लव जिहाद के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 पर शिवराज कैबिनेट की लगी मुहर

50000 रुपए के साथ 2-10 साल की सजा का है प्रावधान, अन्य राज्यों से ज्यादा सख्त तैयार किया एमपी में यह विधेयक, अब यह बिल मध्यप्रदेश की विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 28 को किया जाएगा पेश

Img 20201226 Wa0211
Img 20201226 Wa0211

Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की मीटिंग में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 पास कर दिया गया है. अब बिल को 28 दिसंबर से शुरू होने जा रहे मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. बिल के ड्राफ्ट में में उत्तर प्रदेश के बिल को देखते हुए कई कड़े प्रावधान किए गए हैं. कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम शिवराज और एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी.

50000 रुपए के साथ 2-10 साल की सजा का है प्रावधान

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि, नए एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल 2020 के तहत, एक नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन, 50,000 रुपए की न्यूनतम सजा के साथ 2-10 साल की न्यूनतम जेल की सजा दी जाएगी.

यह भी पढ़ें: शिवसेना ने खुल कर की सोनिया गांधी की खिलाफत, राहुल को बताया अपरिपक्व, जानें क्या है वजह

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित मध्य प्रदेश स्वतंत्रता विधेयक 2020 के विधेयक के तहत, किसी पर धार्मिक परिवर्तन के लिए मजबूर करने पर 1-5 साल की कैद और न्यूनतम 25,000 रुपए का जुर्माना लगेगा.वही इस बिल में शादी के लिए धर्मांतरण कराने वालों को भी सजा देने का देन का प्रावधान किया गया है.


वही कैबिनेट की बैठक में लिए फैसलों कि जानकारी देते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, हम मध्य प्रदेश में जबरन धर्मांतरण नहीं होने देंगे. नए बिल के तहत, जो भी ऐसा करेगा उसे 10 साल की जेल की सजा और न्यूनतम 50,000 रुपए का जुर्माना होगा. सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश में कई घटनाएं सामने आईं, जहां पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नाबालिग लड़कियों को धर्मांतरित किया गया, शादी की गई और तैयार किया गया

बता दें कि मध्य प्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के प्रावधान अन्य राज्यों से ज्यादा सख्त तैयार किया है. बता दें कि लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून लाया जा रहा है. कानून में दोषियों को 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. पहले इस बिल में सजा 5 साल प्रस्तावित की गई थी, लेकिन यूपी के बिल को देखते हुए इसे संशोधित किया गया था.

‘लव जिहाद’ के खिलाफ तैयार बिल की खास बातें

  • इस विधेयक के मुताबिक, बहला-फुसलाकर , धमकी देकर ज़बरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा होगी
  • धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के 1 माह पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत करना होगा.
  • बिल के मुताबिक, बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु, काजी , मौलवी या पादरी को 5 साल तक की सजा दी जा सकेगी.
  • बिल के मुताबिक, धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता- पिता, परिजन या अभिभावक द्वारा की जा सकती है.
  • MP Freedom of Religion Bill 2020 के इस विधेयक के मुताबिक, आरोपी को स्वयं ही प्रमाणित करना होगा कि शादी बगैर किसी दबाव, धमकी, लालच या फिर बहला-फुसलाकर की है

Leave a Reply