जयपुर के बिड़ला सभागार में 150वीं गांधी जयंती (Gandhi Jyanti) के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित एक विशेष अधिवेशन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच की खींचतान एक बार फिर से देखी गई. दरअसल अधिवेशन में धन्यवाद भाषण के दौरान मंच को संबोधित करते हुए पायलट ने सीधे-सीधे गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पार्टी में कुछ गलत हो रहा है तो आपमें बोलने की और मुझमें सुनने की शक्ति होनी चाहिए. अगर आप बोलने की ताकत नहीं रखते तो आप जनता की आवाज उठाने की ताकत नहीं रखते. अगर किसी में सुनने की शक्ति नहीं है तो उसमें शासन करने की शक्ति नहीं है.

सचिन पायलट के धन्यवाद भाषण से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब अधिवेशन को संबोधित करने मंच पर पहुंचे तो उन्होंने ये कहते हुए पायलट पर निशाना साधा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इस कार्यक्रम में मुझे बोलने के लिए केवल 10 मिनिट दिए गए हैं. इसके बाद सेवेम गहलोत ने गांधीजी के पद चिन्हों पर चलने का आव्हान आदि करते हुए अपना भाषण समाप्त किया. फिर सचिन पायलट ने धन्यवाद भाषण की शुरुआत में मुख्यमंत्री गहलोत को जवाब देते हुए कहा कि, “गहलोत साहब ने अभी कहा कि उन्हें केवल 10 मिनिट दिए गए, टाइप करने वालों ने हम सभी को बोलने के लिए 10 मिनिट का ही समय दिया गया है. लेकिन मैं दिल की गहराइयों से आपको यह कहना चाहता हूं कि जब तक मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष हूं, आप जितना चाहें बोल सकते हैं. आपको कोई रोक टोक नहीं है“.

पायलट ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच आपसी संवाद होना चाहिए. उस संवाद के बाद ही सरकार को नीति निर्माण करना चाहिए. उन्होंने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि अगर मैं पद से चिपके रहना चाहता हूं तो अपने मन की बात स्पष्टता से रखनी चाहिए. इस दौरान पायलट ने अपनी पिता स्व.राजेश पायलट और खुदके बीच हुए एक संवाद का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी अपनी बात स्पष्टता से रखने के पक्षधर रहे. उन्होंने कहा कि स्पष्टवादिता में, संवाद करने में या फिर दो नेताओं के बीच मतभेद अगर होता है तो दोनों पक्षों की बाते सुनकर सही निर्णय लेने की ताकत होनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी की संवाद की परंपरा रही है, अत: इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के आदर्शों पर एक संकल्प पत्र पढ़कर सुनाया.

इससे पहले बिड़ला सभागार में हुए इस विशेष अधिवेशन को गहलोत सहित मंत्री बीडी कल्ला, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, सह प्रभारी विवेक बंसल, पूर्व सांसद रघुवीर मीना, कांग्रेसी नेता गिरिजा व्यास और मोहन प्रकाश सहित कई गणमान्य हस्तियों ने संबोधित किया. विशेष अधिवेशन के दौरान बिरला सभागार में गांधीजी की यादों के झरोखे से एक प्रदर्शनी भी लगाई गई. इन फोटो के माध्यम से गांधीजी के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए जनता को धन दान लेते हुए सहित राष्ट्रपिता की यादों के झरोखे से कई अहम छाया चित्र प्रदर्शित किए गए.

मंच को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस का गौरवशाली इतिहास रहा है. यहां के एक कार्यकर्ता मजबूती से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं. वहीं CWC सदस्य रघुवीर मीना ने कहा कि भाजपा वाले कांग्रेस को खत्म करने की बात करते है लेकिन जब तक नोट पर गांधीजी की फोटो रहेगी तब तक कांग्रेस खत्म नहीं होगी.

वहीं राज्य सरकार में मंत्री बीडी कल्ला ने विपक्ष पर गांधी के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि धर्म, जाति, प्रांत और भाषा के नाम पर होने वाली इस राजनीति का विरोध किया जाना चाहिए और कांग्रेसजन को महात्मा गांधी का संदेश घर-घर तक पहुंचाना चाहिए.

अभिनेता की तरह बात करते हैं पीएम मोदी

कांग्रेस के इस विशेष अधिवेशन में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदीजी ने विदेश नीति की धज्जियां उड़ाई है. वे अमेरिका में जाकर कह रहे हैं ‘अगली बार ट्रंप सरकार’ लेकिन अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति नहीं बने तो विदेश नीति कैसी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह ट्रंप का हाथ पकड़कर घूमते हैं, वे एक अभिनेता की तरह अभिनय करते दिखाई देते हैं. इस दौरान ट्रम्प के नरेंद्र मोदी को ‘फादर ऑफ नेशन’ कहने पर भी एतराज जताया गया.

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