‘कलम और कैमरा पर है बंदूक का पहरा’- किसान सम्मेलनों में राकेश टिकैत को सुनने उमड़ रहा जनसैलाब

केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिए तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां लाखों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों के साथ पहुंचेंगे, इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों से तैयार रहने को कहा कि कभी भी दिल्ली जाने का आह्वान हो सकता है

'कलम और कैमरा पर है बंदूक का पहरा'- किसान सम्मेलन में राकेश टिकैत
'कलम और कैमरा पर है बंदूक का पहरा'- किसान सम्मेलन में राकेश टिकैत

Politalks.News/Rajasthan/RakeshTikait. किसान नेता टिकैत ने कहा कि कलम व कैमरा पर बंदूक का पहरा है और आज कृषि कानूनों के खिलाफ पूरा देश एकजुट हो चुका है और यह एक क्रांति है जिसे डंडे और बंदूक के बल पर ना तो रोका जा सकता है और ना खत्म किया जा सकता है. किसान अब दिल्ली के इंडिया गेट के पास स्थित सभी गार्डन में खेती करेंगे. आपको बता दें, नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 93 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसान इन कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर तैयार नहीं हैं. वहीं सरकार से कई दौर की बातचीत के बाद भी अब तक इसका समाधान नहीं निकल सका है.

इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिए तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां लाखों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों के साथ पहुंचेंगे. इसके साथ ही टिकैत ने किसानों से तैयार रहने को कहा कि कभी भी दिल्ली जाने का आह्वान हो सकता है. दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने राजस्थान के करीरी में किसानों को संबोधित करते हुए किसानों से दिल्ली कूच करने का आह्वान किया. उन्होंने 40 लाख ट्रैक्टर के साथ संसद मार्च का ऐलान करते हुए दिल्ली कूच की शुरुआत करने की बात कही. गुरुवार को करौली के करीरी में हजारों की संख्या में किसान टिकैत को सुनने पहुंचे थे.

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राकेश टिकैत ने कहा कि किसान हर मुसीबत और हर अच्छे तथा बुरे मौसम में अपनी फसलों को तैयार करने के लिए अपना खून पसीना बहाता है लेकिन जिस तरह से केंद्र सरकार इन कानूनों को लेकर आई है उससे किसानों का शोषण होगा और कॉरपोरेट जगत को फायदा होगा. लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में इंडिया गेट के पास जितने भी बड़े पार्क हैं वहां खेती कर फसल उगाई जाएगी. राकेश टिकैत ने कहा कि पूरे देश का किसान केंद्र सरकार से बार-बार एक ही मांग कर रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बने और कृषि कानूनों को वापस लिया जाए लेकिन केंद्र सरकार इन बातों को मानने के लिए सहमत नहीं है जिसके चलते यह आंदोलन काफी समय से चल रहा है और जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं तब तक पूरे देश का किसान एकजुट होकर इसी तरह से एक क्रांति के रूप में आंदोलन को जारी रखेगा.

आपको बता दें केन्द्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नेता राकेश टिकैत लगातार मुखर होते जा रहे हैं और कई शहरों में किसान सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. टोडाभीम के भैरव बाबा कुश्ती दंगल स्टेडियम में आयोजित किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर के साथ सभा में पहुंचे. राकेश टिकैत ने यहां से किसानों से ट्रैक्टर के साथ दिल्ली कूच करने की अपील की. इस दौरान राकेश टिकैत खुली कार में सवार होकर मंच पर पहुंचे. जहां लोगों ने माला एवं 101 फीट का साफा पहना कर और हल भेंट कर उनका स्वागत किया. किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने सरकार पर किसानों की अनदेखी के आरोप लगाए. राकेश टिकैत ने तीनों कृषि कानून वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की भी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को हाली और पाली ही चलाएंगे.

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इस दौरान राकेश टिकैत ने बताया कि 24 मार्च तक विभिन्न स्थानों पर सभाओं के संबोधन का कार्यक्रम है. इसके बाद असम, कर्नाटक एवं अन्य राज्यों में भी जाएंगे और आंदोलन चलाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे किसी भी राजनीतिक दल का कोई वास्ता नहीं. उन्होंने लंबे समय तक चलने वाले आंदोलन के लिए तैयार रहने एवं दिल्ली कूच की घोषणा पर ट्रैक्टर लेकर आने की भी अपील की. किसान नेता राकेश टिकैत केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और पूरे देश को इस आंदोलन में शामिल करने के लिए हर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में जाकर किसान महापंचायत को संबोधित कर देश के किसानों को एकजुट कर इस आंदोलन में शामिल होने के लिए अपील कर रहे हैं.

इसी कड़ी में गुरुवार को राजस्थान के करौली जिले के करीरी में स्थित प्रमुख आस्थाधाम भैरव बाबा के स्टेडियम में आयोजित किसान महापंचायत को राकेश टिकैत ने संबोधित किया. इस किसान महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए. इस दौरान राकेश टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि ट्रैक्टरों में अभी से डीजल डलवा लें. पीएम मोदी मन की बात करते हैं, लेकिन किसानों का हित उन्हें याद नहीं है. हमारी मांग है कि तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं और जेलों में बंद किसानों को रिहा किया जाए.

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मंच से सम्बोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि कान खुल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे, लेकिन अबकी बार आह्वान संसद का होगा. किसानों से कहा कि जमीन बचानी है तो देश के लुटेरों से लड़नी होगी लड़ाई. जब तक सरकार एमएसपी पर कानून बनाकर तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, तब तक किसानों का यह आंदोलन जारी रहेगा.

हल चलाने वाला किसी के आगे हाथ नहीं जोड़ेगा
किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा कि गरीब की रोटी को देश का यह किसान तिजोरी में बंद नहीं होने देगा. हल चलाने वाला अब किसी के आगे हाथ नहीं जोड़ेगा. यादव ने कहा कि यह सिर्फ हरियाणा और पंजाब का आंदोलन नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों का आंदोलन है. टोडाभीम के पूर्व विधायक घनश्याम महर ने कहा कि किसानों के आंदोलन को 93 दिन हो गए हैं, फिर भी केंद्र सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही इस आंदोलन में 225 से अधिक किसान शहादत दे चुके हैं.

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