आप को दूसरों पर थोपने में माहिर हैं. उनमे से कोई भी नेता किसी को भी अपना बॉस नहीं मानते, क्योंकि वह खुद अपने आप को बॉस मानते हैं. लेकिन भाजपा में यह नहीं चलता क्योंकि वहां उनका संगठन काम करता है. संगठन में और ये जो दल बदल कर गए हैं, देख लेना आने वाले समय में इनके बीच में टकराव और भी ज्यादा बढ़ेगा.

लक्ष्मण सिंह ने कहा कि सिंधिया के साथ जो नेता बीजेपी में शामिल हुए उनमे से 14-15 मंत्री बनाए गए. लेकिन वे मंत्री पहले भी थे, चले गए फिर भी मंत्री ही बने हैं तो फिर फर्क क्या है. सिंधिया समर्थित 14 नेताओं को मंत्रीपद दिया गया था. कमलनाथ इससे ज्यादा और क्या करते, कोई अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली करके यह तो नहीं कह देगा की आओ बैठ जाओ. आप देखिये कि शिवराज सिंह ने भी ऐसा नहीं किया. जैसे यहां थे, वैसे ही वहां हैं. बल्कि वहां जाने से आने वाला 2023 का चुनाव बताएगा कि बीजेपी को और उन नेताओं को कितना नुकसान हुआ है. कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपचुनाव के दौरान बीजेपी ने गरीब तबके को डराया कि आपका राशन कार्ड बंद कर देंगे. इस कारण कोरोना से डरे लोगों से उन्हें वोट मिल गया, पर अब ऐसी स्थिति नहीं बनने वाली.

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आपको बता दें कि जब कमलनाथ सरकार गिरी थी तो इसका आरोप सूबे के पूर्वमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर लगाया गया था. उस समय कहा गया था कि दिग्विजय सिंह की महत्वकांक्षाओं के कारण कमलनाथ की सरकार गिर गई. इस पर जवाब देते हुए लक्ष्मण सिंह ने कहा कि इस प्रकार की अफवाह क्यों फैलाई जा रही है, यह मुझे नहीं पता. वे 10 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, सांसद हैं, परिवार के लोग पदों पर हैं. उनकी बस एक ही महत्वकांक्षा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने. क्योंकि कांग्रेस पार्टी के साथ धोखा हुआ है और उनके साथ सभी पार्टी के कार्यकर्ता भी यही सोचते हैं.

वहीं कांग्रेस में युवा नेताओं एवं दिग्विजय सिंह के सुपुत्र जयवर्धन सिंह के बारे में बात करते लक्ष्मण सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी में जयवर्धन सिंह के साथ साथ और भी कई युवा नेता हैं. लेकिन जयवर्धन सिंह ने ग्वालियर चंबल संभाग में बहुत मेहनत की है. यदि हम जयवर्धन को आगे करते हैं तो वहां आज की स्थिति में कांग्रेस 70 और बीजेपी 30 है. यह उपचुनाव के बाद की स्थिति है. वहां, अगर पार्टी मिलकर काम करें तो हम ऐसी स्थिति ला सकते हैं कि 2023 में सिंधिया का एक भी समर्थक जीत नहीं पाएगा.

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वहीं लक्ष्मण सिंह ने कहा कि उनकी वरीयता को देखते हुए हाई कमान उन्हें काम सौंपता है और उनकी ऊर्जा उनके काम की मैं तारीफ करता हूं. इस उम्र में भी पार्टी को ऊर्जावान नेतृत्व मिला है और प्रदेश में अध्यक्ष बदलाव की जरूरत अभी नहीं है और उनके नेतृत्व में कांग्रेस प्रदेश में सरकार बनाएगी. युवाओं, छात्रों और महिलाओं की टीम बनाकर इस काम शुरू हो गया है. आने वाले उपचुनाव में हम जरूर जीतेंगे. इस दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए लक्ष्मण सिंह ने कहा कि बीजेपी संस्कार की बात करती है. सबसे पहले तो वे खुद के भीतर संस्कार डालें और वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करना सीखे.

वहीं बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पटखनी देने वाली ममता बनर्जी ने आज दिल्ली में कमलनाथ से मुलाकात की. इस लेकर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी हमारी पार्टी की सांसद रह चुकी है और वे एक हिम्मत वाली महिला हैं. ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर की नेता है. अगर दो विचारधारा वाली पार्टी एक साथ आए तो आने वाले समय में अच्छा विकल्प रहेगा. ऐसे में 2024 में परिवर्तन जरूर दिखेगा.

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