राजस्थान (Rajasthan) कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच की अदावत की खबरें अब आम दिनचर्या कि सी बात हो गई है. शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष और राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में दो उपमुख्यमंत्री बनाने के इच्छुक हैं, इस पर पायलट ने सीएम गहलोत पर तंज कसते हुए काफी तल्ख अंदाज में कहा, ‘यदि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधर सकती है और किसानों की कर्ज माफी के वादे पूरे किए जा सकते हैं तो तो केवल दो ही क्यों, पांच उपमुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाए जा सकते?

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राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसी भी तरह से प्रदेश में सचिन पायलट के बढ़ते कद को कम करने के भरकस प्रयास में लगे हुए हैं. सीएम गहलोत ने पहले मंत्री हरीश चौधरी के द्वारा एक व्यक्ति एक पद का मुद्दा उठा कर पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाना चाहा लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने इस पर दो टूक जवाब देते हुए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इसके बाद से लगातार खबरें आ रहीं हैं कि मुख्यमंत्री गहलोत प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री बनाकर पायलट के अधिकार कम करना चाह रहे हैं. लेकिन चुनाव के बाद से मुख्यमंत्री पद को छोड़कर पायलट हर मोर्चे पर गहलोत पर इक्कीस ही पड़े हैं.

प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी और कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर भाजपा पहले से ही सरकार को लगातार घेर रही है. राज्य में खींवसर और मंडावा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ सबसे बड़े हथियार के रुप में इन दोनों मुद्दों को ही अपनी ताकत बनाया है. ऐसे में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का यह बयान कि, ‘अगर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधर सकती है और किसानों के कर्ज माफ हो सकते हैं तो केवल दो ही क्यों? पांच उपमुख्यमंत्री भी हो सकते हैं’, यह सीधा- सीधा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कसा गया एक जबरदस्त तंज है. हालांकि, पायलट ने ऐसे किसी प्रस्ताव के बारे में अनभिज्ञता जताई. उन्‍होंने कहा, इस तरह के प्रस्‍ताव के बारे में उन्‍हें कोई जानकारी नहीं है. यह सब पार्टी नेतृत्व पर निर्भर करता है. सरकार की तरफ से भी अधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है.

इससे पहले जातीय समीकरण साधने के लिए राजस्‍थान से खबर आई थी कि दो और उपमुख्‍यमंत्री बनाए जा सकते हैं. पायलट ने आगे कहा, ‘सरकार में हमारा ध्यान जनता से किये गये वादों को पूरा करने पर होना चाहिए और हमारी प्राथमिकता है कि हम मतदाता के प्रति जिम्मेदार रहे.’ गौरतलब है कि अशोक गहलोत ने अपने पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष में जाट समुदाय पर वर्चस्व कायम रखने के लिये कमला बेनीवाल और अनुसूचित जाति में वर्चस्व रखने के लिये बनवारी लाल बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाया था. वहीं बीजेपी ने हाल ही में जाट नेता और विधायक सतीश पूनियां को राज्य का प्रदेशाध्यक्ष बनाया है.

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बता दें कि सचिन पायलट ने हाल ही में थोड़े दिनों पहले ही प्रदेश में गिरती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि सरकार को कानून व्यवस्था पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है. गृह विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही हैं. ऐसे में प्रदेश में मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पायलट के बीच की बढ़ती खींचतान से होने वाला उपचुनाव में कांग्रेस को खींवसर और मंडावा दोनों सीटों से हाथ धोना पड़ सकता है.

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