युवाओं को फ्री वैक्सिनेशन पर तेज हुई सियासत, सीएम गहलोत की मांग पर बीजेपी हुई हमलावर

सीएम गहलोत ने की मोदी सरकार से सभी को मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने की मांग, विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी वेव भी आ सकती है, हमें करना होगा जल्द से जल्द वैक्सीनेशन, सीएम की मांग पर प्रदेश बीजेपी के नेता हुए हमलावर, बीजेपी के नेताओं ने सीएम को दी नसीहत, खाचरियावास ने साधा बीजेपी और मोदी सरकार पर ज़ोरदार निशाना

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Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से युवाओं को कोरोना वैक्सीन फ्री देने की मांग क्या की, इस पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने सीएम गहलोत के बयान पर सवाल उठाते हुए जबरदस्त निशाना साधा. इससे पहले सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस पार्टी और राज्यों द्वारा लगातार मांग करने के बाद केन्द्र सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों के वैक्सीनेशन का फैसला किया है जिसका हम स्वागत करते हैं. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं को भी फ्री वैक्सीन लगाने की घोषणा करनी चाहिए. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि फ्री वैक्सीन ना मिलने पर युवाओं का केन्द्र सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ेगा.

इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कोविड वैक्सीनेशन पूरे देश के लिए फ्री होना चाहिए. केन्द्र सरकार को आयुवर्ग के आधार पर जनता में भेदभाव नहीं करना चाहिए. केन्द्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को वैक्सीन लगाने की अनुमति दी है इसलिए सक्षम लोग स्वयं ही वहां पैसे देकर वैक्सीन लगवा सकेंगे. बाकी सभी के लिए केन्द्र सरकार को निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध करवानी चाहिए.

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सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड महामारी की यह सेकंड वेव बेहद खतरनाक है जिसमें संक्रमण दर और मृत्यु दर दोनों बहुत अधिक हैं. रोगियों को दवाई और ऑक्सीजन की पूर्ति तक समय पर नहीं हो पा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि महामारी की थर्ड वेव भी आ सकती है. इन हालातों की फिर पुनरावृति ना हो इसके लिए बेहद जरूरी है कि सभी को जल्द से जल्द वैक्सीन लगनी चाहिए. इसके लिए मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों के लिए भी फ्री वैक्सीनेशन की घोषणा करेंगे जिससे सभी नागरिकों को वायरस से सुरक्षा मिल सकेगी.

सीएम गहलोत के इस बयान पर प्रदेश बीजेपी के नेता हमलावर हैं, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सीएम गहलोत के पास विधायकों की बाड़ाबंदी के लिए खजाना है, लेकिन जनता की बारी आते ही उनका खजाना खाली हो जाता है. उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने फ्री वैक्सीनेशन का ऐलान कर दिया है, मुख्यमंत्री जी आपको अपने राज्य में फ्री वैक्सीनेशन में क्या एतराज है?

सतीश पूनियां ने कहा कि कोरोनाकाल के गंभीर हालात में प्रदेश के अस्पतालों में भेजे जाने वाले 2 हजार से अधिक ऑक्सीजन कॉन्स्ट्रेटर का टेंडर रद्द कर दिया गया. गहलोत राज में कभी वैक्सीन चोरी हो रही हैं तो कभी कॉन्स्ट्रेटर टेंडर रद्द हो रहे हैं. आगे तंज कसते हुए पूनियां ने कहा कि, हर बात पर केंद्र सरकार को नसीहत देने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मारवाड़ के गांधी से जवाब क्यों नहीं मांगते? राज्य के जनहित में कोरोना प्रबंधन को गंभीरता के साथ व्यवस्थित करने की नसीहत गहलोत को क्यों नहीं देते?. पूनियां ने दूसरे ट्वीट में कहा कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए केंद्र सरकार को कोसने वाले सीएम गहलोत अपनी हर मांग केंद्र से करते हैं जो पूरी की जाती है, लेकिन एक तरफ उत्तरप्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ हैं, जिन्होंने ना केवल अपराध को नियंत्रित किया है, बल्कि ऑक्सीजन प्लांट को रिकॉर्ड समय में बनवाकर समस्या का भी निदान किया है, मोदी और योगी सरकार के शानदार प्रबंधन से अशोक गहलोत को भी सीख लेने की जरूरत है.

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वहीं, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने मांग की है कि राज्य सरकार अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था करें, ताकि सभी लोग इस वैक्सीन को लगवाकर कोरोना की लड़ाई में स्वयं को सुरक्षित कर सके.

दूसरी तरफ भाजपा और केन्द्र की मोदी सरकार पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने हमला बोला. खाचरियावास ने बयान दिया कि पीएम मोदी की नाकामी का ही परिणाम है कि कोरोना की जबरदस्त महामारी पूरे देश में फैल गई है फिर भी देश का अन्नदाता किसान बॉर्डर पर बैठा तड़प रहा है उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. हालात इतने खराब है कि पूरे देश में हर राज्य में ऑक्सीजन की समस्या खड़ी हो गई है. रेमडेसिविर इंजेक्शन काला बाजार करने वालों के हाथ में फंस गया है, जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है. खुद प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में इलाज के अभाव में एक ई-रिक्शा में मां के पांव में बेटे की लाश देखकर पूरा देश हिल गया है.

खाचरियावास ने कहा कि जितनी चिंता प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार बंगाल के चुनाव की कर रही है उसकी 10% चिंता जनता की कोरोना संकट को लेकर करती और डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की बात मानकर इस लहर की चेतावनी को मानते हुए कोरोना की महामारी से लड़ने की पहले से तैयारी कर लेती तो इतनी दिक्कत नहीं आती. केंद्र सरकार को पूरे देश के हर जिले में भगवान राम के नाम से कोरोना से लड़ने के लिए अस्पताल खोल देने चाहिए थे और केंद्र का खजाना, प्रधानमंत्री राहत कोष, इस वक्त देश की जनता के इलाज के लिए उनकी रक्षा के लिए जान बचाने के लिए लोगों की भूख मिटाने के लिए काम में आना चाहिए था लेकिन केंद्र सरकार कोरोना महामारी में भी राज्यों की कोई मदद नहीं कर रही है.

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परिहवन मंत्री खाचरियावास ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऑक्सीजन मैनेजमेंट अपने हाथ में लेकर केंद्र सरकार ने भेदभाव फैला दिया है. खाचरियावास ने कहा कि इस वक्त पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ देख रहा है.

सियासी बयानबाजी के बीच आपको बता दें कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने संकट बढ़ा दिया है. जन अनुशासन पखवाड़े के तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रदेश में बुधवार को कोविड-19 के रेकॉर्ड 14622 नए संक्रमित सामने आए, वहीं 62 मौतें हो गईं. जयपुर जिले में संक्रमण का कहर ऐसा बरपा है कि 24 घंटे में ही करीब 1100 से अधिक मामलों की बढ़ोत्तरी हुई और नए संक्रमित 3 हजार से अधिक 3101 दर्ज किए गए हैं. वहीं जोधपुर जिले में अब 18 मौतें हुई हैं, जो अब तक किसी भी जिले में सर्वाधिक है. इससे पहले भी इसी जिले में दो बार 17-17 मौतें हो चुकी हैं. इसके साथ ही उदयपुर में 8 और जयपुर व कोटा में 5-5 मौतें हुई हैं. ऐसे में प्रदेश में कुल संक्रमित 453407 और कुल मृतक 3330 हो गए हैं, जबकि एक्टिव केस अब 96366 हैं, जिनके गुरूवार को एक लाख पार जाने की आशंका है.

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