प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार कैप्टन से मिलने पहुंचे सिद्धू ने 5 सूत्री मांगों की चिठ्ठी सौंपी CM को

नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को जो 5 सूत्रीय मांगो का पत्र सौंपा है उसमें गुरु ग्रन्थ साहब की बेअदबी वाला मामला है प्रमुख, पंजाब को फैसले लेने में दिलेर, दृढ़ और सबको साथ लेकर चलने वाली लीडरशिप की जरूरत है. जो हर पंजाबी की जायज मांगों को पूरा करने के लिए वचनबद्ध हो- सिद्धू

प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार कैप्टन से मिलने पहुंचे सिद्धू
प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार कैप्टन से मिलने पहुंचे सिद्धू

Politalks.News/Punjab. पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी खींचतान भले ही ख़त्म हो चुकी हो लेकिन कहीं न कहीं नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच थोड़ी बहुत तल्खी अभी भी देखी जा सकती है. प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी के दौरान भी नवजोत सिंह सिद्धू ने सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को नजरअंदाज किया था तो वहीं आज सीएम से मुलाक़ात से पहले सिद्धू ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘निर्णायक फैसले लिए बिना कभी भी कोई महान प्राप्ति हासिल नहीं होती...’ नवजोत सिंह सिद्धू के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इसके बाद मंगलवार दोपहर अचानक नवजोत सिंह सिद्धू चंडीगढ़ स्थित सचिवालय पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सिद्धू ने बैठक की. करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को 5 सूत्री मांगों वाली एक चिट्ठी भी सौंपी. बैठक के बाद अमरिंदर ने कहा कि जो मुद्दे पार्टी नेताओं ने उन्हें बताए हैं, सरकार की तरफ से पहले ही उन पर काम किया जा रहा है.

पंजाब कांग्रेस में काफी लम्बे समय से चली आ रही सियासी खींचतान कहने को थम गई है लेकिन अंदरखाने छिटपुट बयानबाजी अब भी जारी है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात के लिए अचानक चंडीगढ़ पहुंचे सूबे के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री को 5 सूत्री मांगो का एक पत्र सौंपा है. मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले सिद्धू ने ट्विटर पर एक पत्र जारी करते हुए लिखा कि, ‘निर्णायक फैसले लिए बिना कभी भी कोई महान प्राप्ति हासिल नहीं होती. पंजाब को फैसले लेने में दिलेर, दृढ़ और सबको साथ लेकर चलने वाली लीडरशिप की जरूरत है. जो हर पंजाबी की जायज मांगों को पूरा करने के लिए वचनबद्ध हो.’

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नवजोत सिंह सिद्धू यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा कि, ‘हर पंजाबी को इंसाफ के नक्शे यानी हाईकमान के दिए 18 सूत्रीय एजेंडे पर पंजाब कांग्रेस वर्कर एकमत हैं. लोगों की भावनाओं को समझने के लिए कांग्रेस वर्कर्स के साथ बार-बार विचार-विमर्श और सलाह-मशविरा करने के बाद हम आपको एजेंडे के 18 में से वे 5 मुद्दे दे रहे हैं, जिनके ऊपर सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.’ नवजोत सिंह सिद्धू के इस बयानी रुख को देख कई सियासी मायने निकाले जा रहे है. कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले भी सिद्धू की इसी तरह की बयानबाजी से खासे नाराज चल रहे हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को जो 5 सूत्रीय मांगो का पत्र सौंपा है उसमें गुरु ग्रन्थ साहब की बेअदबी वाला मामला प्रमुख है. इसी मुद्दे को लेकर सिद्धू अपनी सरकार के खिलाफ मुखर हो गए थे. सिद्धू ने पत्र के माध्यम से गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी के दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की. इसके अलावा प्राइवेट थर्मल प्लांट्स के साथ सरकार के पावर-परचेज एग्रीमेंट को रद्द या रिव्यू करने की मांग भी की गई है. बैठक के दौरान सिद्धू और कैप्टन के बीच किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. सिद्धू ने विधानसभा का सत्र बुलाकर केंद्र के कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है, ताकि इसे राष्ट्रपति को भेजा जा सके. वहीं, पंजाब में प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों, डाक्टरों, सफाई कर्मियों, लाइनमैनों का मसला हल करने की भी मांग की गई है. सिद्धू ने ये मांग भी की है कि पंजाब में नशा खत्म करने के साथ उससे जुड़े बड़े नेताओं और रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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फिलहाल पंजाब कांग्रेस का दावा है कि पार्टी में अब सबकुछ ठीक चल रहा है. बताया जा रहा है कि ये सभी मुद्दे कांग्रेस हाईकमान की तरफ से दिए गए 18 सूत्रीय फॉर्मूले में शामिल हैं. वहीं सिद्धू से मुलाकात के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जो मुद्दे पार्टी नेताओं ने उन्हें बताए हैं, सरकार की तरफ से पहले ही उन पर काम किया जा रहा है. ये मुद्दे सरकार के रेजोल्यूशन के एडवांस स्टेज में हैं. 2017 में किए ज्यादातर वादे उनकी सरकार ने पूरे कर दिए हैं.

सिद्धू के साथ बैठक को सौहार्दपूर्ण बताते हुए कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि उनकी सरकार सभी चुनावी वादों को पूरा करने के लिए वचनबद्ध है. वहीं कैप्टन ने सिद्धू और चारों कार्यकारी प्रधानों से कहा कि ‘उनकी जीत मेरी जीत है और हम सबकी जीत पार्टी की जीत है. हमें पंजाब और पंजाबियों के लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.’

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