सौम्या गुर्जर को वापस मिलेगी सत्ता या शील धाभाई का बना रहेगा दबदबा, आज होगा महत्वपूर्ण फैसला

4 जून को हुई आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ बदसलूकी और मारपीट के मामले में एफआईआर के बाद राज्य सरकार ने जांच करवा तीन पार्षदों के साथ मेयर को भी कर दिया था निलंबित, सौम्या गुर्जर के पति का बीवीजी कम्पनी के प्रतिनिधियों के साथ रिश्वत मांगने का वीडियो सामने आने के बाद बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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Politalks.News/Rajasthan. आज यानि 28 जून के दिन जयपुर नगर निगम ग्रेटर के लिए बेहद खास है. आज राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच अपना वो फैसला सुनाएगी, जिससे यह तय होगा कि आगे जयपुर नगर निगम ग्रेटर का मेयर कौन रहेगा? मेयर पद से निलंबित हुई सौम्या गुर्जर की याचिका पर आने वाले इस फैसले पर सभी की निगाहें टिक गईं हैं.

आपको बता दें, बीती 4 जून को नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह ने तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर के चेंबर में हुई एक बैठक के दौरान खुद के साथ मारपीट होने और बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार को शिकायत की थी. आयुक्त ने 3 पार्षदों के खिलाफ ज्योति नगर थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया था. इस पूरे विवाद की सरकार ने एक आरएसएस अधिकारी से जांच करवाकर 6 जून को तीनों पार्षदों अजय सिंह, पारस जैन और शंकर शर्मा के साथ मेयर सौम्या गुर्जर को भी पद से निलंबित कर दिया था. साथ ही सरकार ने मेयर के खिलाफ न्यायिक जांच भी शुरू करवा दी.

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वहीं सौम्या गुर्जर के निलंबन के अगले ही दिन ही 7 जून को सरकार ने शील धाभाई को जयपुर ग्रेटर का कार्यवाहक मेयर बनाया था. इसके अगले ही दिन धाभाई ने कार्यवाहक मेयर की कुर्सी संभाल ली थी. उसी दिन सौम्या के निलंबन का पूरे प्रदेश में भाजपा ने विरोध जताया था, लेकिन धाभाई ने उस विरोध से खुद को दूर रखते हुए मेयर का पदभार ग्रहण किया था.

सौम्या गुर्जर और सरकार की लड़ाई के बीच ही एक वीडियो व कुछ ऑडियो वायरल होते हैं जिसमें सौम्या के पति राजाराम गुर्जर निगम क्षेत्र का कचरा उठाने का ठेका लेने वाली कंपनी बीवीजी के प्रबंधक संदीप चौधरी से 276 करोड़ रुपए के बकाया बिलों के भुगतान के बदले 10 प्रतिशत कमीशन (20 करोड़ रुपए) को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इस मामले में स्वप्रेरणा से जांच कर रही एसीबी ने हालांकि अभी औपचारिक तौर पर एफएसएल रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया है, लेकिन एसीबी सूत्रों के मुताबिक, एफएसएल ने कमीशन की बातचीत कि दौरान वीडियो में नजर आने वाले निलम्बित हो चुकी महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर का होना बताया है. अब एसीबी तकनीकी आधार पर प्रकरण की पड़ताल में जुटी है. आपको बता दें, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) ने नगर निगम में बीवीजी कंपनी के 276 बिलों के भुगतान में 10 प्रतिशत कमीशन को लेकर वायरल हुए वीडियो को रिपोर्ट भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को सौंप दी है.

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उधर, गहलोत सरकार के निलंबन के फैसले को सौम्या गुर्जर ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर 14 जून को सुनवाई हुई. करीब 3 घंटे तक चली सुनवाई के बाद जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस सीके सोनगरा की खंडपीठ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. सौम्या गुर्जर के पति का बीवीजी कम्पनी के प्रतिनिधियों के साथ रिश्वत मांगने का वीडियो सामने आने के बाद यह मामला और ज्यादा गम्भीर हो गया है. ऐसे में अब देखना होगा कि अगर सरकार के आदेश पर कोर्ट से स्टे आता है तो सौम्या फिर से मेयर की कुर्सी संभालेंगी. वहीं अगर स्टे नहीं आता और याचिका खारिज हो जाती है तो शील धाभाई का कार्यकाल जारी रहेगा.

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