पायलट ने 1.13 करोड़ मनरेगा श्रमिकों को पूरी मजदूरी व न्यूनतम 200 दिन के रोजगार के लिए केंद्र को लिखा पत्र

मनरेगा में निर्धारित 100 दिवस के रोजगार को बढ़ाकर प्रति परिवार 200 दिन किया जाए, प्रदेश की सामग्री मद की बकाया राशि रूपये 310 करोड़ जारी करने के साथ ही अतिरिक्त राशि भी तत्काल उपलब्ध करवाई जाए - पायलट

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देशभर में कोरोना कहर के चलते पिछले एक महीने से जारी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दिहाडी मजदूरों पर पडा है. इसको देखते हुए राजस्थान में मॉडिफाइड लॉकडाउन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने के लिए राज्य सरकार द्वारा मनरेगा कार्यों की शुरूआत की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में ओर अधिक रोजगार देने के लिए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रदेश के 1.13 करोड़ मनरेगा श्रमिकों को संबल प्रदान करने के लिए मनरेगा में निर्धारित 100 दिवस के रोजगार को बढ़ाकर प्रति परिवार 200 दिन किया जाए और लॉकडाउन की अवधि के दौरान अधिकतम 100 दिवस की सीमा तक मनरेगा मजदूरों को प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति पूरी मजदूरी का भुगतान किया जाये.

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया कि मनरेगा योजना ग्रामीण श्रमिकों की जीवन रेखा है. कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन के कारण दिहाडी मजदूर, लघु सीमांत किसान, कृषि श्रमिक तथा निर्माण श्रमिक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है. इसलिए हमने केन्द्र से मांग की है कि वर्ष 2020-21 में प्रभावित लोगों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए मनरेगा में निर्धारित 100 दिवस के रोजगार को बढ़ाकर प्रति परिवार 200 दिन किया जाये.

केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में पायलट ने यह भी उल्लेख किया है कि लॉकडाउन के चलते मनरेगा के क्रियान्वयन की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में योजना के तहत पर्याप्त राशि उपलब्ध होना अति आवश्यक है. अतः प्रदेश की सामग्री मद की बकाया राशि रूपये 310 करोड़ जारी करने के साथ ही अतिरिक्त राशि भी तत्काल उपलब्ध करवाई जाये जिससे कि बफर उपलब्ध रहने से योजना का क्रियान्वयन प्रभावित न हो.

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पायलट ने अपने पत्र में आगे लिखा कि लॉकडाउन के कारण देशभर में लाखों प्रवासी मजदूर मजदूरी, आजीविका एवं भोजन के अभाव में अपने-अपने निवास की ओर लौट रहे है. ऐसे संकटकाल में ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप ये पिछड़े एवं लॉकडाउन के कारण प्रभावित लोगों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने का सर्वोत्तम उपाय मनरेगा योजना ही है.

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