Politalks.News/Delhi. देश में तीन कृषि बिलों के कानून बनने के बाद देशभर में किसानों से जुड़े इन बिलों पर प्रदर्शन उग्र हो गया है. पंजाब और हरियाणा में तो किसान संगठनों ने 2 अक्टूर तक बंद का आव्हान किया है. देश के अन्य राज्यों में भी अलग अलग तरह से नए कानूनों का विरोध किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी की ओर से भी इन कानूनों का पुरजोर विरोध किया जा रहा है. इसी बीच कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने आज देशभर के कई किसानों से इस तीन नए कृषि कानूनों के बारे में बात की. राहुल ने किसान वार्ता के बाद एक बार फिर कृषि कानून का विरोध किया और इसे अंग्रेजों का कानून करार दिया.
राहुल गांधी ने कहा कि तीनों कृषि कानून और नोटबंदी व जीएसटी में कोई भी फर्क नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी लागू करके पहले पैर पर कुल्हाड़ी मारी, अब कृषि कानून लाकर दिल पर चोट की है. राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इन्हें ये बात समझ नहीं आएगी ये लोग तो अंग्रेजों के साथ खड़े थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस कृषि कानूनों को अंग्रेजों के कानून की संज्ञा दी है.
किसानों से वार्ता के दौरान महाराष्ट्र के एक किसान ने राहुल गांधी से कहा कि अंग्रेजों से लड़ाई के लिए महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए. अगर आज महात्मा गांधी जिंदा होते तो वे भी इस कानून का विरोध करते. किसान ने राहुल गांधी से कहा कि MSP को लेकर कोई भरोसा नहीं दिया गया, इस कानून से सिर्फ अमीरों का भला होगा. इस पर राहुल गांधी ने अन्नदाता से पूछा कि इस कानून में सबसे खराब क्या है.. इस पर किसान ने कहा कि अगर भला ही करना है तो MSP क्यों नहीं लाते? किसानों ने राजनीतिक भाषा इस्तेमाल करते हुए कहा कि क्या अडानी-अंबानी सीधे किसानों से खरीदेंगे?
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 29, 2020
राहुल ने एक किसान से सवाल किया कि पीएम मोदी ने MSP का वादा किया है, जिस पर किसान ने कहा कि वो उनकी बात नहीं मान रहे हैं. कृषक ने कहा कि पहले ईस्ट इंडिया कंपनी थी और अब ये कार्पोरेट कंपनी आ जाएगी. इस कानून से सिर्फ कंपनी का फायदा होगा, किसान मजदूर बन जाएगा. बिहार के एक किसान ने तो 2006 का कृषि कानून फिर से लागू करने की सलाह दी है.
गौरतलब है कि जब संसद में कृषि बिल को लेकर घमासान हो रहा था, उस वक्त राहुल गांधी विदेश में थे. अब जब राहुल आए हैं तो देशभर में बिलों से कानून बने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. राहुल गांधी अब देशभर के किसानों से उनका हाल जानेंगे और उनकी परेशानियों पर मंथन करने के बाद सरकार के समक्ष उनकी समस्याएं रखेंगे.
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पहले कोरोना, फिर चीन और अब राहुल गांधी द्वारा पुरजोर तरीके से कृषि कानून व इसके विरोध का मुद्दा उठाया जा रहा है. सोमवार को ही राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने नए कृषि बिलों को किसानों के लिए मौत का फरमान बताया. राहुल गांधी ने लिखा, ‘केंद्र द्वारा लाया गया नया कानून किसानों के लिए मौत का फरमान है. भारत में किसानों की आवाज को संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह दबाया जा रहा है. ये इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है.’
The agriculture laws are a death sentence to our farmers. Their voice is crushed in Parliament and outside.
Here is proof that democracy in India is dead. pic.twitter.com/MC4BIFtZiA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 28, 2020