अब बृजेंद्र ओला और हरीश मीणा ने उठाए गहलोत सरकार पर सवाल, बोले- हम हैं पायलट के साथ

हम सचिन पायलट के साथ हैं और रहेंगे लेकिन पायलट के साथ होने का मतलब कांग्रेस के खिलाफ होना नहीं है- हरीश मीणा, पांच साल तक यहां हमने सचिन पायलट के साथ रहकर संघर्ष किया. किसानों और आम लाेगों के बीच गए और उनसे वादा किया... लेकिन अब तो विधायकों के ही काम नहीं हो रहे हैं, आम कार्यकर्ताओं की तो बात ही क्या करें?- बृजेंद्र सिंह ओला

हम सचिन पायलट के साथ हैं और रहेंगे लेकिन पायलट के साथ होने का मतलब कांग्रेस के खिलाफ होना नहीं
हम सचिन पायलट के साथ हैं और रहेंगे लेकिन पायलट के साथ होने का मतलब कांग्रेस के खिलाफ होना नहीं

Politalks.News/Rajasthan. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थक विधायकों की गहलोत सरकार के खिलाफ खुलकर बयानबाजी जारी है. वेदप्रकाश सोलंकी, हेमाराम चौधरी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया गहलोत सरकार पर पहले ही सवाल उठा चुके हैं. वेदप्रकाश सोलंकी तो विधायकों की जासूसी और फोन टेपिंग तक के गम्भीर आरोप लगा चुके हैं. अब पायलट समर्थक देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा ने गहलोत सरकार को जल्द गतिरोध को खत्म करने की नसीहत देते हुए कहा कि, ‘हम सचिन पायलट के साथ हैं और रहेंगे लेकिन पायलट के साथ होने का मतलब कांग्रेस के खिलाफ होना नहीं है.’ बता दें, हाल ही महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हरीश मीणा से सवाल पूछे जाने पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया था.

इसके साथ ही पायलट खेमे के झुंझुनूं विधायक बृजेंद्र सिंह ओला ने भी गहलोत सरकार पर हमला बोला है. ओला ने कहा कि, ‘पांच साल तक यहां हमने सचिन पायलट के साथ रहकर संघर्ष किया. किसानों और आम लाेगों के बीच गए और उनसे वादा किया कि कांग्रेस सरकार बनेगी तो सत्ता में उनकी भी हिस्सेदारी होगी. सरकार भी बन गई लेकिन अब तो विधायकों के ही काम नहीं हो रहे हैं, आम कार्यकर्ताओं की तो बात ही क्या करें? मौजूदा राजनीतिक माहौल में हम मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते.’

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ओला ने कहा- कार्यकर्ताओं से किए वादे जल्द पूरे होने चाहिए. मेरे परिवार की राजनीतिक पृष्टभूमि कांग्रेस से ही जुड़ी रही है. मुझे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व पर पूरा विश्वास है. जिस कार्यकर्ता ने पार्टी के लिए काम किया है उसके विश्वास पर हमें खरा उतरना होगा, जनता ने कांग्रेस पर विश्वास करके वोट दिया है तो उस विश्वास पर खरा भी उतरना होगा. बृजेन्द्र ओला ने आगे कहा कि, हम पहले भी यह बात उठा चुके थे कि हमें कार्यकर्ता और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए काम करना होगा. यहां हमारी सुनवाई नहीं हो रही थी इसलिए हम पायलट साहब के नेतृत्व में दिल्ली गए थे. हम कांग्रेस के हित की बात कह रहे हैं, पार्टी को ढाई साल बाद फिर से चुनाव में जाना है, इसलिए जो वादे किए हैं उन्हें पुरा करना होगा. मौजूदा राजनीतिक माहौल में हम मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते.’

वहीं पूर्व डीजीपी और देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा ने कहा कि, ‘प्रदेश में अभी जो गतिरोध चल रहा है उस कर अतिशीघ्र समाधान होना चाहिए. यह गतिरोध न कांग्रेस पार्टी के हित में है और न प्रदेश की जनता के हित में है. हमें लोगों ने काम करने के लिए जिताया है. कांग्रेस को सत्ता में लाने में पायलट साहब की अहम भूमिका थी. जनता ने उनके नेतृत्व में विश्वास जताया था. अब हालत यह हो गई है कि हम लोगों की सुनी नहीं जा रही है. हम विधायकों की ही जब नहीं सुनी जा रही है तो जनता में आक्रोश फैल रहा है क्योंकि उनके काम ही नहीं हो रहे.’

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हरीश मीणा ने आगे कहा कि पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस की सबसे ज्यादा सीटें आई हैं और पूर्वी राजस्थान में ज्यादा सीटें लाने में पायलट साहब का विशेष योगदान था. अब पूर्वी राजस्थान में इंप्रेशन है कि वहां अफसर मनमानी कर रहे हैं, विधायकों की सुनी नहीं जा रही है, इसलिए अफसरों का राज हो गया. हम चाहते हैं कि जल्द जनता की समस्याओं का समाधान हो. हरीश मीणा ने इशारों में कहा कि जिस पूर्वी राजस्थान से सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस जीती वहां से आज एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं है. पूर्वी राजस्थान में कई गंभीर समस्याएं हैं जिनका कोई समाधान नहीं हो रहा है. जब लोगों के काम नहीं होते हैं तो निराशा और आक्रोश फैलता है.’

इसके साथ ही पायलट समर्थक विधायकों के साथ भेदभाव के कारण के सवाल पर हरीश मीणा ने कहा कि, जिस भी कारण से हो, लेकिन विधायकों की सुनवाई नहीं होना गंभीर बात है. हम सचिन पायलट के साथ हैं और रहेंगे, हम पायलट के नेतृत्व में चुनाव लड़कर जीते हैं. हम कांग्रेस पार्टी के हित की बात उठा रहे हैं, जल्द गतिरोध खत्म करके जनता के काम करने चाहिए ताकि ढाई साल बाद फिर से कांग्रेस की सरकार बन सके. हरीश मीणा ने जोर देकर कहा कि सचिन पायलट के साथ होना कांग्रेस के विरोध में होना नहीं है, सरकार इस पर ध्यान दें.

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