Politalks.News/Rajasthan. कृषि कानूनों के विरोध में 33 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में राजस्थान की गहलोत सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मोदी सरकार को खुली चुनौती दी है. खाचरियावास ने कहा कि, “मोदी सरकार तीनों कृषि बिलों में से किसानों को होने वाला यदि एक भी फायदा गिना दे, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.” खाचरियावास ने कहा कि, ‘इन बिलों से किसानों का कोई भला नहीं होगा. बल्कि नुकसान होने वाला है. यही वजह है कि आज ये आंदोलन हिंदुस्तान का आंदोलन बन गया है.’ प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी के नेता आए दिन कांग्रेस द्वारा आंदोलनकारियों पर भड़काने के आरोप लगाए जा रहे हैं उनमें किसी प्रकार की सच्चाई नहीं है.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान करते हुए कहा कि पीएम मोदी की ये बड़ी परीक्षा है. इसमें मोदी जी को झुकना होगा और यदि वो झुकेंगे तो बड़े होंगे. खाचरियावास ने कहा कि किसान आंदोलन में अब तक 40 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. केंद्र सरकार को आगे आकर वार्ता करके किसानों की मांगें माननी चाहिए.
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मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने किसान आंदोलन को लेकर ना सिर्फ मोदी सरकार को खरी खोटी सुनाई बल्की प्रदेश भाजपा को भी आड़े हाथों लिया. प्रताप सिंह ने कहा कि बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को छात्रसंघ चुनाव में हराया था. राजस्थान यूनिवर्सिटी के चुनाव में हमने चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्होंने कहा कि वे मेरे दोस्त हैं, लेकिन उनसे उम्मीद करता हूं किसानों के हक की बात करें. बीजेपी के नेता किसानों के लिए अपनी राय नहीं रख रहे. इस आंदोलन के लिए अब झूठ फरेब नहीं चलेगा. पुरानी बीजेपी के नेता खुलकर अपनी राय रखते थे. वे भले ही अटल बिहारी वाजयपेयी या भैरो सिंह शेखावत हो और लाल कृष्ण आडवाणी हो, वे कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते थे. भले ही कोई सहमत या असहमत हो.
आपको बता दें, कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन का आज 33वां दिन है. किसानों ने बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला लेते हुए शनिवार को सरकार को चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें किसानों ने मंगलवार 11 बजे मीटिंग करने का वक्त दिया है. किसानों ने अपनी चिट्ठी में 4 शर्तें रखीं हैं जिन पर केन्द्र सरकार आज जवाब दे सकती है. इसके आलावा शाहजहांपुर बोर्डर पर राजस्थान के नेताओं और किसानों का आंदोलन पिछले 16 दिनों से जारी है.